Bhide Wada: पुणे में बनेगा महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी का राष्ट्रीय स्मारक

बंबई उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने इस स्थान पर राष्ट्रीय स्मारक बनाने का रास्ता हाल में साफ कर दिया था और जर्जर ढांचे के दुकान मालिकों और किरायेदारों को परिसर खाली करने का आदेश दिया था. पीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, 'संरचना को गिराया जा रहा है और हम यहां राष्ट्रीय स्मारक बनाने की परियोजना से संबंधित कार्य करेंगे.’’नगर निकाय द्वारा संरचना गिराए जाने के मद्देनजर इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई और आधी रात के बाद इसे पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया.

Bhide Wada: पुणे में बनेगा महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी का राष्ट्रीय स्मारक
Bhide Wada: National memorial of Mahatma Jyotiba Phule and his wife will be built in Pune.

Pune Nagar Nigam: पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने अदालत के आदेश के एक महीने बाद भिडे वाडा की जर्जर संरचना को सोमवार देर रात ढहा दिया. समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले ने 1848 में इस स्थान पर लड़कियों के लिए पहला स्कूल शुरू किया था. अधिकारियों ने बताया कि नगर निकाय इस स्थल पर समाज सुधारक दंपति को समर्पित एक राष्ट्रीय स्मारक बनाने की योजना बना रहा है. स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने इस जगह को खाली करने से इनकार कर दिया था और वे अदालत चले गए थे.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया था आदेश
बंबई उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने इस स्थान पर राष्ट्रीय स्मारक बनाने का रास्ता हाल में साफ कर दिया था और जर्जर ढांचे के दुकान मालिकों और किरायेदारों को परिसर खाली करने का आदेश दिया था. पीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, 'संरचना को गिराया जा रहा है और हम यहां राष्ट्रीय स्मारक बनाने की परियोजना से संबंधित कार्य करेंगे.’’नगर निकाय द्वारा संरचना गिराए जाने के मद्देनजर इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई और आधी रात के बाद इसे पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया.

पुलिस ने भी जारी किया था नोटिस
पुलिस उपायुक्त (जोन 1) संदीप सिंह गिल ने कहा कि किरायेदारों और दुकान मालिकों को नोटिस जारी किए जाने के बावजूद पीएमसी को संपत्ति पर कब्जा नहीं सौंपा गया था, इसलिए उसने कार्रवाई के दौरान पुलिसकर्मियों को तैनात किए जाने का अनुरोध किया था. भिडे वाडा पुणे के बुधवार पेठ क्षेत्र में स्थित है.

क्या बोलीं पीएमसी की उपायुक्त?
भूमि अधिग्रहण विभाग, पीएमसी की उपायुक्त प्रतिभा पाटिल  ने कहा, "ये इमारत एक ऐतिहासिक इमारत था. यहां से सावित्रीबाई फुले ने पुणे में लड़कियों के लिए देश का पहला स्कूल खोला था. उनकी याद में निगम ने 2001 में निर्णय लिया था कि यहां एक स्मारक बनाया जाएगा. अधिग्रहण की प्रक्रिया 2008 में शुरू हुई थी. यहां रहने वाले लोगों कुछ केस किया था जोकि 2023 तक चला. वही केस निगम ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जीत लिया है. निवासियों ने जगह खाली करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से कुछ समय मांगा और उन्हें एक महीने का समय दिया गया था."