Famous Trekking Point in Mumbai-बारिश के मौसम मे ट्रैकिंग का मजा ही कुछ अलग हैं आए जानते है मुंबई के आसपास के इलाको मे कहा मिलेगा ट्रैकिग का सुकून

Famous Trekking Point in Mumbai

Famous Trekking Point in Mumbai-बारिश के मौसम मे ट्रैकिंग का मजा ही कुछ अलग हैं आए जानते है मुंबई के आसपास के इलाको मे कहा मिलेगा ट्रैकिग का सुकून
Famous Trekking Point in Mumbai

मुंबई के लोगो के लिए ट्रैकिग पसंदिदा पर्यटन क्षेत्र हो गया है,बारिश का मौसम हो या ठंडी का मौसम कई मुंबई कर उसके आस पास के पहाड़ी वाले इलाको मे प्राकृतिक दृश्य की सुंदरता देखने के लिए चले जाते है. कुछ शहर के करीब है तो कुछ ऐसे होते है जो 200 किलोमीटर के दुरी पर होते है। जबकि आपके पास कुछ ऐसे ट्रेक हैं जो आसान हैं ,जहाँ आपको केवल ऊपर की ओर चलना है ।

मुंबई मे कुल मिलाकर 15 ट्रैकिंग स्थल है।

कन्हेरी केव्स ट्रेल -Kanheri Caves Trail

मुंबई के बोरिवली मे स्थित संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान  मे , कन्हेरी गुफा सबसे आसान मार्गों में से एक है। यहा पर परेशान होने  जैसी कोई लंबी चढ़ान नही हैं आपको जंगल से गुजरना होगा जो पार्क के सुंदर दृश्य को दर्शता है, और पगडंडी के अंत में एक छोटी सी चट्टान पर चढ़ता है।

आगे जाकर और भी कुछ खूबसूरत और मन मोहक विदेशी पक्षियों को भी देख सकते हैं। आपको पैदल चलना होगा तो इसका रास्ता कन्हेरी पठार से शुरू होता है और कन्हेरी गुफाओं पर खतम होता है। ट्रेक के अंत में कुछ सीढ़ियाँ हैं जो गुफाओं के प्रवेश द्वार की ओर ले जाती हैं।

स्थान –  संजय गांधी नेशनल पार्क बोरिवली ईस्ट मुंबई महाराष्ट्र 400066.

ट्रैकिंग की कठिनाई – आसान

चिंचोटी ट्रेल-twitch trail

मुंबई के वसई मे चिंचोटि कई मार्गो वाला ट्रक है . यदि आप एक ऐसे मार्ग की तलाश में हैं जो बहुत कठिन नही है तो आप कमान फाटा से शुरू होने वाले  रास्ते से जा सकते हैं.और एक छोटा गाव है जिसका नाम पगडंडी से शुरू होता है. उसके आगे जाके नदिया है जिसे आपको पार करना है.

जिसके बाद आपको घने पेड़ दिखेगे,उसके आगे जायेंगे तो आपको झरने तक ले जाएगा , उसे पहले एक छोटा तालाब है जो तैरने के लिए  बहुत सुरक्षित है। अगर आप वीकेंड पर जा रहे हैं तो याद रखें तालाब में काफी भीड़ हो सकती है।

स्थान –  चिंचोटि पोस्ट ऑफिस वसई ईस्ट कामन गाव ट्रैकिंग की कठनाई – आसान.

चिंचोटी ट्रेल

तुंगारेश्वर ट्रेल-Tungareshwar Trail

तुंगरेश्वर में पगडंडी ट्रेकर्स को कई सुरक्षित वस्तुयें  प्रदान करते है , और शिव मंदिर चलने के लिए  4 किलोमीटर चलना पड़ सकता है,  बालयोगी आश्रम 3 किलोमीटर आगे है ,जो लोग लंबी पगडंडी की तलाश में हैं वे वज्रेश्वरी झरने तक चढ़ सकते हैं। झरनों का मार्ग सुंदर और भव्य है।आप पगडंडी पर कुछ विदेशी पक्षियों को भी देख सकते हैं।

