Dwarkadhish Temple in Virar : विरार में हुआ द्वारिकाधीश भव्य मंदिर का स्थापना , श्रद्धालुओं में उमड़ी खुशी और उल्लास !
विरार मे 26 नवंबर 2025, बुधवार को नए द्वारिकाधीश मंदिर का भव्य उद्घाटन किया गया I श्रद्धालुओं का भीड़ एकत्रित हो गई और सभी ने इस ऐतिहासिक अवसर का स्वागत जयकारों के साथ किया। एक साथ इस सुनहरा अवसर का भरपूर स्वागत किया गया I
मंदिर निर्माण का उद्देश्य और खासियत
नवनिर्मित मंदिर को अत्यंत आकर्षक और कलात्मक रूप से सजाया गया है। कि लोग वहाँ जाते ही मंत्र-मुक्त हो जाएंगे, यह मंदिर को भूरे, बालू व सुनहरा रंग से बनाया गया है I विरार के इस मंदिर का निर्माण गुजरात के द्वारका में स्थित प्राचीन द्वारकाधीश मंदिर से प्रेरित होकर किया गया है।
<शंकराचार्य और अतिथियों की मौजूदगी में शुभारंभ
यह मंदिर का उद्घाटन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के हाथों से किया गया I इनमें मुख्य अतिथि संजय दत्त शामिल थे, इस मंदिर का उद्घाटन के समय हेलिकॉप्टर द्वारा पुष्पों की वर्षा से की गईं I मानो की चारो धाम के देवताओं का दर्शन प्राप्त हुआ हो I
जिस प्रकार अयोध्या मे राम भव्य मंदिर का स्थापित किया गया, उसी प्रकार विरार के द्वारिकाधीश मँदिर का भी धूमधाम स्थापना किया गया जैसे की प्रभु श्री कृष्ण स्वयं अपने भक्तों को दर्शन दे रहे हों I
आस्था के साथ रोजगार का नया केंद्र
यह मँदिर केवल भक्तों के लिए नही बल्कि आम लोगों के लिए भी रोजगार का एक अवसर प्रदान करेगी I यह एक पर्यटक स्थल के रूप मे भी जाना जाएगा I जो लोग गुजरात के द्वारकाधीश मँदिर जाने मे असमर्थ हो वो भक्त यहाँ आके वो अनुभव प्राप्त कर सकते हैं I
जिस प्रकार माता जीवदानी मँदिर में श्रधालुओं की भीड़ उमड़ी रहती है, उसी प्रकार आने वाले समय मे इस मँदिर मे भी यह दृश्य देखा जायेगा I
इस मँदिर के कारण हमारा आर्थिक विकास भी होगा और बेरोजगार लोगों को रोजगार भी मिलेगी I
<उद्घाटन से पहले की तैयारियाँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम
सनातन के संगम मे डूबा हुआ यह उत्सव मानो जैसे कोई त्योहार हो, ढोल, बाजे, नाच गाने से यह अवसर को ऐतिहासिक बनाया गया साथ ही महिलाओं द्वारा घाट कलश भर कर उनके उपर नारियल रखकर और सर पे लाल पट्टी लगाकर बिना थकावट के कई मीटर दूरी का समय तय करके मंदिरों मे रखा गया I
मंदिर परिसर की सजावट और शांत वातावरण
मंदिर को एक दुल्हन की तरह सजाया गया, आस - पास भक्तों के लिए बैठक बनाया गया, वहाँ के खुले मैदानों में शीतल हवाएं मानो जैसे कोई गीत गाते हुए, भक्तों को ठंडक पहुंचा रही हो, अभी शुरुआत होने के बाद धीरे - धीरे इस मंदिर के आस पास के परिसर को अच्छे तरीके से बनाया जायेगा ताकि लोग आकर्षक होकर खुद व खुद यहाँ आएं I
पहले ये जमीन बंजर था परंतु मंदिर के स्थापना के बाद यहाँ के कण- कण मे अलग ही अनुभव किया जा रहा है I यहाँ के मिट्टी में भी श्री कृष्ण जी को महसूस किया जा रहा है I उद्घाटन समारोह की शुरूआत वैदिक मंत्रोच्चार और कलश स्थापन से हुई। मुख्य पुजारियों और मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों के भी सहयोग शामिल थे I भगवान द्वारिकाधीश की प्रतिमा का प्रथम अभिषेक और पूजा-अर्चना की। इसके बाद की गई पहली आरती के दौरान पूरा परिसर "जय श्री कृष्ण” के जयकारों से गूंज उठा।
उद्घाटन के मौके पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों ने उत्साह के साथ भजन-कीर्तन में भाग लिया। ट्रस्ट की ओर से आगंतुकों के लिए प्रसाद और भोजन की भी व्यवस्था की गई, जिससे पूरा कार्यक्रम धार्मिक उत्सव का नेता दिखा।
मंदिर परिसर में भविष्य में अन्य तीर्थस्थलों (जैसे बद्रीनाथ, केदारनाथ, वैष्णोदेवी, जगन्नाथपुरी आदि) की मूर्तियाँ स्थापित करने की योजना है। इससे एक प्रकार से यह मंदिर एक ‘समारिकी तीर्थ‑ स्थल’ बन जाएगा। इसके अतिरिक्त, मंदिर परिसर के नीचे एक सभागृह बनाया गया है, जहाँ भजन‑कीर्तन, भागवत कथा, सत्संग आदि हों — जिससे धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का आयोजन हो सके। मंदिर की भव्यता, मूर्तिकला, और वास्तुकला — सब मिलकर धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक संरक्षण और कलात्मकता का संगम दिखाते हैं।
दैनिक दर्शन और आरती का समय
विरार के द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम 5:00 बजे से रात 9:30 बजे तक है। इस दौरान अभिषेक, राजभोग और आरती जैसी आरती और दर्शन के लिए अलग-अलग समय होते हैं, जो आमतौर पर सुबह 8 बजे से 9 बजे के बीच अभिषेक के लिए बंद रहता है।
मंदिर पहुँचने का आसान तरीका
विरार के द्वारिकाधीश मंदिर पहुँचने के लिए सबसे पहले आपको मुंबई के विरार स्टेशन आना होगा। स्टेशन से बाहर निकलकर ईस्ट की ओर जाएँ। वहाँ से आपको आसानी से बस या रिक्शा मिल जाएगा, जो आपको खुम्भारपाड़ा तक छोड़ देगा। खुम्भारपाड़ा से बाईं ओर थोड़ी दूरी पर चलते ही, विवा कॉलेज के ठीक सामने द्वारिकाधीश मंदिर स्थित है।