EXPLAINED: 54 साल पहले पाकिस्तान से आजाद कराया, अब भारत को ही आंख दिखा रहा बांग्लादेश, क्या PM मोदी सबक सिखाएंगे?

नई दिल्ली के खुफिया और रक्षा सूत्रों के मुताबिक भारत ने बांग्लादेश बॉर्डर पर 3 नई सैन्य चौकियां बनाई हैं. ये चौकियां असम के धुबरी में बामुनी, बिहार के किशनगंज और पश्चिम बंगाल के चोपड़ा में बनाई गई हैं. भारत ने 54 साल पहले बांग्लादेश को जिस दुश्मन देश पाकिस्तान से आजाद करवाया था, अब वे उसी के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है. 2024 में बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के सत्ता संभालने के बाद भारत से रिश्ते दिन-ब-दिन खराब हो रहे हैं. सिर्फ यही नहीं 9 नवंबर को 54 साल बाद बांग्लादेश के तट पर कोई वॉरशिप पहुंचा है, जो पाकिस्तान का PNS सैफ है. तो आइए ABP एक्सप्लेनर में समझते हैं कि भारत-बांग्लादेश के रिश्ते कैसे टूटे, पाकिस्तान का दामन क्यों थाम रहे यूनुस और क्या कुछ बड़ा होने वाला है... सवाल 1- बीते 54 सालों में भारत ने किस तरह बांग्लादेश की मदद की है?जवाब- आज का बांग्लादेश कभी पूर्वी पाकिस्तान था. पाकिस्तानी आर्मी के जुल्मो-सितम और वहां की सरकार के भेदभाव से त्रस्त होकर विद्रोह शुरू हुआ. भारतीय सेना की मदद से 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश बना. पिछले 7 दशकों में भारत अपने नए पड़ोसी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहा. कई बार अपना नुकसान सहकर भी… 1996 में दोनों देशों ने गंगा नदी के लिए 'गंगा जल बंटवारा' संधि की, जो बांग्लादेश के लिए खेती और पानी की जरूरतों के लिए जरूरी था. 2006 में भारत ने एकतरफा फैसला किया जिसके बाद सिगरेट और शराब को छोड़कर बांग्लादेश से सारी चीजें भारत में जीरो टैरिफ पर आती हैं. बांग्लादेश के लोग चीन से फैब्रिक खरीदते हैं और भारत को कपड़े बनाकर भेज देते हैं. इससे भारत की लोकल इंडस्ट्री को परेशानी होती है. इसके बावजूद उसे यह सुविधा मिली हुई है. 2010 से 2020 तक भारत ने करीब 8 बिलियन डॉलर यानी करीब 68 हजार करोड़ रुपए की लाइन ऑफ क्रेडिट दी. सड़क, रेल और बंदरगाह जैसे 17 प्रोजेक्ट्स में निवेश किया. 2015 में लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट के तहत दोनों देशों ने 162 छोटे-छोटे इलाकों का बंटवारा किया, जिससे सीमा विवाद खत्म हुआ. इसमें भारत ने बांग्लादेश को 10 हजार एकड़ ज्यादा जमीन दी. 2021 में कोविड के दौरान भारत ने बांग्लादेश को 33 लाख कोवीशील्ड वैक्सीन मुफ्त दीं और अस्पतालों के लिए दवाइयां और उपकरण भी भेजे थे. 2022-23 में दोनों देशों के बीच 12.2 बिलियन डॉलर यानी करीब 1.4 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ. इसमें ज्यादा रोजमर्रा की जरूरत की चीजें हैं. 2023 से भारत, बांग्लादेश को रोजाना 2 हजार मेगावाट बिजली भेजता है. इसके अलावा, 2023 से इंडिया-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन के जरिए बांग्लादेश को डीजल देना शुरू किया. 2024-25 के लिए भारत ने बांग्लादेश को 120 करोड़ रुपए का अनुदान दिया था. इसके अलावा भारत ने कुल मिलाकर करीब 66 हजार करोड़ रुपए की लाइन ऑफ क्रेडिट दी है, जिसमें से बड़ी राशि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर खर्च हुई. 2025 में भी भारत ने 120 करोड़ रुपए का अनुदान बरकरार रखा. इसके अलावा हाई इम्पैक्ट कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स (HICDPs) के तहत भारत ने 77 छोटी परियोजनाओं को फंडिंग दी. सवाल 2- मोहम्मद यूनुस की सरकार के बाद बांग्लादेश का रवैया कैसे बदल गया?