Maharashtra News: अनिल देशमुख की बढ़ सकती हैं मुश्किलें? करीबी शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के आसार

महाराष्ट्र में पुलिस ने नेश्नलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एसपी) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर पिछले साल हुए कथित पथराव मामले की जांच बंद कर दी है. पुलिस ने अदालत में दाखिल एक ‘बी समरी’ रिपोर्ट के माध्यम से मामले को झूठा करार दिया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फोरेंसिक निष्कर्ष के आधार पर और जांच में शिकायत में किए गए दावे गलत पाये जाने के बाद नागपुर ग्रामीण पुलिस ने पिछले सप्ताह यहां काटोल की एक अदालत में ‘बी समरी’ रिपोर्ट पेश की. एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मामले में शिकायतकर्ता पर मुकदमा चलाने के लिए अदालत से अनुमति भी मांगी है. देशमुख के निजी सहायक उज्ज्वल भोयर ने एनसीपी (एसपी) नेता पर पथराव का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. कथित घटना 18 नवंबर, 2024 को हुई थी, जब देशमुख नागपुर जिले के नरखेड़ गांव में एक चुनाव प्रचार सभा से काटोल लौट रहे थे. देशमुख के करीबी का दावा- कांच के टुकड़े गाड़ी में बिखर गए यह दावा किया गया था कि चार अज्ञात लोगों ने काटोल के पास देशमुख की कार पर पथराव किया था. बताया गया कि एक पत्थर उनके सिर पर लगा, जिससे खून बहने लगा और कांच के टुकड़े गाड़ी में बिखर गये. उस समय, अनिल देशमुख अपने बेटे सलिल देशमुख के लिए प्रचार कर रहे थे, जिन्होंने एनसीपी (एसपी) के टिकट पर काटोल निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) ने विस्तृत जांच के बाद पत्थर से हमले की बात को खारिज कर दिया. विशेषज्ञों ने पाया कि कार का मजबूत शीशा एक ही वार से नहीं टूट सकता था, अनिल देशमुख की गंभीर चोट शीशे के टुकड़ों से लगी चोटों से मेल नहीं खाती थी, और शीशों पर दरारें कथित घटना से मेल नहीं खाती थीं. महाराष्ट्र में जिस योजना ने जिताया चुनाव अब उसमें घटेगी लाभार्थियों की संख्या? सरकार ने लागू किया सख्त नियम अधिकारी ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि घाव में कांच का कोई टुकड़ा नहीं मिला. उन्होंने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और आस-पास के इलाकों की भी जांच की, लेकिन हमलावरों या चश्मदीदों का कोई सबूत नहीं मिला. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर और पुख्ता सबूतों के अभाव में, पुलिस ने निष्कर्ष निकाला कि आरोप झूठे थे.

Maharashtra News: अनिल देशमुख की बढ़ सकती हैं मुश्किलें? करीबी शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के आसार

महाराष्ट्र में पुलिस ने नेश्नलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एसपी) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर पिछले साल हुए कथित पथराव मामले की जांच बंद कर दी है. पुलिस ने अदालत में दाखिल एक ‘बी समरी’ रिपोर्ट के माध्यम से मामले को झूठा करार दिया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि फोरेंसिक निष्कर्ष के आधार पर और जांच में शिकायत में किए गए दावे गलत पाये जाने के बाद नागपुर ग्रामीण पुलिस ने पिछले सप्ताह यहां काटोल की एक अदालत में ‘बी समरी’ रिपोर्ट पेश की.

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मामले में शिकायतकर्ता पर मुकदमा चलाने के लिए अदालत से अनुमति भी मांगी है.

देशमुख के निजी सहायक उज्ज्वल भोयर ने एनसीपी (एसपी) नेता पर पथराव का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. कथित घटना 18 नवंबर, 2024 को हुई थी, जब देशमुख नागपुर जिले के नरखेड़ गांव में एक चुनाव प्रचार सभा से काटोल लौट रहे थे.

देशमुख के करीबी का दावा- कांच के टुकड़े गाड़ी में बिखर गए

यह दावा किया गया था कि चार अज्ञात लोगों ने काटोल के पास देशमुख की कार पर पथराव किया था. बताया गया कि एक पत्थर उनके सिर पर लगा, जिससे खून बहने लगा और कांच के टुकड़े गाड़ी में बिखर गये.

उस समय, अनिल देशमुख अपने बेटे सलिल देशमुख के लिए प्रचार कर रहे थे, जिन्होंने एनसीपी (एसपी) के टिकट पर काटोल निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था.

हालांकि, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) ने विस्तृत जांच के बाद पत्थर से हमले की बात को खारिज कर दिया.

विशेषज्ञों ने पाया कि कार का मजबूत शीशा एक ही वार से नहीं टूट सकता था, अनिल देशमुख की गंभीर चोट शीशे के टुकड़ों से लगी चोटों से मेल नहीं खाती थी, और शीशों पर दरारें कथित घटना से मेल नहीं खाती थीं.

अधिकारी ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि घाव में कांच का कोई टुकड़ा नहीं मिला. उन्होंने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और आस-पास के इलाकों की भी जांच की, लेकिन हमलावरों या चश्मदीदों का कोई सबूत नहीं मिला. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर और पुख्ता सबूतों के अभाव में, पुलिस ने निष्कर्ष निकाला कि आरोप झूठे थे.