भारत मै विभिन्न प्रकार के राइटर है,हर किसी का अंदाज़ अलग है। भारत प्राचीन काल से ही अपनी कला और लेखन के लिए जाना जाता रहा है।
बात करे हर राइटर की हर किसी में अपनी अगल अगल लिखने की रुचि है जिसे लोग भेहद पसंद भी करते हैं। इन राइटर की बहोत प्रसिद्ध पुस्तक बाजारों मे बिकी जाती है और लोग खरीदते भी है। आए हम आपको आज अगल अगल राइटर के बारे मे बताते है जिनके चर्चे काफी होते है।
“जिंदगी सस्ती है साहब ,जीने के तरीके महंगे हैं” ऐसे हजारों शायर है इनके जिन्हें लोगों के दिलों में जगह बनाई है यह शक्स और कोई गुलज़ार साहब है। गुलज़ार के नाम को कोन नहीं जनता होगा। गुलज़ार साहब जिनका असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है। उनका जन्म १८ अगस्त १९३४ मे हुआ। पेशेवर रूप से एक भारतीय गीतकार, कवि, लेखक और फ़िल्म निर्देशक हैं।उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत संन1963 की फिल्म बंदिनी से किया उसमे में एक गीतकार के रूप में काम करते नज़र आए । तब से लोगो के दिलो को जीतने वाला ये शक्स और कोई नहीं गुलजार साहब है। ऐसे हजारों शायर है इनकी, इनकी पुस्तक है जिन्हें इन्होंने अपने लिखित से साझा किया है। और इसी तरह गुलजार साहब ने लोगों के दिलों में जगह बनाई है।
चेतन प्रकाश भगत जिनका जन्म २२ अप्रैल १९७४ दिल्ली मे हुआ था । एक भारतीय और मशहूर लेखक हैं। उन्हें २०१० में टाइम मैगजीन ऑफ वर्ल्ड के १०० प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया गया था।और उनकी पहेली
सूची कामयाब रही। भगत ने अपनी पढ़ाई मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पूरा किया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक बैंकर के रूप में की थी, लेकिन कुछ वर्षों के बाद इन्होंने इसे छोड़ दिया। भगत ने नौ फ़िक्शनल और तीन नॉन फिक्शन किताबें लिखी हैं। उनका पहला नॉवेल, फाइव पॉइंट समवन (five point someone)जो साल 2004 में प्रसिद्ध हुआ था। उसके बाद साल 2008 में हैलो ,साल 2009 में 3 इडियट्स , काई पो चे जैसी बॉलीवुड फिल्मों में अपने लेख को साजा किया है। साल 2014 में 2 स्टेट्स और साल 2017 में हाफ गर्लफ्रेंड जैसे अपनी नॉवेल लिखी है। भगत ने 2014 में किक जैसी बॉलीवुड फिल्मों को भी लिखी है ।
रविंदर सिंह का जन्म 4 फरवरी 1982मे हुआ। एक भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और नौ नोवेल के लेखक हैं । आई टू हैड ए लव स्टोरी(I too had a love story), कैन लव हैपन ट्वाइस?(can Love happen twice), लाइक इट हैपंड यसटरडे(like it happened yesterday )। ऐसे नॉवेल के लेखक रविंद्र सिंह है जिनकी लोग काफी चर्चा करते हैं ।रविंदर सिंह एक रोमांस लेखक कहलाए जाते हैं। इनकी अक्सर नॉवेल रोमांस सुस्पेन्से से रचाई होती है। साल 2007 मे सगाई करने से पहले उनकी प्रेमिका की मृत्यु हो गई थी। उन्होंने अपनी और प्रेमिका की कहानी को अपने पहले नॉवेल आई टू हैड ए लव स्टोरी( I Too Had A Love Story) में लिखा था जो साल 2008 में प्रसिद्ध हुआ था।
