Famous sports of Maharashtra | महाराष्ट्र के प्रसिद्ध खेल

Famous sports of Maharashtra

Famous sports of Maharashtra | महाराष्ट्र के प्रसिद्ध खेल
Famous sports of Maharashtra
महाराष्ट्र में खेल महाराष्ट्रीयन संस्कृति का अभिन्न अंग हैं।
क्रिकेट महाराष्ट्र में सबसे अधिक लोकप्रिय खेल माना जाता है लेकिन कबड्डी, हॉकी, खो खो, शतरंज, बैडमिंटन और टेबल टेनिस भी व्यापक रूप से खेला जाता है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में हिंद केसरी और महाराष्ट्र केसरी जैसे कुश्ती प्रतियोगिता नियमित रूप से आयोजित होती रहती है।राज्य में युवा वर्ग के लोगों में सत्य-दंडु और पाक्कडी और भी खेल-कूद लोकप्रिय हैं। महाराष्ट्र ने कई लोकप्रिय एथलीट्स जैसे क्रिकेट के खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर और सुनील गावस्कर और शतरंज के खिलाड़ी पी॰वी॰ सिंधु और टेबल टेनिस के खिलाड़ी पूजा सहस्रबुद्धे तैयार किए हैं।
महाराष्ट्र में कई ऐसे खेल भी है जो सदाबहार हैं और उन सभी खेलों से न सिर्फ आपका मनोरंजन होता हैं, बल्कि शारीरिक एवं मानसिक विकास भी आपका होता हैं। आएये ऐसे ही महाराष्ट्र खेलों के बारे में आपको बताते हैं।

• महाराष्ट्र में खेले जाने वाले लोकप्रिय खेल कौन – कौन से हैं?

 Cricket / क्रिकेट :-

यह एक बहुत ही प्रसिद्द खेल है, इस खेल को गेंद और बल्ले के द्वारा खेला जाता है | क्रिकेट में 11 खिलाड़ियों वाले दो टीम होते हैं और उन दो टीमो का एक ही लक्ष्य होता है की, दोनों ही टीम एक दुसरे से ज्यादा रन बनाए। क्रिकेट के खेल में जिस भी टीम का सबसे ज्यादा रन बनता है वह टीम विजेता कहलाती हैं। महाराष्ट्र के अलावा इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, अफ्रीका जैसें देशों में क्रिकेट का खेल काफी उत्साह के साथ खेला और देखा जाता है। हमारा जीवन खेल के बिना बेरंग है, जिंदगी हमारी बोरिंग सी हो जाती है, इसलिए हमारे जीवन में खेल को मुख्य आधार माना गया है। क्रिकेट खेलने से न सिर्फ़ हमारा मनोरंजन होता है बल्कि इससे हमारी सेहत भी लौटती है। जब क्रिकेट का खेल शुरू हुआ था तब इसे “शाही खेल” माना जाता था।
Cricket

 Kabaddi / कबड्डी :-

 यह भारतीय उपमहाद्वीप में खेला जाने वाला एक खेल है, जो की बांग्लादेश का राष्ट्रिय खेल है। प्राय: उत्तर भारत में कबड्डी नाम का प्रयोग किया जाता है। कबड्डी खेल को दक्षिण में चेडुगुडु और पूर्व में हु तू तू के नाम से भी जानते हैं। कबड्डी खेल भारत के पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान में भी उतना ही लोकप्रिय है। आसान शब्दों में कहा जाए तो इस खेल में ज्यादा अंक हासिल करने के लिए दो टीमों के बीच की एक प्रतियोगिता होती है। अंक हासिल करने के लिए एक टीम का रेडर (कबड्डी-कबड्डी बोलने वाला) विपक्ष पाले (कोर्ट) में जाकर वहाँ मौजूद खिलाड़ियों को छूने की कोशिश करता है। इस दौरान विपक्ष टीम के स्टापर (रेडर को पकड़ने वाले) अपने पाले में आए रेडर को पकड़कर वापस जाने से रोकते हैं और तभी अगर वह इस प्रयास में सफल होते हैं तो उनकी टीम को इसके बदले एक अंक मिल जाता है। और अगर रेडर किसी स्टापर को छूकर अपने पाले में वापस चला जाता है तो उसकी टीम को एक अंक मिलता है, और जिस स्टापर को उसने स्पर्श किया रहता है उसे नियमत: कोर्ट से बाहर जाना पड़ता है। कबड्डी खेल में 12 खिलाड़ी होते हैं जिस में से 7 कोर्ट में होते हैं और 5 रिज़र्व रहते हैं।
• Kabaddi

