Famous Churches in Mumbai | मुंबई के प्रसिद्ध चर्च

Famous Churches in Mumbai

Famous Churches in Mumbai | मुंबई के प्रसिद्ध चर्च
Famous Churches in Mumbai
Famous Churches in Mumbai : चर्च जिसे हिंदी में गिरजाघर या किलिसिया कहा जाता है। बाइबल हमे बताती है कि हमे चर्च जरूर जाना चाहिए क्योंकि हम अन्य विश्वासियों के साथ मिलकर परमेश्वर की आराधना कर सके।चर्च एक ऐसी जगह है जहाँ लोगों को  मन की शांति प्राप्त होती है।उनकी सुंदर भव्य रचनाएं हमे अपनी ओर खींचती है।तो आइए ऐसे ही मुंबई की भव्य चर्चों के बारे में जानते है।

माउंट मेरी बॅसिलिका  (Mount Mary Basilica)

Mount Mary Basilica

बांद्रा में स्थापित माउंट मेरी चर्च (mount mary basilica mumbai) 100 वर्ष पुराना है, इसका  इतिहास 16 वीं शताब्दी का है जब पुर्तगाल के जेसुइट पुजारी प्रतिमा को वर्तमान स्थान पर लाए और एक चैपल का निर्माण किया। 1700 में हाथ में रखी गिल्ट-लाइन वाली वस्तु में रुचि रखने वाले अरब समुद्री लुटेरों ने दाहिने हाथ को काटकर मूर्ति को विकृत कर दिया।१७६० में, चर्च का पुनर्निर्माण किया गया और मूर्ति को सेंट एंड्रयूज चर्च में हमारे लेडी ऑफ नेविगेटर की मूर्ति के साथ प्रतिस्थापित किया गया था। इस मूर्ति की एक रोचक कथा है। कहा जाता है कि एक कोली मछुआरे ने सपना देखा कि उसे समुद्र में एक मूर्ति मिलेगी। और यह मूर्ति १७०० और १७६० के बीच समुद्र में तैरती हुई पाई गई थी।कोली मछुआरे मूर्ति को मोट मौली कहते हैं, जिसका शाब्दिक अर्थ है द पर्ल मदर (मोट शब्द “माउंट” और मौली, जिसका अर्थ है माँ) १६६९ का एक जेसुइट वार्षिक पत्र और सेंट एंड्रयूज चर्च, बांद्रा (१६१६-१९६६) पुस्तक में प्रकाशित इस दावे का समर्थन करता है। पिछली प्रतिमा को बहाल कर दिया और अब इसे बेसिलिका में सम्मान के साथ स्थान मिला है। हिंदू और कोली ईसाई दोनों भी  इसकी यात्रा करते हैं।माउंट मैरी चर्च जाने का सबसे अच्छा माह सितंबर है। सितंबर के आठवें को दुनिया भर के कैथोलिकों द्वारा वर्जिन मैरी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। धन्य वर्जिन मैरी का पर्व 8 सितंबर के बाद पहले रविवार को मनाया जाता है, जो कि वर्जिन मैरी का जन्मदिन है। दावत के बाद एक सप्ताह तक उत्सव चलता  है जिसे बांद्रा में मेले के रूप में जाना जाता है और हजारों लोगों द्वारा इसका दौरा किया जाता है। कही यात्री यहा अपनी मन्नते पूरी करने के लिए भी आते है।माउंट मैरी चर्च जमीन से करीब 260 फीट ऊपर एक पहाड़ी पर बना है।चर्च से अरब सागर दिखाई देता है। चैपल में प्रतिष्ठित मूर्ति पर 1700 ईस्वी में अरब समुद्री लुटेरों द्वारा हमला किया और मराठाओं द्वारा 1730 में चैपल पर छापा मारा गया था।

Time:- सुबह- ६:०० बजे से रात 8:30 बजे तक
address & contact
Mt Mary Road, Mt Mary, Bandra West, Mumbai, Maharashtra 400050, India
 +91-22-26423152
website
http://www.mountmarybasilicabandra.in/