सावी शर्मा एक भारतीय उपनीय लेखक है । इनकी रुचि हुबहू लेखक रविंद्र सिंह से मिलता है। बात करे इनकी लेखनीय नोवेल की वह सबसे ज्यादा बिकने वाले उपन्यास एवरीवन हैज ए स्टोरी( everyone had a love story) रही है जिन्हें दर्शको ने बेहद पसन्द किया है।इस नोवेल मे इंस्पिरेशनल स्टोरी, ड्रीम्स, फ्रेंडशिप, होप, लव एंड लाइफ की लेखिका हैं।सावी शर्मा एक मीडिया ब्लॉग के संभागीय है जिनका नाम “लाइफ एंड पीपल” हैं। फरवरी 2017 में रिलीज़ हुए उनके दूसरे, उपन्यास दिस इज़ नॉट योर स्टोरी( this is not your story)ने भी 100,000 प्रतियों की बिक्री को पार कर लिया है। सावी शर्मा हमेशा सकारात्मकता, ध्यान, आकर्षण के नियम और आध्यात्मिकता के बारे में लिखती हैं। इनकी नोवेल मे अक्सर इसी प्रकार की रुचि होती है।
सुदीप नागराकरी एक भारतीय उपन्यासकार लेखक है। उनका जन्म २६ फरवरी १९८८ को हुआ। उनका पहला उपन्यास फ़्यू थिंग्स लेफ्ट अनसेड( few things left unsaid )साल 2011 में सृष्टि पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित किया गया था। वे रोमांस शैली में भारत में सबसे अधिक बिकने वाले लेखकों में से एक हैं। अमेज़ॅन इंडिया के अनुसार, उनकी पुस्तक इट फ्रेंड रिक्वेस्ट(it friend request)से शुरू हुई, 2013 की सबसे लोकप्रिय फिक्शन किताब थी। उसके बाद उनकी नोवेल “आ सेकंड चांस”(A second chance) काफी लोगप्रिय चर्चित रहै है।
हरिवंश राय बच्चन हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे इनका जन्म 27 नवम्बर 1907 को हुआ था । हरिवंश राय बच्चन ने अपनी शुरुआती काम मधुशाला से की थी।जो काफी प्रसिद्ध हुआ था पर आज भी लोगों के दिल में उनकी एक कविता जिंदा है । वह सामाजिक कार्यकर्ता, तेजी बच्चन, अमिताभ बच्चन और अजिताभ बच्चन के पिता और अभिषेक बच्चन के दादा भी हैं। उनकी मृत्यु मुंबई मे 18 जनवरी 2003 हुई थी , उनको सांस की बीमारी के वजह से सभी के दिलों में बसने वाले हरिवंश राय बच्चन ने सभी को अलविदा कह दिया।बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावद काल के प्रमुख कवियों में से एक थे। बच्चन जी की बड़ी प्यारी सी कविता है ,जो बीत गई सो बात गई जीवन में एक सितारा था, माना वो बेहद प्यारा था । वो डूब गया तो डूब गया ,अंबर के आनंद को देखो कितने इसके तारे टूटे, कितने इस के प्यारे छूटे । जो छूट गए फिर कहां मिले ,पर बोलो टूटे तारे पर कब अंबर शोक मनाता है ,जो बीत गई सो बात गई ऐसे कई प्रसिद्ध कविता है बच्चन जी के जिन्है काफी लोगो के दिलो मे जगह बनाई।
अमृता प्रीतम ने बहुत कम उम्र में कविता और साहित्य में अपनी रुचि दिखनी शुरू की थी। जिस वजह से उन्हें में अपने जीवन में कवि और उपन्यासकार बनने के लिए बहोत प्रभावित हुई ।अमृता प्रीतम एक साहसी महिला थीं, जो विभाजन पूर्व( pre- participation era) युग के दौरान विवादास्पद ग्रंथ लिखने से नहीं डरी और उहोंने विभाजन पूर्व युग मे उहोंने पंजाबी उपन्यास ‘पिंजर’ (कंकाल) लेकिनया रुचि के लिए उहोंने प्रभावित किया ।भारत के विभाजन के दौरान उन्हें काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ा । उन्हें अपनी पंजाबी उपन्यास “पिंजर ” मे उस युग के दौरान महिलाओं की असहायता और उनके द्वारा किए गए भेदभाव का वर्णन किया है। अमृता प्रीतम के उपन्यास पिंजर पर आधारित बॉलीवुड फिल्म में बनाया गया था जो पूरे देश में काफी हिट हुई थी।
नयनतारा सहगल इनका जन्म 10 मई 1927 को हुआ था वे एक भारतीय लेखिका हैं। जो अंग्रेजी मे इनकी रुचि लिखती हैं। नयनतारा सहगल नेहरू-गांधी परिवार की सदस्य हैं , जवाहरलाल नेहरू की बहन, विजया लक्ष्मी पंडित की दूसरी बेटी है।उन्हें उनके अंग्रेजी उपन्यास रिच लाइक अस (rich like us) साल 1985 के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
