BMC चुनाव से पहले BJP बांट रही 'बटेंगे तो कटेंगे' वाली मिठाई, अजित पवार गुट ने क्या कहा?
मुंबई में आगामी बीएमसी चुनाव से पहले बीजेपी ने एक नया राजनीतिक अभियान शुरू किया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. पार्टी ने घर-घर 'मिठाई और नमकीन के पैकेट' बांटने का अभियान शुरू किया है. यह वितरण तुलसी विवाह तक जारी रहने की योजना बताई जा रही है. इन पैकेट्स पर बीजेपी का स्लोगन 'एक हैं तो सेफ हैं' प्रमुखता से लिखा गया है, जबकि इसके साथ एक और नारा 'बटेंगे तो कटेंगे' भी छपा हुआ है. अभियान पर विपक्ष ने जताई अपत्ति विपक्ष ने इस कदम को चुनावी शगूफा बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गट) ने चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज करने की बात कही है कि बीजेपी बीएमसी चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने तथा भड़काने की कोशिश कर रही है. यूबीटी प्रवक्ता आनंद दुबे का आरोप है कि इस तरह के नारे और मिठाई वितरण अभियान के जरिए बीजेपी 'वोट पोलराइजेशन' की रणनीति अपना रही है. उनका कहना है कि यह अभियान केवल मिठाई बांटने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए लोगों के मन में धार्मिक और राजनीतिक भावनाएं भड़काने की कोशिश की जा रही है. बीजेपी नेता ने दी प्रतिक्रिया बीजेपी उत्तर भारतीय सेल के नेता संजय पांडे ने साफ़ किया है कि यह कोई चुनावी प्रचार नहीं, बल्कि 'सामाजिक जुड़ाव का कार्यक्रम' है, जिसे पार्टी कार्यकर्ता दिवाली और तुलसी विवाह जैसे अवसरों पर समाज से संवाद बढ़ाने के लिए चला रहे हैं. उनका दावा है कि इसमें किसी तरह की राजनीतिक नीयत नहीं है. हलांकि महायुति गठबंधन में शामिल एनसीपी अजित पावा गुट ने भी अपने सहयोगी दल बीजेपी पर निशाना साधा है. अजित पवार गुट ने क्या कहा? अजित पवार गुट के प्रवक्ता आनंद परांजपे ने दिवाली के अवसर पर दिए गए कुछ बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि दिवाली खुशियों और एकता का त्योहार है, यह किसी एक धर्म का त्योहार नहीं है, क्योंकि दिवाली हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग मनाते हैं. आनंद परांजपे ने कहा यह बेहद दुखद बात है कि आज मिठाई बांटते वक्त भी लोग स्टीकर लगा रहे हैं ‘एक हैं तो सेफ हैं, बटेंगे तो कटेंगे.’ त्योहारों पर भी राजनीति करना ठीक नहीं है. राजनीति के अपने मौके होते हैं, लेकिन दिवाली जैसे पवित्र त्योहार पर इस तरह की बातें करना गलत है. उन्होंने आगे कहा कि 'दिवाली खुशियों का त्योहार है. जिन्होंने यह स्टीकर लगाया है, उन्हें सोचना चाहिए जिस डेयरी से दूध आया, जिस कारीगर ने मिठाई बनाई, क्या वह सिर्फ हिंदू था? क्या मिठाई मुस्लिम नहीं बनाते? क्या वे दूध सप्लाई नहीं करते? यह बहुत छोटी सोच है.' परांजपे ने कहा कि उनकी पार्टी और उनका स्पष्ट मत है कि 'संविधान है तो हम सुरक्षित हैं, संविधान है तो हम एक हैं.'उन्होंने सभी से अपील की कि दिवाली को धर्म या राजनीति से जोड़ने के बजाय इसे सौहार्द, प्रेम और खुशियों के त्योहार के रूप में मनाया जाए.
मुंबई में आगामी बीएमसी चुनाव से पहले बीजेपी ने एक नया राजनीतिक अभियान शुरू किया है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. पार्टी ने घर-घर 'मिठाई और नमकीन के पैकेट' बांटने का अभियान शुरू किया है. यह वितरण तुलसी विवाह तक जारी रहने की योजना बताई जा रही है. इन पैकेट्स पर बीजेपी का स्लोगन 'एक हैं तो सेफ हैं' प्रमुखता से लिखा गया है, जबकि इसके साथ एक और नारा 'बटेंगे तो कटेंगे' भी छपा हुआ है.
अभियान पर विपक्ष ने जताई अपत्ति
विपक्ष ने इस कदम को चुनावी शगूफा बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गट) ने चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज करने की बात कही है कि बीजेपी बीएमसी चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने तथा भड़काने की कोशिश कर रही है.
यूबीटी प्रवक्ता आनंद दुबे का आरोप है कि इस तरह के नारे और मिठाई वितरण अभियान के जरिए बीजेपी 'वोट पोलराइजेशन' की रणनीति अपना रही है. उनका कहना है कि यह अभियान केवल मिठाई बांटने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके जरिए लोगों के मन में धार्मिक और राजनीतिक भावनाएं भड़काने की कोशिश की जा रही है.
बीजेपी नेता ने दी प्रतिक्रिया
बीजेपी उत्तर भारतीय सेल के नेता संजय पांडे ने साफ़ किया है कि यह कोई चुनावी प्रचार नहीं, बल्कि 'सामाजिक जुड़ाव का कार्यक्रम' है, जिसे पार्टी कार्यकर्ता दिवाली और तुलसी विवाह जैसे अवसरों पर समाज से संवाद बढ़ाने के लिए चला रहे हैं. उनका दावा है कि इसमें किसी तरह की राजनीतिक नीयत नहीं है. हलांकि महायुति गठबंधन में शामिल एनसीपी अजित पावा गुट ने भी अपने सहयोगी दल बीजेपी पर निशाना साधा है.
अजित पवार गुट ने क्या कहा?
अजित पवार गुट के प्रवक्ता आनंद परांजपे ने दिवाली के अवसर पर दिए गए कुछ बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि दिवाली खुशियों और एकता का त्योहार है, यह किसी एक धर्म का त्योहार नहीं है, क्योंकि दिवाली हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग मनाते हैं. आनंद परांजपे ने कहा यह बेहद दुखद बात है कि आज मिठाई बांटते वक्त भी लोग स्टीकर लगा रहे हैं ‘एक हैं तो सेफ हैं, बटेंगे तो कटेंगे.’ त्योहारों पर भी राजनीति करना ठीक नहीं है. राजनीति के अपने मौके होते हैं, लेकिन दिवाली जैसे पवित्र त्योहार पर इस तरह की बातें करना गलत है.
उन्होंने आगे कहा कि 'दिवाली खुशियों का त्योहार है. जिन्होंने यह स्टीकर लगाया है, उन्हें सोचना चाहिए जिस डेयरी से दूध आया, जिस कारीगर ने मिठाई बनाई, क्या वह सिर्फ हिंदू था? क्या मिठाई मुस्लिम नहीं बनाते? क्या वे दूध सप्लाई नहीं करते? यह बहुत छोटी सोच है.'
परांजपे ने कहा कि उनकी पार्टी और उनका स्पष्ट मत है कि 'संविधान है तो हम सुरक्षित हैं, संविधान है तो हम एक हैं.'उन्होंने सभी से अपील की कि दिवाली को धर्म या राजनीति से जोड़ने के बजाय इसे सौहार्द, प्रेम और खुशियों के त्योहार के रूप में मनाया जाए.