सेंट थॉमस कैथेड्रल (St. Thomas Cathedral)

St. Thomas Cathedral

St. Thomas Cathedral चर्च की स्थापना 1676 में की गई थी, चर्च को केवल 1718 में दिव्य सेवा के लिए पवित्रा किया गया था, जभी मुंबई को बॉम्बे कहा जाता था। कैथेड्रल 1860 में कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल के निर्माण की ओर आगे बढ़े, ताकि चर्च को कोरिस्टर प्रदान किया जा सके। कैथेड्रल दक्षिण मुंबई में एक मील का पत्थर है और भारत के सबसे पुराने चर्चों में से एक है। चर्चगेट रेलवे स्टेशन का नाम सेंट थॉमस कैथेड्रल से लिया गया है, क्योंकि यह स्टेशन चर्च से जाने वाले सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ था। 1862 में बॉम्बे किले की दीवारों को गिराया गया था और चर्च की ओर जाने वाले दरवाजे को 1864 में फ्लोरा फाउंटेन से बदल दिया गया था।
History
मालाबारसे आये हुए सेंट थॉमस के कॅथेड्रल की कल्पना से राज्यपाल औंगीयर ने 1676 में चर्च के निर्माण का कार्य शुरू किया था। तथापि, उनके मृत्यु के बाद कार्य रुक गया था। चर्च 5 मीटर की ऊंचाई पर आधा खड़ा था। 1710 में ईस्ट इंडिया कंपनी के चैप्लिन ने इस अधूरे काम को हाथ मे लिया और इसे शानदार एंग्लिकन संरचना बनाने का फैसला किया। यह पूरा होने पर इसे ई.1718 में क्रिसमस के दिन मुंबई में पहले एंग्लिकन चर्च के रूप में खोला गया। 18 और 19वीं सदी में कैथेड्रल को समाज के विभिन्न वर्गों के आधार पर विभाजित किया और महिलाओं’ के लिए एक अलग कमरा भी रखा गया।चर्च के अंदरूनी हिस्सों को प्लास्टर ऑफ पेरिस, पॉलिश किए गए पीतल, सना हुआ ग्लास, धनुषाकार खिड़कियां और दिवंगत ब्रिटिश पैरिशियन को समर्पित स्मारकों से सजाया गया और आज भी वह वैसेही दिखते है जैसे कि उसे 18वी सदी में बनाया गया था।
Location: D.N Road, Churchgate, Mumbai
Historical Importance: The first Anglican Church in Mumbai
Nearby Places: Asiatic Society of Mumbai, Flora Fountain, University of Mumbai, Nariman Point
Famous For: UNESCO Asia-Pacific heritage list, Neo-Gothic and Neo-Classical architecture.
Timings: 6:30 AM – 6:00 PM (Daily)

अफगान चर्च  (Afghan church)