नयनतारा सहगल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम वर्षों के दौरान नेहरू परिवार में उथल-पुथल को देखते हुए एक लड़की के रूप में कई स्कूलों में भाग लिया उन्होंने दशकों तक लंढौर के पास एक शहर देहरादून में अपना घर बनाया, जहां उन्होंने बोर्डिंग स्कूल में भाग लिया था।
सुज़ाना अरुंधति रॉय इनका जन्म 24 नवंबर 1961 हुआ था वे एक भारतीय लेखिका हैं । इहोने ने अपनी करियर की शुरुआत साल1997 से की थी साल1997 मे इनकी एक उपन्यास द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स(the god of small thing) काफी चर्चित हुई थी। इन्होंने साल 1997 में फिक्शन नोवेल के लिए मैन बुकर पुरस्कार की कामयाबी जीत हासिल की और एक गैर द्वारा सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक बन गई। सुज़ाना अरुंधति रॉय भारतीय लेखक तो है पर वे एक राजनीतिक कार्यकर्ता भी हैं जो मानवाधिकारों और पर्यावरणीय कारणों में असर अपनी रुचि दिखते है।
समित बसु एक भारतीय उपन्यासकार और फिल्म निर्माता हैं इनका जन्म 14 दिसंबर 1979 को हुआ।
बसु कलकत्ता में पले-बढ़े है जहाँ उन्होंने डॉन बॉस्को स्कूल से पढ़ाई शुरू की और बाद में कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में अपनी डिग्री प्राप्त की। उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद से द सिमोकिन प्रोफेसीज लिखने के लिए पढ़ाई छोड़ दी और फिर लंदन के वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय में ब्रॉडकास्टिंग और फिल्म डोकमेंटरी अपना कोर्स पूरा किया।इन्होंने काफी उपन्यास मैं अपनी रूचि दिखाई है अपने लेख लिखे हैं। विज्ञान कथा के उपन्यास ,फंटसी और सुपरहीरो के उपन्यास, बच्चों की किताबें, ग्राफिक उपन्यास, शॉर्ट फ्लिम और एक नेटफ्लिक्स फिल्म मे इनके नाम सामिल है। उन्होंने जेसीबी पुरस्कार हासिल कीया।
मुंशी प्रेमचंद जिनका पुरा नाम धनपत राय श्रीवास्तव है उनका जन्म १ जुलाई १८८० को हुआ था ।एक हिंदुस्तानी साहित्य के बीसवीं सध्वी के जाने-माने प्रसिद्ध लेखक में से एक है। धनपत राय श्रीवास्तव को उनके कलम के नाम मुंशी प्रेमचंद से जाने जाते है। उहोंने अपनी रुचि अपने उपन्यासों में काफी दिखाई विभिन्न प्रकार के उपन्यास है जिनके नाम गोदान, कर्मभूमि, गबन, मानसरोवर, ईदगाह रही। इनके सारे उपन्यास हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने संन 1907 में सोज़-ए वतन नामक पुस्तक में ५ शॉर्ट फिल्म कलेक्शन के पहले संग्रह प्रकाशित रहे । उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं मे अपनी लिखित सजा की जैसे जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा।
प्रेमचंद ने लगभग तीन वर्ष तक फिल्मों की पटकथा मे लगे रहे।इन्होंने संन1936 मे 8 अक्टूबर को दुनिया को अलविदा कह दिया था। इनकी अंतिम पुस्तक साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण रही।
खुशवंत सिंह एक भारतीय लेखक, वकील, राजनयिक, पत्रकार और राजनीतिज्ञ थे। इनका जन्म २ फरवरी 1914 को हुआ था। साल 1947 में भारत के विभाजन में उनके अनुभव ने उन्हें 1956 में ट्रेन टू पाकिस्तान लिखने के लिए प्रेरित किया। इस उपन्यास के आधार पर सन 1998 में फिल्म बनी, जो उनका सबसे प्रसिद्ध उपन्यास बन गया।आठ साल तक वकील लाहौर के उच्च न्यायालय में काम करने के बाद साल1947 में ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की स्वतंत्रता पर भारतीय विदेश सेवा में शामिल हो गए और साल 1951 में ऑल इंडिया रेडियो में पत्रकार नियुक्त किया गया,फिर उन्होंने 1956 में पेरिस में यूनेस्को का संचार।इस अंतिम के दो करियर मे उन्हें करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। 20 मार्च 2014 को खुशवंत सिंह स्वर्गवास हो गए।