Hockey / हॉकी :-

हॉकी खेल एक अच्छा खेल है। आमतौर पर, इस खेल को देश के युवाओं द्वारा खेला जाता है। इस खेल को दुनिया भर के अन्य देशों में भी खेला जाता है। यह खेल भारत का राष्ट्रीय खेल है, क्योंकि भारत इस खेल में बहुत अच्छी जीतों के माध्यम से कई बार गौरवान्वित भी हुआ है। भारतीय हॉकी खेल के क्षेत्र में लगातार कई सालों तक विश्व विजेता रह चुका है। हॉकी के खेल का मैदान 91 मीटर लंबा और 55 मीटर चौड़ा होता है। हॉकी खेल के मैदान मध्य में सफेद रंग की सेंटर लाइन होती है। हॉकी खेल में ध्यानचंद नाम के एक शानदार  खिलाड़ी थे जिन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता है। हॉकी खेल की शुरुआत कनाडा से हुई थी। हॉकी थका देने वाला खेल है जिसके वजह से इसके कुछ शारीरिक फायदे भी होते हैं। हॉकी खेल को खेलने से आपका शरीर स्वस्थ रहता है, आपकी फैसला लेने की क्षमता भी बढ़ती है। हॉकी खेल का भारत में प्रदर्शन काफ़ी अच्छा रहा है। इस हॉकी खेल को अकेले या एक टीम के साथ खेला नहीं जा सकता, इस हॉकी खेल के लिए आपको 2 टीम की जरूरत होगी। हॉकी खेल में हर टीम में कुल 11 खिलाड़ी होते हैं, मतलब की 2 टीम में 11 और 11 खिलाड़ी होते हैं। हॉकी खेल को काफी रफ्तार से खेलते है। हॉकी खेल में एक छोटे से गेंद को एक L आकर के छड़ी के साथ आगे वाले टीम के गोल में डालना होता है। हॉकी खेल में जो संघ सबसे अधिक गोल करता है, वह संघ खेल के समय के अंत के बाद विजेता घोषित किया जाता है। हॉकी के खेल को पूरे 60 मिनट तक खेला जाता है। 60 मिनट में हॉकी खेल को 15 मिनट के चार भाग में खेला जाता है ताकि सभी खिलाड़ियों को कुछ समय का आराम मिल सके।
Hockey

Kho – Kho | खो-खो :-

एक भारतीय मैदानी खेल है। खो – खो खेल में मैदान के दोनो ओर दो खम्भो के अतिरिक्त किसी अन्य साधन की जरूरत नहीं पड़ती। खो खो खेल में  प्रत्येक टीम में खिलाड़ियों की संख्या 9 होती है और 3 खिलाड़ी अतिरिक्त होते हैं। खो – खो खेल जो है वो युवाओं में ओज और स्वस्थ संघर्षशील जोश भरने वाला खेल है। खो – खो खेल पीछा करने वाले और प्रतिरक्षक, दोनों में अत्यधिक तंदुरुस्ती, गति और ऊर्जा की माँग करता है। खो-खो किसी भी जगह पर खेला जा सकता है। इस खेल में  शुरुआत से पहले बैठने और दौड़ने के लिए टॉस द्वारा फ़ैसला लिया जाता है। खो – खो खेल में बैठने वाली टीम के सदस्य इस प्रकार बैठते हैं कि रनरों को किसी प्रकार की रुकावट ना हो। भागता हुआ धावक, बैठे हुए खिलाड़ी के पास जाकर पीछे से उसे ऊंची आवाज में खो देता है, और कोई भी बैठा हुआ खिलाड़ी बिना  खो लिए उठकर भाग नहीं सकता है।
 खो’ मिलने के बाद खिलाड़ी उठकर भागता है तथा उसके स्थान पर ‘खो’ देने वाला खिलाड़ी बैठ जाता है। ‘खो’ लेने के बाद यदि पर खिलाड़ी उठने पर ‘सेंटर लाईन’ को क्रास करता है तब फाउल माना जाता है। ‘खो’ लेकर भागने वाला जो खिलाड़ी ठठते ही अपनी दिशा का चुनाव  करता है और फिर उसी दिशा में भागता है। भागने वाला खिलाड़ी केन्द्र गली से दूसरी दिशा में तब तक नहीं जा सकता है जब तक कि वह पोल के चारों तरफ घूम नहीं लेता। कोई भी रनर बैठे हुए किसी भी खिलाड़ी को छू नहीं सकता। अगर रनर के दोनों पैर यदि सीमा से बाहर चले जायें तो वह आउट माना जाता है।
Kho - Kho
Kho – Kho

Chess / शतरंज :-

यह दो खिलाड़ियों द्वारा खेला जाने वाला एक बहुत ही लोकप्रिय और प्राचीन खेल है, जो कि पूरे विश्व में प्रसिद्द है | शतरंज खेल को एक चौपाट बोर्ड के ऊपर खेला जाता है, जिसमें कुल 64 वर्ग होते हैं। यह खेल अन्य पासो वाली खेलों से बहोत अलग है।अन्य पासों वाले खेलों में हार और जीत, पूरे तरह से किस्मत पर निर्भर होती है। परंतु शतरंज में हार और जीत, खेलने वाले व्यक्ति के बुद्धि पर निर्भर करता है। इस खेल को खेलने में दिमाग का अधिक इस्तेमाल किया जाता है। शतरंज का खेल एक प्राचीन है, जिसकी उत्त्पत्ति हमारे भारत देश में ही हुई थी। शतरंज का जो प्रारंभिक नाम है वह चतुरंग था, जिसका उल्लेख ‘हर्षचरित्र’ नामक पुस्तक में भी मिलता है। वर्तमान में इस खेल को पुरे विश्व में खेला जाता है, और इस खेल की प्रतियोगिता अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी होती है। यह खेल को सभी खेलते है परंतु विश्वनाथ आनंद हमारे भारत के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। इस शतरंज खेल की प्रतियोगिता में, भारत कई बार विश्व विजेता भी रह चुका है।
Chess
Chess