Afghan church

दक्षिण मुंबई के कोलाबा को सुशोभित करने वाला , ई.1865 में स्थापित अफगान चर्च ( Afghan church) एक विशिष्ट वास्तुकला और काफी अनूठी बैकस्टोरी के साथ जुड़ा हुआ है। यह
The Church of St. John the Evangelist के रूप में पहचाना जाता है, यह चर्च अपने वर्तमान स्थान से एक किलोमीटर दक्षिण में एक छोटा चैपल के रूप में था।कोलोनियल सरकार ने नए चर्च की निर्माण के लिए एक जमीन का टुकड़ा नामित किया,और पास के बंदरगाह में जहाजों के लिए उपयोगी होनेकी गणना की.
History
पहले एंग्लो अफ़ग़ान युद्ध मे मारे गए हजारो सैनिकों के लिए स्मारक बनाने  और 1842 में काबुल से पीछे हटने के बाद स्मारक बनाने की आवश्यकता पूरी करने के लिए 1840 में चर्च का निर्माण कार्य शुरू किया गया। सेना में एक सहायक सर्जन विलियम ब्रायडन निकला। ब्रिटिश पक्ष में एकमात्र उत्तरजीवी।अंग्रेजों की ओर से प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध में लड़े और मारे गए कई सैनिक मुंबई के थे, और इसलिए इस शहर में एक स्मारक बनाने के लिए उपयुक्त समझा गया। अंग्रेजी सिविल इंजीनियर और गॉथिक रिवाइवल आर्किटेक्ट हेनरी कोनीबियर द्वारा डिजाइन किया गया। सेना में एक सहायक सर्जन विल्यम ब्रीडन निकला।ब्रुतिष पक्ष से लड़ने वाले एक जीव बाख गया। अंग्रेजो की ओर से प्रथम एंग्लो अफ़ग़ान युद्ध मे लड़कर मारे गए सैनिक मुंबई के थे। इसलिए इस शहर में स्मारक बनानेको ठीक समझा गया।अंग्रेजी सिविल इंजीनियर और गॉथिक रिवाइवल आर्किटेक्ट हेनरी कोनीबियर द्वारा डिजाइन किया गया। 1847 में सर जॉर्ज रसेल क्लर्क द्वारा भवन की नींव रखी गई । 1865 में चर्च पूरा हुआ।
Address:-
St.afghan church Sudbury lane,colaba causeway,mumbai, maharashtra 400005
Time:-
Monday to saturday – 9am to 5pm
Sunday – 7.30 to 7.30

सेंट माइकल चर्च (st.michael church)

st.michael church

 

सेंट माइकल चर्च (st.michael church) पोर्तुगीज द्वारा 1534 में बंधा गया था। यह मुम्बई की सबसे पुरानी कैथलिक चर्च मानी जाती है। इसे पहले सेन मुगल के नाम से जाना जाता था। इसे के बार बनाया गया है। वर्तमान में यह 1973 की है। 1739 में मराठाओं ने जिता था तभी ब्रिटिशोने बांद्रा के मेरी लेडी ऑफ थे माउंट चेपल को नष्ट किया ताकि मराठों के लिये ये स्थान गुप्त रहे।उस समय धन्य वर्जिन की छवि के लिए वह शरण स्थान था। 1761 तक वह छवि सेंट माइकल चर्च में थी जब इसे वर्तमान संरचना में ले जाया गया।1853 में, सेंट माइकल चर्च ने बिशप अनास्तासियस हार्टमैन और पैड्रोडो ऑर्डर के बीच संघर्ष देखा।सेंट माइकल लगभग 60 साल विकर अ‍ॅस्टिस्टॉल के कैद में था।1853 में निराश हुए पार्टी ने पॅडरोडो पार्टी को निर्णय सोंप दिया। इसे रोकने के लिए हार्टमन ने विकार नेता के रूप में चर्च जाकर घोषणा की कि ‘ शरण जाने के बजाए वो शाहिद मरना पसंद करेंगे’। हार्टमन और उनके अनुयायी 15 दिन तक चर्च मे रहे।विरोधियों ने चर्च को घेर लिया था और सारे प्रवेशद्वार रोखे थे। नागरिक अधिकारियों ने जोर देकर फिरसे चर्च खुलवानेका आग्रह किया। इसके बाद हार्टमन ने चर्च का नियंत्रण खोकर वह पडरोडो आदेशपर गए। सेंट माइकल के वर्तमान रचना 1973 में फिरसे बनाई गई है
Lady jamshedji rd, mahim west , mumbai maharashtra 400016
Weekdays (Except Wednesdays)-
6:30 am (English)
Time:-
Weekdays (Except Wednesdays)-
6:30 am ,7.30am.,7.30pm (English)
Wednesdays –
6:00 am,7am,8am,8.30am,9.30am,5pm,6pm,7pm,8pm,9.30pm,12pm(English Mass & Novena)
-10:30 am (Konkani Novena)
-1:00 pm (Tamil Novena)
-2:00 pm ,3pm(Marathi Novena)
-4:00 pm (Hindi Novena)
Saturdays –
6:30 am,7.30am ,7pm (English)
Sundays –
6:30 am ,8.30am,9.30am(English)
7:30 am (Konkani)

