'अगर बालासाहेब होते तो हमारी पीठ थपथपाते', दशहरा रैली में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को भी घेरा
दशहरे के मौके पर मुंबई के NESCO एग्जिबिशन सेंटर में शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट ने दशहरा रैली का आयोजन किया. इस दौरान पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के डिप्टी एकनाथ शिंदे ने शिवसेना यूबीटी के मुखिया उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा. अपने भाषण के दौरान उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, "मैं कपड़ों की इस्त्री और वैनिटी वैन लेकर घूमने वाला नहीं हूं और मैं ऑनलाइन मीटिंग लेने वाला भी नहीं हूं. एकनाथ शिंदे वर्क फ्रॉम होम वाला नहीं है आपका ये एकनाथ शिंदे और फेसबुक लाइव करने वाला तो बिलकुल ही नहीं." 'बालासाहेब होते तो हमारी पीठ थपथपाते' एकना शिंदे ने भाषण के दौरान कहा, "लोग कह रहे थे कि इतना बारिश उन्होंने पहले कभी नहीं देखा, इसलिए हमने निर्णय लिया कि आसपास के लोगों को ही बुलाया जाए. दसरा त्योहार बड़ा हर्षोल्लास का होता है, कोई नुकसान का नहीं.लेकिन इस बार दसरे पर बाढ़ का साया है. हमने अपने अन्नदाता (किसान) की मदद करने का निर्णय लिया है. अगर बालासाहेब होते तो हमारी पीठ थपथपाते. स्थिति भयावह है. उन्हें अब मदद का हाथ नहीं देंगे तो कब देंगे." 'कुछ लोग केवल हाथ हिलाते हुए जाते हैं' डिप्टी सीएम ने ये भी कहा, "विरोधियों को हमारे फोटो तो दिखते हैं, लेकिन उन पैकेटों में रखे सामान नहीं दिखते. क्या वे साधारण बिस्कुट का पैकेट तक लेकर गए? जब हमने मदद की और उसकी तस्वीरें लगाई, तब हमें अच्छा लगा. डॉक्टरों की टीम भी भेजी गई ताकि महामारी जैसी बीमारियां न फैलें. कुछ लोग केवल हाथ हिलाते हुए जाते हैं और लौटकर सिर्फ आलोचना करते हैं. उनके दौरे ऐसे होते हैं जैसे खुद को चाहिए काजू-बादाम, और पानी में उतरे तो सर्दी-ज़ुकाम, आम जनता को कीचड़ में खड़ा किया गया, और उधर उनके पैरों में कीचड़ न लगे इसलिए रैंप लगाया गया, यह कैसी संवेदना?" 'बंद नहीं होगी लाडली बहन योजना' वहीं शिवसेना प्रमुख ने कहा, मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं, लेकिन मैं साफ कहता हूं कि यह योजना बंद नहीं होगी. 5 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिला है. मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए काम किया, तभी 232 विधायक महायुती के जीते. 'मैंने किसानों की आंखों में आंसू देखे' वहीं किसानों को लेकर एकनाथ शिंदे ने कहा, "मराठवाड़ा में कई जगहों पर बली राजा (किसान) संकट में हैं. आज का मेळावा सिर्फ मुंबई और ठाणे तक सीमित रखा गया. बली राजा का दुख बहुत बड़ा है. मैंने खुद अपनी आंखों से उनका दुख देखा है. ऐसी परिस्थिति में हमें किसानों की मदद करनी चाहिए." उन्होंने बाढ़ की परिस्थिति में कार्यकर्ताओं से किसानों को मदद का हाथ देने को कहा.

दशहरे के मौके पर मुंबई के NESCO एग्जिबिशन सेंटर में शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट ने दशहरा रैली का आयोजन किया. इस दौरान पार्टी प्रमुख और महाराष्ट्र के डिप्टी एकनाथ शिंदे ने शिवसेना यूबीटी के मुखिया उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा.
अपने भाषण के दौरान उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, "मैं कपड़ों की इस्त्री और वैनिटी वैन लेकर घूमने वाला नहीं हूं और मैं ऑनलाइन मीटिंग लेने वाला भी नहीं हूं. एकनाथ शिंदे वर्क फ्रॉम होम वाला नहीं है आपका ये एकनाथ शिंदे और फेसबुक लाइव करने वाला तो बिलकुल ही नहीं."
'बालासाहेब होते तो हमारी पीठ थपथपाते'
एकना शिंदे ने भाषण के दौरान कहा, "लोग कह रहे थे कि इतना बारिश उन्होंने पहले कभी नहीं देखा, इसलिए हमने निर्णय लिया कि आसपास के लोगों को ही बुलाया जाए. दसरा त्योहार बड़ा हर्षोल्लास का होता है, कोई नुकसान का नहीं.लेकिन इस बार दसरे पर बाढ़ का साया है. हमने अपने अन्नदाता (किसान) की मदद करने का निर्णय लिया है. अगर बालासाहेब होते तो हमारी पीठ थपथपाते. स्थिति भयावह है. उन्हें अब मदद का हाथ नहीं देंगे तो कब देंगे."
'कुछ लोग केवल हाथ हिलाते हुए जाते हैं'
डिप्टी सीएम ने ये भी कहा, "विरोधियों को हमारे फोटो तो दिखते हैं, लेकिन उन पैकेटों में रखे सामान नहीं दिखते. क्या वे साधारण बिस्कुट का पैकेट तक लेकर गए? जब हमने मदद की और उसकी तस्वीरें लगाई, तब हमें अच्छा लगा. डॉक्टरों की टीम भी भेजी गई ताकि महामारी जैसी बीमारियां न फैलें. कुछ लोग केवल हाथ हिलाते हुए जाते हैं और लौटकर सिर्फ आलोचना करते हैं. उनके दौरे ऐसे होते हैं जैसे खुद को चाहिए काजू-बादाम, और पानी में उतरे तो सर्दी-ज़ुकाम, आम जनता को कीचड़ में खड़ा किया गया, और उधर उनके पैरों में कीचड़ न लगे इसलिए रैंप लगाया गया, यह कैसी संवेदना?"
'बंद नहीं होगी लाडली बहन योजना'
वहीं शिवसेना प्रमुख ने कहा, मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना को लेकर अफवाहें फैलाई जा रही हैं, लेकिन मैं साफ कहता हूं कि यह योजना बंद नहीं होगी. 5 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिला है. मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए काम किया, तभी 232 विधायक महायुती के जीते.
'मैंने किसानों की आंखों में आंसू देखे'
वहीं किसानों को लेकर एकनाथ शिंदे ने कहा, "मराठवाड़ा में कई जगहों पर बली राजा (किसान) संकट में हैं. आज का मेळावा सिर्फ मुंबई और ठाणे तक सीमित रखा गया. बली राजा का दुख बहुत बड़ा है. मैंने खुद अपनी आंखों से उनका दुख देखा है. ऐसी परिस्थिति में हमें किसानों की मदद करनी चाहिए." उन्होंने बाढ़ की परिस्थिति में कार्यकर्ताओं से किसानों को मदद का हाथ देने को कहा.