राहत कुरैशी से बदले राहत इंदौरी का नाम लोगों के सहन में बस गए । यह राहत इंदोरी।एक भारतीय उर्दू शायर हर हिंदी फिल्मों के गीतकार थे। इनकी एक शायर थी जो काफी प्रसिद्ध थी और आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।
बुलाती है मगर जाने का नहीं ये दुनिया है इधर जाने का नहीं। मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर, मगर हद से गुज़र जाने का नहीं। ज़मीं भी सर पे रखनी हो तो रखो, चले हो तो ठहर जाने का नहीं। सितारे नोच कर ले जाऊंगा, मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं। वबा फैली हुई है हर तरफ, अभी माहौल मर जाने का नहीं।वो गर्दन नापता है नाप ले, मगर जालिम से डर जाने का नहीं।
इनका जन्म 1 जनवरी 1950 को हुआ था। राहत इंदौरी के पिता रफतुल्लाह कुरैशी और उनकी पत्नी मकबूल उन निसा के वे चौथी संतान थे।उन्होंने साल 1973 में इस्लामिया करीमिया कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य पूरी की। इनकी और एक दोहा “किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है” सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ। 2016 में राहत इंदौरी पर एक किताब ‘मेरे बाद’ किताब लिखी गई किताब में उनकी शायर और गजलों के बारे में बताया। 10 अगस्त 2020 को भारत में COVID-19 महामारी के दौरान कोविड संक्रमण पाए गए थे उन्हें इंदौर, मध्य प्रदेश के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया। और ११ अगस्त २०२० को कार्डियक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई।
विश्वास कुमार शर्मा यानी कुमार विश्वास वे एक भारतीय हिंदी कवि, राजनीतिज्ञ और लेक्चरर हैं। इनका जन्म 10 फरवरी 1970 उत्तर प्रदेश के पिलखुवा शहर के एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ हुआ। कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी के सदस्य और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य है। उन्होंने लाला गंगा सहाय स्कूल में पढ़ाई की थी। उनके पिता, चंद्र पाल शर्मा, आर.एस.एस. में लेक्चरर थे। और उनकी माँ, रमा शर्मा, एक गृहिणी थीं। विश्वास सबसे छोटा है अपने चार भाई और एक बहन के। उन्होंने मोतीलाल नेहरू रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया था क्योंकि उनके पिता चाहते थे कि वे इंजीनियर बनें। पर इंजीनियरिंग में विश्वास को कोई दिलचस्पी नहीं थी और उन्होंने इसे हिंदी साहित्य का अध्ययन करने के लिए छोड़ दिया, जिसमें उन्होंने ने अपनी पीएचडी की पूरी की।विश्वास ने अपनी जाति से अलग पहचान बनाए रखने के लिए अपना नाम विश्वास कुमार शर्मा से बदलकर कुमार विश्वास रख लिया। विश्वास की बड़ी प्रसिद्ध कवि कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!जो लोगो के दिलो मै ज़िंदा है। विश्वास प्रदर्शन करते हैं जिसमें वे अपनी कविता हिंदी, उर्दू और संस्कृत साहित्य के प्रति प्रेम लोगो के बीच बौछार करते हैं। वह भारत से संबंधित सामयिक मुद्दों पर अपनी टिप्पणियों करते है। उन्होंने अमेरिका, दुबई, ओमान, सिंगापुर और जापान सहित विदेशों में कविता पाठ और समारोहों में भाग लिया है।