जवाब- अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हुए विद्रोह के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा और उन्होंने भारत में पनाह ली. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाई गई और मोहम्मद यूनुस उसके मुखिया बने. शेख हसीना के समय भारत-बांग्लादेश के रिश्ते काफी मजबूत थे, लेकिन उसके बाद बांग्लादेश की एंटी-इंडिया गतिविधियां बढ़ती गईं… 1. बांग्लादेश ने पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ाई सितंबर और दिसंबर 2024 में मुहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान का दौरा किया और उन्होंने गिले-शिकवे भुलाकर संबंधों को मजबूत करने की बात कही. मोहम्मद यूनुस सरकार ने पाकिस्तानियों के लिए वीजा सिक्योरिटी क्लियरेंस को खत्म कर दिया. नवंबर 2024 में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सीधे समुद्री संपर्क की शुरुआत हुई थी. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनुस सरकार ने पाकिस्तान को गोला-बारूद का ऑर्डर किया था, जिसमें 40 हजार से ज्यादा राउंड गोला-बारूद और 40 टन के 2,900 आरडीएक्स शामिल थे. 24 अक्टूबर 2025 को पाकिस्तान की जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के प्रमुख शाहिद शमशाद मिर्जा बांग्लादेश पहुंचे. मोहम्मद यूनुस ने उन्हें ग्रेटर बांग्लादेश वाले नक्शे की 'आर्ट ऑफ ट्रायम्फ' किताब गफ्ट की. 8 नवंबर को पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नवेद अशरफ भी चार दिन के आधिकारिक दौरे पर बांग्लादेश पहुंचे. 8 नवंबर को पाकिस्तानी वॉरशिप 'PNS सैफ' बंगाल की खाड़ी से होते हुए बांग्लादेश की चटगांव बंदरगाह पहुंचा. 2. बांग्लादेश ने चीन से नजदीकी बढ़ाई 26-29 मार्च 2025 को मुहम्मद यूनुस ने चीन का दौरा किया और बोआओ फोरम फॉर एशिया में हिस्सा लिया. उन्होंने चीनी नेताओं से मुलाकात की और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए. 2025 में चीन ने बांग्लादेश में 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया, जिसमें मोंगला बंदरगाह का डेवलपमेंट शामिल है. यह बंदरगाह कोलकाता से करीब 200 किलोमीटर दूर है, जिससे भारत की चिंताएं बढ़ीं. चीन ने बांग्लादेश में 4 अस्पताल, रोबोट फिजियोथेरेपी सेंटर और कार्डियक सर्जरी व्हीकल दान करने का ऐलान किया. चीन ने औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र (CEIZ) की स्थापना और मोंगला बंदरगाह के लिए लगभग 3400 करोड़ रुपए की फंडिंग की घोषणा की थी. 8 अक्टूबर को बांग्लादेश सरकार ने 2.2 बिलियन डॉलर में 20 चीनी J-10CE फाइटर जेट्स खरीदने की मंजूरी दी. 19 अक्टूबर को बांग्लादेश की चटगांव यूनिवर्सिटी के शहीद मिनार के पास सैकड़ों लोगों ने चीन समर्थित तीस्ता मास्टर प्लान को लागू करने की मांग की. भारत इस प्लान के खिलाफ है. 3. भारत को आंखें दिखाने लगा बांग्लादेश 13 अप्रैल 2025 को बांग्लादेश के नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (NBR) ने बेनापोले, भोम