सेंट पीटर चर्च (st.peter church)

st.peter church

 सेंट.पीटर चर्च ( st.peter church) की स्थापना बिशप हार्टमन द्वारा 12 अप्रैल,1852 में हुआ था।यह चर्च की 19वी सदी की रोमनस्क्यु शैली कलात्मक आंदोलन की याद दिलाती है। जैसेही सामने प्रवेश करते है क्राइस्ट द रिडीमर की एक आक़दमक मूर्ति आपका स्वागत करती है।कांच की खिड़कियों से सजी यह इमारत धूप आनेसे बहुत ही रोमांचक दिखती है।नया चर्च पुराने चर्च के स्थान पर बनाया गया है।यह चर्च पूरी तरह से हरियाली में आच्छादित है जो मुम्बई की गर्मी में आराम प्रदान करता है।
Address-
Hill Road, Bandra West, Mumbai
Denomination: Roman Catholic
Time-
Weekdays –6:00 am,6.45am,7.30am,8.30,am,7.15pm, (English)6pm(english-on 1st Friday)
Saturdays –
6:00 am (English)6:45 am ,7:30 am,8:30 am
6:45 pm ,7.45pm(English – Anticipated Mass)
Sundays –
6:00 am to 10:00am (English)
5:00 pm (Konkani)
6:00 pm (English)

ग्लोरिया चर्च (Gloria Church)

gloria church mumbai

मुम्बई के भयकल में स्थित ग्लोरिया चर्च (gloria church mumbai) का 1911-1913 निर्माण पुर्तगाली फ्रांसिसन द्वारा हुआ।इसे अवर लेडी ऑफ ग्लोरी चर्च भी कहा जाता है,वर्तमान में आप इसे विक्टोरियन गोथिक इमारत के रूप मे देख सकते हैं।पहली चीज जो आपको सबसे पहली देखने को मिलती है वो है यीशु की मूर्ति और चर्च के अंदर स्तंभो पर संत की मूर्तियां देखनेको मिलती है। ग्लोरिया चर्च ज्यादातर असन्दर से सफेद रैंड का है। ग्लोरिया चर्च की ऊंची टावरें काफी दूर से भी देखा जाती है इसकी वजह से आप उसी मार्ग से उसे ढूंढ सकते है।खुली बाहों के साथ यीशु की मूर्ति देखने को मिलती है जो आपको आकर्षित करते है।
Address-
Gloria Church
Byculla east,sant sakata mali marg,
Mumbai 400 027
monday to saturday-
7:30 am ,7:00 pm 
Sundays –
7:00 am ,8:15 am ,9:30 am ,5:30 pm 

सेंट एंड्रयूज चर्च  (St Andrew’s Church)

St Andrew’s Church

मुम्बई के बांद्रा में स्थापित अंडरेव्स चर्च (St Andrew’s Church) 1575 में पुर्तगाली जेसुइट्स द्वारा निर्माण हुआ यह 16 वी सादिका चर्च है।यह ताजमहल से भी 50 साल पुराना चर्च है। इसकी दीवारों के प्लास्टर बाहर से निकला नजर आता है लेकिन यह अंदर दे उतनाही भव्य और सुंदर है।यह भारत के सबसे पुराने चुर्चों में से एक है। इसकी दीवारे 5फ़ीट से भी ज्यादा बड़ी है।st Andrews chuth का कब्रिस्थान भी बहुत बड़ा है।मार्च और सितंबर में मतलब ही वसंत और सर्दियों की ऋतु में सूरज की किरणें सीधा चर्च के मेहराब पर पड़ती है। यह दृश्य सुबह 7 बजे देखने को मिलता है। चर्च के सामने सड़क पर बॉलीवुड के महशूर अभिनेता सलमान खान गलेक्सि नाम के इमारत में रहते है।
History
1737 में मराठाओं ने बंदर पेर 2 साल तक घेरा बंदी की थी । बांद्रा के सांता एना और माउंट मेर्री को नष्ट कर दिया था तभी st.andrews चर्च अछूते थे। व्यावहारिक रूप से  बांद्रा कैथोलिकों का था। उनकी जरूरतोंको मप्र करनेके लिए सिर्फ st. andrews चर्च बचा था।
Address-115, Hill Road, Bandra West, Mumbai 400050.
Status-Roman Catholic Church
Founder-Society of Jesus
Timings:
Weekdays 8 am and 7 pm
Sundays 7am, 9 am and 6 pm