किरण देसाई उनका 3 सेप्टेंबर् 1971 को दिल्ली मे हुआ है। उन्होंने कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल में अपनी पढ़ाई की। किरण देसा ने 14 साल की उम्र में भारत छोड़ दिया था और वे अपनी मां के साथ अमेरिका जाने से पहले एक साल तक इंग्लैंड में रहीं।जिसके बाद उहोंने बेनिंगटन कॉलेज, हॉलिंस विश्वविद्यालय और कोलंबिया विश्वविद्यालय से क्रेटिंग लेखन की शिक्षा प्राप्त की ।
साल 1998 मे पहला उपन्यास हुलाबालू इन द अमरूद बाग( Hullabaloo in the Guava) प्रसिद्ध हुआ था। उनकी दूसरी पुस्तक द इनहेरिटेंस ऑफ लॉस(The Inheritance of Loss)ने साल 2006 मैन बुकर पुरस्कार का जीत हासिल की। साल 2015 में, उन्हें 20 सबसे प्रभावशाली वैश्विक भारतीय महिलाओं में से एक के रूप में भाग लिया था।
शशि थरूर का जन्म 9 मार्च 1956 लंडन मे हुआ है।
थरूर भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशनों के लिए एक स्तंभकार और लेखक हैं ।थरूर ने साल 1975 में दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढाई की। साल 1978 में फ्लेचर स्कूल ऑफ लॉ एंड डिप्लोमेसी, टफ्ट यूनिवर्सिटी से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों अपनी पढ़ाई समाप्त की। इन्होंने सिर्फ सब 22 साल की उम्र में, वह फ्लेचर स्कूल से समानित किया गया था। साल 1978 से 2007 तक, थरूर United Nations में कैरियर की जीत हासिल की। इन्होंने द न्यू यॉर्क टाइम्स, द वाशिंगटन पोस्ट, गार्जियन आदि मै अपनी रुचि को सजा किया है। वह एक लोकसभा सांसद हैं। उनका मासिक कॉलम इंडिया रीवाकिंग दुनिया भर के 80 अखबारों में प्रकाशित होता है। उन्होंने अपनी कैरियर की शुरवात ६ साल की उम्र में ही लिखना शुरू किया था और १० साल की उम्र में के जानेमाने चेहरे बन गए। उनकी किताबें भारत में ब्रिटिश अत्याचारों पर एक अधिकार हैं।उनकी उल्लेखनीय कार्य:महान भारतीय उपन्यास(The Great Indian Novel), द फाइव डॉलर स्माइल एंड अदर स्टोरीज(The Five Dollar Smile and Other Stories) , शो बिजनेस(Show Business) , दंगा(Riot) |
विक्रम सेठ इनका जन्म 20 जून 1952 कोलकाता मे हुआ है।उनके पिताक का नाम प्रेम नाथ सेठ है जो बाटा शूज़ के कार्यकारी थे और उनकी माँ का नाम लीला सेठ दिल्ली उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश और भारत में एक राज्य उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश पहली महिला थी बनीं। साल 1993 में 1349 पन्नो का नोवेल प्रकाशित हुआ था।इनकी एक उपन्यास ए सूटेबल बॉय (a suitable boy) ने उन्हें लोगो से काफी सुर्खियों बटोरा था । उन्हें पद्म श्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार, प्रवासी भारतीय सम्मान और डब्ल्यूएच स्मिथ साहित्य पुरस्कार जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।अब तक उनके उल्लेखनीय कार्य: एक उपयुक्त लड़का(A Suitable Boy) ,गोल्डन गेट(The Golden Gate) ,एक समान संगीत(An Equal Music) , दो जिंदगियां(Two Lives)।