EXPLAINED: 54 साल पहले पाकिस्तान से आजाद कराया, अब भारत को ही आंख दिखा रहा बांग्लादेश, क्या PM मोदी सबक सिखाएंगे?

नई दिल्ली के खुफिया और रक्षा सूत्रों के मुताबिक भारत ने बांग्लादेश बॉर्डर पर 3 नई सैन्य चौकियां बनाई हैं. ये चौकियां असम के धुबरी में बामुनी, बिहार के किशनगंज और पश्चिम बंगाल के चोपड़ा में बनाई गई हैं. भारत ने 54 साल पहले बांग्लादेश को जिस दुश्मन देश पाकिस्तान से आजाद करवाया था, अब वे उसी के साथ नजदीकियां बढ़ा रहा है. 2024 में बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के सत्ता संभालने के बाद भारत से रिश्ते दिन-ब-दिन खराब हो रहे हैं. सिर्फ यही नहीं 9 नवंबर को 54 साल बाद बांग्लादेश के तट पर कोई वॉरशिप पहुंचा है, जो पाकिस्तान का PNS सैफ है.

तो आइए ABP एक्सप्लेनर में समझते हैं कि भारत-बांग्लादेश के रिश्ते कैसे टूटे, पाकिस्तान का दामन क्यों थाम रहे यूनुस और क्या कुछ बड़ा होने वाला है...

सवाल 1- बीते 54 सालों में भारत ने किस तरह बांग्लादेश की मदद की है?
जवाब- आज का बांग्लादेश कभी पूर्वी पाकिस्तान था. पाकिस्तानी आर्मी के जुल्मो-सितम और वहां की सरकार के भेदभाव से त्रस्त होकर विद्रोह शुरू हुआ. भारतीय सेना की मदद से 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश बना. पिछले 7 दशकों में भारत अपने नए पड़ोसी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहा. कई बार अपना नुकसान सहकर भी…

  • 1996 में दोनों देशों ने गंगा नदी के लिए 'गंगा जल बंटवारा' संधि की, जो बांग्लादेश के लिए खेती और पानी की जरूरतों के लिए जरूरी था.
  • 2006 में भारत ने एकतरफा फैसला किया जिसके बाद सिगरेट और शराब को छोड़कर बांग्लादेश से सारी चीजें भारत में जीरो टैरिफ पर आती हैं. बांग्लादेश के लोग चीन से फैब्रिक खरीदते हैं और भारत को कपड़े बनाकर भेज देते हैं. इससे भारत की लोकल इंडस्ट्री को परेशानी होती है. इसके बावजूद उसे यह सुविधा मिली हुई है.
  • 2010 से 2020 तक भारत ने करीब 8 बिलियन डॉलर यानी करीब 68 हजार करोड़ रुपए की लाइन ऑफ क्रेडिट दी. सड़क, रेल और बंदरगाह जैसे 17 प्रोजेक्ट्स में निवेश किया.
  • 2015 में लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट के तहत दोनों देशों ने 162 छोटे-छोटे इलाकों का बंटवारा किया, जिससे सीमा विवाद खत्म हुआ. इसमें भारत ने बांग्लादेश को 10 हजार एकड़ ज्यादा जमीन दी.
  • 2021 में कोविड के दौरान भारत ने बांग्लादेश को 33 लाख कोवीशील्ड वैक्सीन मुफ्त दीं और अस्पतालों के लिए दवाइयां और उपकरण भी भेजे थे.
  • 2022-23 में दोनों देशों के बीच 12.2 बिलियन डॉलर यानी करीब 1.4 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ. इसमें ज्यादा रोजमर्रा की जरूरत की चीजें हैं.
  • 2023 से भारत, बांग्लादेश को रोजाना 2 हजार मेगावाट बिजली भेजता है. इसके अलावा, 2023 से इंडिया-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन के जरिए बांग्लादेश को डीजल देना शुरू किया.
  • 2024-25 के लिए भारत ने बांग्लादेश को 120 करोड़ रुपए का अनुदान दिया था. इसके अलावा भारत ने कुल मिलाकर करीब 66 हजार करोड़ रुपए की लाइन ऑफ क्रेडिट दी है, जिसमें से बड़ी राशि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर खर्च हुई.
  • 2025 में भी भारत ने 120 करोड़ रुपए का अनुदान बरकरार रखा. इसके अलावा हाई इम्पैक्ट कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स (HICDPs) के तहत भारत ने 77 छोटी परियोजनाओं को फंडिंग दी.