स्थान – तुंगारेश्वर आर डी ठाने विरार 401303

ट्रेकिंग कठिनाई : थोड़ा आसान

पेब ट्रेल-Peb Trail

पेब किले तक ट्रेक करने के लिए आपको महाराष्ट्र के सबसे आसान और सबसे सुंदर रास्तों में से एक  है.रास्ता एक दम सरल है, यह एक गाव से शुरू होता है और फिर एक छोटे से जंगल और कुछ गुफाओं से होकर गुजरता है। कुछ सीढ़ियाँ स्थापित हैं जिन पर चढ़ना मुश्किल है, इसलिए जिस व्यक्ति ने पहले कभी ट्रेक नहीं किया है, उसे भी पगडंडी आरामदायक लगेगी। रास्ते में एक और रास्ता है जो माथेरान में पैनोरमा पॉइंट तक ले जाता है। हालांकि, वहां पहुंचने में दो घंटे और लगेंगे।

स्थान – नेरालु

मुंबई से दूरी 53 किलोमीटर

ट्रैकिंग कठिनाई -पेब किले तक आसान है ,पैनोरमा पॉइंट का मार्ग वहा से कठिन है।

पेब किले तक ट्रेक

पुरंदर किला ट्रैक-Purandar Fort Track

पुरंदर किले का रास्ता  एक गाव से शुरू होता है.  रास्ते से  गुजरते समय आपको हरे भरे घास के मैदान और कुछ पथरीले रास्तो से गुजरेगे। जैसे जैसे आप जाओगे आपको दो रास्ते मिल जायेंगे एक गाव की ओर जाता है, और दूसरा किले के ओर  जाता है।

ऐसे कुछ स्थान है जो पथरी गली के ओर जाते है , जिनके उपर आपको चढ़ना है, हालाँकि इतना खतरनाक नही है फिर भी आपको सावधानी से चलना होगा। क्युकी चटाने फिसलने जैसी हो सकती है। ज्यादा तर बारिश के मौसम मे।

स्थान- घेरा पुरंदर पुणे

मुंबई से दूरी -210 किलोमीटर

ट्रैकिंग की कठिनाई – थोड़ा कठिन होगा।

लोहगड किला-Lohgad Fort

लोहगड किला लोनावला से 11 किमी की दूरी पर, पुणे से 66 किमी और मुंबई से 114 किमी की दूरी पर है,लोहगढ़ किला  महाराष्ट्र के लोनावाला क्षेत्र में सह्याद्री पहाड़ियों  मे स्थित है.1050 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित लोहगढ़ किला है, यह पुणे और मुंबई  के पास घूमने वाले ट्रैकिंग स्थानो मे से एक है. किले मे प्रवेश करने के लिए चार दरवाजे है एक  महा दरवाजा, गणेश दरवाजा, नारायण दरवाजा, हनुमान दरवाजा.

अगर आपको किनारे तक पैदल चलना होगा तो 15-20 मिनट की दूरी पर है, और दरगाह लोहगड  के भीतर एक और महत्व मील का पत्थर है जो महा दरवाजा के पास स्थित है।

स्थान – लोहगड ट्रैक पुणे खंडाला महाराष्ट्र 410406.

ट्रैकिंग कठिनाई- थोड़ा आसान

लोहगड किला

तिकोना ट्रैक-triangular track

तिकोना किला महाराष्ट्र में कामशेत मावल क्षेत्र के पास स्थित एक पहाड़ी किला है, यह स्थान मुंबई और पुणे के पास सबसे चौका देने वाले स्पॉट मे से एक है. इस किले को लाल ईट की दीवारो से सजाया हुआ है, लेकिन इसकी दूरी मुंबई से 125 किलोमीटर तक की  दूरी पर है.