सेंट ऐनी चर्च  (st.Anne church)

st.Anne church

सेंट ऐनी चर्च (st.Anne church) 1787 में अर्मेनियाई महिला द्वारा बनाया गया था, यह दिखने में चोट है पर बहुत ही सुंदर और भव्य है । चर्च 126 फीट लंबा और 54 फीट चौड़ा है।1881 में इसकी नीव पेर एक बड़ा चर्च बनाया गया। इसकी स्तंभो को लघु मूर्तियोंके साथ सजाया गया है। केंद्रीय खिड़की के  बाईं तरफ की खिड़की हमारी धन्य महिला के राज्याभिषेक और सभी संतों की महिमा को दर्शाती है और दाईं ओर की खिड़की, पवित्र आत्मा के वंश को दर्शाती है।
Address:-
 Nesbit Road, Byculla Railway Colony, Tadwadi, Mazgaon, Mumbai

 वोडहाउस चर्च – विंटेज वाइब  Wodehouse Church – Vintage Vibe

Wodehouse Church यह चर्च 1950 में जनता के लिए खोल गया था। इसे कैथेड्रॉल ऑफ हौली चर्च के नाम से भी जाना जाता है। यह नरीमन पॉइंट के करीब स्थापित है।यह चर्च सुबह देखने  मे दिलचस्प है क्योंकि सूर्य की किरणें सुबह बिल्ड स्पेस में प्रवेश करती है।इसके अंदर कुछ सूंदर ,शानदार कलाकृतियां की गई है। इसकी चैट पेर बहुत ही सुंदर पिले रंग की पेंटिंग है जो आपको लंबे समय तक निहारनेको मजबूर करती है। यह क्रिस्टमस के मध्यरात्रि के लिए उत्तम एक चर्च है।कैथेड्रल का कैरल गायन रात 9.30 बजे और द्रव्यमान लगभग 10 – 10.30 बजे से शुरू होता है।

Address:- 19,nathalal parikh marg, scindia society,police colony ,Apollo bander, collaba,
Mumbai,maharashtra 400001
Time :- 9:30 am to 1 pm, 4 pm to 6 pm

सेक्रेड हार्ट चर्च – Sacred Heart Church 

Wodehouse Church – Vintage Vibe

Sacred heart church 1936 में स्थापित हुआ था। इस चर्च के सामने बहुत बड़ा खुला क्षेत्र है जिसमे बहुत बड़ी सभाएं भी की जाती है। चर्च की इमारत में स्कूल भी स्थापित है।चर्च में  8000 पेरिशियन है।इसमें लोगों के लिए देर रात तक समय निकालना बहुत आसान है। यह चर्च दोस्ताना और परिवार की भावना लोगों में पैदा करता है। यह मुंबई के कैथोलिक आर्चडियोज का हिस्सा है।
1850 में स्थापित यह एक छोटा चैपल है।यह बांद्रा के जेसुइट्स चर्च द्वारा 17 वीं शताब्दी में बनाया गया था। बंदर से एक पुजारी हर रविवार सांताक्रुज आता था और गांव में रहने वाले केथलिकोंके लिए पूजा करता था।सदी। 20 वी सगताब्दि में कई कैथोलिक मुंबई में आने जाने लगे और संताक्रूज़ चर्च का क्षेत्र बड़ा होने से वो वहा बस गए।
Address:-
Sacred heart church,sv road, santacruz,(w) mumbai 400054
Time:-
Weekdays- 6.30am, 7.15am, 5.30pm,7pm (english)
Sunday-6am , 8am, 10am , 6pm (english)
              7am(konkani) 9am (hindi)