Maharashtra Politics: दशहरा रैली के पहले गरजे उद्धव ठाकरे, बिहार में महिलाओं को 10,000 रुपये देने पर उठाए सवाल

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बिहार में महिलाओं को 10,000 रुपये देने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि संकट महाराष्ट्र पर है और 10,000 रुपये बिहार में दिए जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव की वजह से बीजेपी, महाराष्ट्र की जगह बिहार पर ध्यान दे रही है.  शिवसेना (यूबीटी) नेता ने 1 अक्टूबर को एक प्रेस वार्ता में कहा कि मुझे लगता है कि चार-पांच दिन पहले मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से मिलने गए थे और खबर आई कि वह प्रधानमंत्री से प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं. बिहार में चुनाव हैं और प्रधानमंत्री ने वहां हर महिला को 10,000 रुपये दिए.महाराष्ट्र संकट में है और बिहार में चुनाव हैं; इसलिए आप बिहार की ओर देख रहे हैं और महाराष्ट्र को नजरअंदाज कर रहे हैं. यह अन्याय है, सरासर अन्याय." 'एक्टर पर 41 लोगों की हत्या का केस दर्ज हो', करुर भगदड़ पर संजय राउत का बड़ा बयान अपनी सरकार के फैसलों का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि मुझे किसानों की पीड़ा देखकर दुख हुआ, इसलिए मैंने कर्जमाफी की. तब हमारी नीयत पर सवाल उठाए गए. आज भी किसानों को मदद नहीं मिल रही. यहां सिर्फ अध्ययन किया जा रहा है. केंद्र का दल अभी तक नहीं आया है. वे कब आएंगे, कब पंचनामा करेंगे? दिल्ली जाएं सीएम फडणवीस- ठाकरे पूर्व सीएम ने कहा कि आप इसे 'ओला सूखा' कहें या कुछ और, लेकिन एक नई योजना लानी चाहिए. स्कूल भी शुरू होने चाहिए. जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मैंने छावनियों का दौरा किया था. सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर इशारा करते हुए ठाकरे कहा कि 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री अनाज देते हैं, लेकिन जो किसान उसे उगाता है… उसे आप क्या देते हैं? स्कूलों की सफाई अभियान शुरू कर उन्हें भी चालू करना चाहिए. यह बड़ा संकट है. हमें राजनीति नहीं करनी. हमारी मांगों के लिए आपको दिल्ली तक जाना चाहिए.

Maharashtra Politics: दशहरा रैली के पहले गरजे उद्धव ठाकरे, बिहार में महिलाओं को 10,000 रुपये देने पर उठाए सवाल

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बिहार में महिलाओं को 10,000 रुपये देने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि संकट महाराष्ट्र पर है और 10,000 रुपये बिहार में दिए जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव की वजह से बीजेपी, महाराष्ट्र की जगह बिहार पर ध्यान दे रही है. 

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने 1 अक्टूबर को एक प्रेस वार्ता में कहा कि मुझे लगता है कि चार-पांच दिन पहले मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से मिलने गए थे और खबर आई कि वह प्रधानमंत्री से प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं. बिहार में चुनाव हैं और प्रधानमंत्री ने वहां हर महिला को 10,000 रुपये दिए.महाराष्ट्र संकट में है और बिहार में चुनाव हैं; इसलिए आप बिहार की ओर देख रहे हैं और महाराष्ट्र को नजरअंदाज कर रहे हैं. यह अन्याय है, सरासर अन्याय."

अपनी सरकार के फैसलों का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि मुझे किसानों की पीड़ा देखकर दुख हुआ, इसलिए मैंने कर्जमाफी की. तब हमारी नीयत पर सवाल उठाए गए. आज भी किसानों को मदद नहीं मिल रही. यहां सिर्फ अध्ययन किया जा रहा है. केंद्र का दल अभी तक नहीं आया है. वे कब आएंगे, कब पंचनामा करेंगे?

दिल्ली जाएं सीएम फडणवीस- ठाकरे

पूर्व सीएम ने कहा कि आप इसे 'ओला सूखा' कहें या कुछ और, लेकिन एक नई योजना लानी चाहिए. स्कूल भी शुरू होने चाहिए. जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मैंने छावनियों का दौरा किया था.

सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर इशारा करते हुए ठाकरे कहा कि 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री अनाज देते हैं, लेकिन जो किसान उसे उगाता है… उसे आप क्या देते हैं? स्कूलों की सफाई अभियान शुरू कर उन्हें भी चालू करना चाहिए. यह बड़ा संकट है. हमें राजनीति नहीं करनी. हमारी मांगों के लिए आपको दिल्ली तक जाना चाहिए.