स्थान – तिकोना ट्रक , तिकोना पेठ मुलाशि पुणे महाराष्ट्र 412108

ट्रैकिंग कठिनाई –  आसान

तोरणा ट्रक-Torna truck

तोरणा ट्रक का रास्ता सरल है , लेकिन कुछ ऐसे हिस्सों के मार्ग काफी कठिन है, इस किले को 3 भागो मे विभाजित  किया गया है, आपको प्रवेश करने के लिए एक चढाई और एक मैदान , जोड़े हुए दरवाजे के माध्यम से तोरना किले मे प्रवेश कर सकते हो .

स्थान – पुणे

मुंबई से दूरी – 195 किमी

ट्रैकिंग कठिनाई – थोड़ा कठिन

हरिश्चंद्र गड-Harishchandra Gad

हरिश्चंद्र चंद्र गढ़ मुंबई से 225 किलोमीटर दूरी पर है, आपको ट्रैकिंग करने के लिए अवधि 2 दिन लग सकते है.

कहा जाता है कि कैपिंग करने के लिए भी सबसे अच्छी जगह है।चढ़ते समय आपको दो सबसे बढ़ी गुफ़ाये मिल जायेगी, लेकिन कुल मिलाकर गुफा के  अंदर 9 गुफ़ाएं हैं।  हरिश्चंद्र गड को स्वर्ग के रूप मे जाना जाता है.  इस स्थान को सबसे अच्छे पर्यटन स्थल कहा जाता है.

स्थान – हरिश्चंद्र गड अहमनगर मलशेज घाट 421401.

ट्रैकिंग कठिनाई – थोड़ा कठिन

हरिश्चंद्र गड

रायगढ़ किला-Raigad Fort

रायगढ़ किला मुंबई से 105 किलोमीटर दुरी पर है, इसकी उचायी 1,356 मीटर जितनी है, आपको इसे पार करने के लिए एक दिन लग सकता है, ट्रैकिंग करने के लिए रात का सबसे अच्छा मौका है। हालाँकि इसे डरावना भी है, लेकिन सुरक्षित  भी है। ट्रैकिंग करते समय आपको ध्यान पूर्वक करना होगा क्युकी इसकी चटाने टूटी हुई है, जिसके चलते आपका पैर भी फिसल सकता है। इस स्थान को पवित्र स्थल माना जाता है। और यह सबसे अद्भुत स्थल है।

स्थान – महाड रायगड, महाराष्ट्र

ट्रैकिंग कठिनाई- कठिन है।

असावा ट्रेकिंग-There should be trekking

असवा बीच बोरिवली मे स्थित है, आपको इधर पहुँचने के लिए 1 घंटा लग सकता है, ट्रैकिंग करने के लिए सबसे आसान जगह है, इसके अंदर एक बड़ी गुफा है, गुफा के अंदर जाते ही आपको एक सुरगं मिल जायेगी ,जैसे आप बाहर निकल सकते हो।

स्थान – बोरिवली वेस्ट मुंबई 400091

ट्रैकिंग कठिनाई- आसान

असवा ट्रेकिंग

कोथलीगड ट्रेकिंग -Kothligad Trekking

कोथलीगड कर्जत में स्थित है , देखने मे यह बहुत छोटा है ,लेकिन इसकी फिट 3100 मीटर जितनी है, आप देखोगे तो किले की उचायी पर एक छोटा मंदिर और बड़ी गुफा है, उसके बाद किले के अंदर जाते ही आपको चिमनी जैसी सुरंग दिखने को मिलेगी। इस शिखर को अंदर से उकेरा गया है ,और उपर चलने के लिए एक सीढ़ी है। गुफ़ा के कुछ दूरी पर पानी का कुंड है.

स्थानीय लोगो ने का कहना की यह वास्तव मे एक किला नही है बल्कि एक आधार स्तभ है।

स्थान- अंबिवली गाव, कर्जत टॉउन 410201 महाराष्ट्र.