मुल्क राज आनंदी का जन्म 12 डिसेंबर 1905 को पाकिस्तान मे हुआ था।मुल्क राज आनंद ने अमृतसर के खालसा कॉलेज में पढ़ाई की और इंग्लैंड जाने से पहले साल 1924 में सम्मान के साथ पूरी पढाई की। उहोंने रेस्तरां में काम करते हुए यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में भाग लिया और बाद में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढाई पुरी की। साल1929 में बर्ट्रेंड रसेल और अंग्रेजी अनुभववादियों पर एक शोध के साथ पीएचडी की । साल 1938 में अंग्रेजी अभिनेत्री और कम्युनिस्ट कैथलीन वैन गेल्डर से शादी की, साल 1948 में तलाक होगया था उनकी एक बेटी सुशीला थी एँएंग्लो-इंडियन फिक्शन के वे पहले व्यकिती मे से एक है।मुल्क राज आनंद की रुचि एक पारंपरिक भारतीय समाज में गरीब जातियों के चित्रण के लिए उल्लेखनीय हैं।वह अंग्रेजी के पहले भारतीय लेखकों में से एक हैं। साल 1935 में उनकी अपनी पहले उपन्यास प्रकाशित के साथ अंतर्राष्ट्रीय पाठक संख्या मे अपनी जगह बनाई । उनकी जीवन मे अन्य उल्लेखनीय रचनाओं में द विलेज(the village), कुली( Coolie) और द प्राइवेट लाइफ ऑफ ए इंडियन प्रिंस (The Private Life of an Indian Prince)हिस्सा रही है। मुल्क राज एक भारतीय लेखक हैं जिनकी हर किताब की रेकॉमनडेड की जाती है।28 सितंबर 2004 पुणे के जहांगीर अस्पताल मे उनका निधन होगया था।
प्रीति शेनॉय का जन्म 21 डिसेंबर 1971 को हुआ है।
प्रीति शेनॉय एक भारतीय लेख है।अपने स्कूल के वर्षों के दौरान, प्रीति शेनॉय ने भारत के विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षा की जिस के बाद उहोंने गाउंडेश पूरी किया।
साल 2013 के बाद से उन्हें फोर्ब्स की 100 सबसे प्रभावशाली हस्तियों की सूची में लगातार नामांकित किया गया है।जिसकी वजह से उन्है साल का ब्रैंड अकैडमी अवॉर्ड दिया गया । इंडिया टुडे उन्हें ‘सबसे ज्यादा बिकने वाली लीग में एकमात्र महिला’ कहते हैं।उनकी अब तक की उल्लेखनीय कार्य था, यह सब ग्रहों में है(It’s All in the Planets), गुप्त इच्छा सूची(The Secret Wish List), जो आपके पास नहीं हो सकता(The One You Cannot Have), यह एक कारण के लिए होता है(It Happens For A Reason)।
लाइफ इस व्हाट यू मैक इट (Life is what you make it)अब तक की प्रसिद् नोवेल रही है।
अरविंद अडिगा का जन्म 1974 ममे भारत के मद्रास में हुए और मैंगलोर में पले-बढ़े। उन्होंने अपनी पढ़ाई ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में पूरी की जिसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड और कोलंबिया विश्वविद्यालय में भी पढ़ाई की है। जब वह सिर्फ 33 वर्ष के थे तो उनका पहला उपन्यास द व्हाइट टाइगर(The White Tiger) ने साल 2008 में मैन बुकर पुरस्कार की कामयाबी हासिल की ।उन्होंने अपनी करियर की शुरुआती दौर में दो साल तक फाइनेंशियल टाइम्स में एक वित्तीय पत्रकार के रूप में भारत में काम किया है। और आज भी वह इस समय मुंबई में रहे कर कई अन्य अख़बारों के लिए अपने उल्लेखनीय साँझ ते रहते हैं। उनकी अब तक की उल्लेखनीय कार्य:
सफेद बाघ(The White Tiger)
हत्याओं के बीच(Between the Assassinations)
टावर में लास्ट मैन(Last Man in Tower)
चयन दिवस(Selection Day) शामिल रही है।
देवदत्त पटनायक एक भारतीय लेखक हैं।इनका जन्म 11 डिसेंबर 1970 को मुंबई मे हुआ।उन्होंने चेंबूर में अवर लेडी ऑफ परपेचुअल सक्सर हाई स्कूल में पढाई किया। उन्होंने मुंबई पटनायक ने ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मेडिसिन (एम.बी.बी.एस.) में पढाई किया, जिसके बाद उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से तुलनात्मक पौराणिक कथाओं में एक कोर्स किया।
देवदत्त पटनायक पौराणिक (mythology) सलाहकार, लेखक और संचारक भी हैं।इनका काम धर्म,पुराण, मिथक, इतिहास पर केंद्रित है। साल 2017 में देवदत्त ने फ्लिम पद्मावती पर एक बहस शुरू की थी जब उन्होंने रानी पद्मिनी की कहानी पर अपनी आपत्ति जताई और कहा इसे “आजादी से खुद को जलाने वाली महिला के विचारों और मूल्य खरीदने की कोशीश की जा रही है। इस बात पर उनके काफी सुप्पोर्ट भी रहे।उन्होंने पूरे महाभारत को सिर्फ 36 ट्वीट में जोड़ा है और 18 ट्वीट्स में भगवद् गीता। देवदत्त पटनायक एक भारतीय पौराणिक कथाकार और प्राचीन भारतीय शास्त्रों पर अपने काम के लिए प्रसिद्ध हैं।उन्होंने अब तक की उल्लेखनीय लिखे है : मिथक = मिथ्या(Myth = Mithya)
मेरी हनुमान चालीसा(My Hanuman Chalisa)
विष्णु: एक परिचय(Vishnu: An Introduction)
गर्भवती राजा(The Pregnant King)
सीता: रामायण की एक सचित्र रीटेलिंग(Sita: An Illustrated Retelling of the Ramayana)
शिखंडी: और अन्य किस्से वे आपको नहीं बताते(Shikhandi: And Other Tales They Don’t Tell You) अब तक जो शामिल रहे है।
अश्विन सांघी का जन्म 25 जानवारी 1969 मुंबई को हुआ था। अश्विन सांघी एक भारतीय नोवेल राइटर है जो जादा तर थिलर जोनर की पुस्तक लिखते है। उंहोने अपनी पढ़ाई कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल से पूरी की। सेंट जेवियर्स कॉलेज से बीए की पढ़ाई पूरी की और येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की शिक्षा प्राप्त की। साल 1993 मे उन्होंने अपने परिवार के दशरथ में अपना हाथ बाटया।उनकी पहली पुस्तक, द रोज़ाबल लाइन( The Rozabal Line), को 47 साहित्यिक अवार्ड से सम्मानित कीया गया।साल 2006 में उन्होंने अपनी करियर की शुरुआत की । एक व्यापारी और लेखक के रूप में दोनो करियर को बरकरार रखा। उनकी एक के बाद एक बेस्टसेलर मे उनकी उल्लेखनीय प्रकाशित रही। उनकी नोवेल चाणक्य का मंत्र दो साल से अधिक समय से बेस्टसेलर नीलसन(nilson) के टॉप-10 में था। अब तक की उल्लेखनीय कार्य:
कृष्णा कुंजी(The Krishna Key), चाणक्य की चाणक्य(Chanakya’s Chant), रोज़ाबल लाइन(The Rozabal Line) शामिल रही है।
श्रीनाथ राघवन का जन्म 1977 में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद, कोलकाता और चेन्नई में पढ़ाई कि और 1997 में मद्रास विश्वविद्यालय से फिजिक्स मैं स्नातक की डिग्री प्राप्त की। श्रीनाथ राघवन दिल्ली में सीनियर के साथ सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के फेलो भी हैं। जो भारत की विदेश और सुरक्षा नीतियों के कंटेम्परि और ऐतिहासिक पहलुओं में काम करते है।सीपीआर में आने से पहले वे लंदन के कॉलेज में डिफेंस स्टडीज के लेक्चरर थे। उन्होंने किंग्स कॉलेज लंदन से एमए और पीएचडी भी की। अपने करियर से पहले, उन्होंने भारतीय सेना में एक पैदल सेना अधिकारी के रूप में छह साल बिताए। उनकी हाल की पुस्तकों में शामिल हैं :-भारत का युद्ध: आधुनिक दक्षिण एशिया का निर्माण(India’s War: The Making of Modern South Asia)
1971: बांग्लादेश के निर्माण का एक वैश्विक इतिहास
आधुनिक भारत में युद्ध और शांति(1971: A Global History of the Creation of Bangladesh War and Peace in Modern India)
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