ट्रैकिंग कठिनाई- आसान

कोथलीगड ट्रेकिंग

भास्कर गड-Bhaskar Gad

भास्कर गड इगत पूरी के नासिक जिले मे स्थित है, यह किला पहाड़ी इलाको मे है, इसकी ऊचाई 3500 फिट है। भास्कर गड मुंबई से थोड़ा दूर है, आपको पहुँचने मे 2 घंटे लग जायेंगे। जिस पहाड़ी पर किला स्थित है, उसके शिखर तक पहुंचने में लगभग एक घंटे का समय लगता है। आपको बता दे की आधा रास्ता पत्थरों  से ढका हुआ है, किले के शीर्ष तक पहुँचने के लिए आपको 15 मिनट लग जायेंगे।     किले में रात्रि विश्राम नहीं किया जा सकता है, क्योंकि पानी और रहने की कोई सुविधा नहीं है। इस ट्रेक के लिए पर्याप्त पानी ले जाने की सलाह दी जाती है क्योंकि मार्ग और किले में पानी नहीं है। आपको ट्रैकिंग करने को और भी मजा आयेगा क्युकी यहाँ पर खूबसूरत पहाड़िया आपको देखने को मिलेगी। ट्रैकिंग करने के लिए यह बहुत अच्छी जगह है।  इस जगह को अनुभव करने के लिए आपको सितंबर से अक्टुबर  तक जाना होगा।

स्थान – भास्कर गड ईस्ट पंचवटी एरिया, नाशिक 422003

ट्रैकिंग की कठनाई- थोड़ा आसान

गारबेट पॉइंट-Garbet Point

गारबेट पॉइंट  माथेराण के पठार दक्षिण दिशा मे स्थित है, यह ट्रक मुंबई के आसपास के सबसे पसंदिता हिल स्टेशनो मे से एक है, यहां पर आपको

भरपूर बारिश, चारों और झरने आपको देखने को मिलेगा। इस शानदार जगह की खोज 1850 मे ठाणे जिले के कलेक्टर ह्यूग पोयंत्ज़ मालेट ने की थी।

आपको कुछ खाने की चीज़े और सामग्री  साथ मे लेके जाना होगा। पानी की बॉटल कम से कम 2 लिटर ,  बैटरी के  साथ चार्ज  भी आदि.

स्थान -माथेराण भिवपुरी स्टेशन टाटा रोड.

ट्रैकिंग कठिनाई – थोड़ा कठिन

कलसुबाई शिखर-Kalsubai Peak

कलसुबाई शिखर नासिक के जिले मे सबसे बड़ा शिखर स्थित है, इसकी उचाई  लगभग 2,700 फीट (820 मीटर) फिट जितनी है, यह पूरे साल ट्रेकर्स, कलसुबाई शिखर का मजा लेने को आते है। इसका नाम तीन बहनों कलसुबाई, रत्नाबाई और कटराबाई में से एक के नाम पर रखा गया है। दूसरी चोटी रतनगढ़ का नाम रत्नाबाई के नाम पर रखा गया है।

शिखर तक पहुँचने के लिए आपको ध्यान देकर चलना होगा क्युकी रास्ते मे बहुत सारे पत्थर है। थोड़ी दूरी पर एक हनुमानमंदिर बनाया गया है।

इस मंदिर के पीछे का रास्ता यात्री को सीधे शिखर तक ले जाता है।

इस क्षेत्र में विभिन्न रंगों के फूल देखने को मिल सकता है। सर्दी के मौसम मे आपको सुबह के दौरान साँपो को सीढ़ी के पास दुपर को पानी के तालाब  मे देखने को मिल सकता है।

स्थान – नाशिक  लगतपुरी ठाणे, अकोला तालुका महाराष्ट्र

ट्रैकिंग की कठिनाई – कठिन

ट्रैकिंग के लिए टिप्स

रात मे ट्रैकिंग से बचना बेहतर है।शाम तक यात्रा खतम कर लेनी चाहिए।

ट्रैकिंग करने के लिए सही जूते पहने , ताकि वो फिसले ना।

 पानी की बॉटल हमेशा अपने पास रखे।

अगर रहने की जरूरत पड़ी तो साथ मे टेंड लेके जा सकते हो।

साथ मे एक हलका बैग लेके जाए।

 पहाड़ों पर कूडा ना डाले, अपना सारा कचरा साथ रखने के लिए एक कपड़े का थैला साथ लेके जाए।