सवाल 2- मोहम्मद यूनुस की सरकार के बाद बांग्लादेश का रवैया कैसे बदल गया?
जवाब- अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हुए विद्रोह के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा और उन्होंने भारत में पनाह ली. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाई गई और मोहम्मद यूनुस उसके मुखिया बने. शेख हसीना के समय भारत-बांग्लादेश के रिश्ते काफी मजबूत थे, लेकिन उसके बाद बांग्लादेश की एंटी-इंडिया गतिविधियां बढ़ती गईं…

1. बांग्लादेश ने पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ाई

  • सितंबर और दिसंबर 2024 में मुहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान का दौरा किया और उन्होंने गिले-शिकवे भुलाकर संबंधों को मजबूत करने की बात कही.
  • मोहम्मद यूनुस सरकार ने पाकिस्तानियों के लिए वीजा सिक्योरिटी क्लियरेंस को खत्म कर दिया.
  • नवंबर 2024 में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सीधे समुद्री संपर्क की शुरुआत हुई थी.
  • द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनुस सरकार ने पाकिस्तान को गोला-बारूद का ऑर्डर किया था, जिसमें 40 हजार से ज्यादा राउंड गोला-बारूद और 40 टन के 2,900 आरडीएक्स शामिल थे.
  • 24 अक्टूबर 2025 को पाकिस्तान की जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के प्रमुख शाहिद शमशाद मिर्जा बांग्लादेश पहुंचे. मोहम्मद यूनुस ने उन्हें ग्रेटर बांग्लादेश वाले नक्शे की 'आर्ट ऑफ ट्रायम्फ' किताब गफ्ट की.
  • 8 नवंबर को पाकिस्तानी नौसेना प्रमुख एडमिरल नवेद अशरफ भी चार दिन के आधिकारिक दौरे पर बांग्लादेश पहुंचे.
  • 8 नवंबर को पाकिस्तानी वॉरशिप 'PNS सैफ' बंगाल की खाड़ी से होते हुए बांग्लादेश की चटगांव बंदरगाह पहुंचा.

2. बांग्लादेश ने चीन से नजदीकी बढ़ाई

  • 26-29 मार्च 2025 को मुहम्मद यूनुस ने चीन का दौरा किया और बोआओ फोरम फॉर एशिया में हिस्सा लिया. उन्होंने चीनी नेताओं से मुलाकात की और कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
  • 2025 में चीन ने बांग्लादेश में 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया, जिसमें मोंगला बंदरगाह का डेवलपमेंट शामिल है. यह बंदरगाह कोलकाता से करीब 200 किलोमीटर दूर है, जिससे भारत की चिंताएं बढ़ीं.
  • चीन ने बांग्लादेश में 4 अस्पताल, रोबोट फिजियोथेरेपी सेंटर और कार्डियक सर्जरी व्हीकल दान करने का ऐलान किया.
  • चीन ने औद्योगिक आर्थिक क्षेत्र (CEIZ) की स्थापना और मोंगला बंदरगाह के लिए लगभग 3400 करोड़ रुपए की फंडिंग की घोषणा की थी.
  • 8 अक्टूबर को बांग्लादेश सरकार ने 2.2 बिलियन डॉलर में 20 चीनी J-10CE फाइटर जेट्स खरीदने की मंजूरी दी.
  • 19 अक्टूबर को बांग्लादेश की चटगांव यूनिवर्सिटी के शहीद मिनार के पास सैकड़ों लोगों ने चीन समर्थित तीस्ता मास्टर प्लान को लागू करने की मांग की. भारत इस प्लान के खिलाफ है.

3. भारत को आंखें दिखाने लगा बांग्लादेश

  • 13 अप्रैल 2025 को बांग्लादेश के नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (NBR) ने बेनापोले, भोमरा, बांग्लाबंधा, बरीमारी और सोना मस्जिद लैंड पोर्ट के जरिए भारत से आयात होने वाले सूत पर पाबंदी लगाई.
  • बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार आसिफ नजरुल ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय दिवस ट्वीट का जवाब देते हुए कहा था, '16 दिसंबर 1971 बांग्लादेश का विजय दिवस था. भारत सिर्फ सहयोगी था, इससे ज्यादा नहीं.'
  • मोहम्मूद यूनुस ने कई विदेशी महमानों को आर्ट ऑफ ट्रायम्फ किताब गिफ्ट की. इस पर बने 'ग्रेटर बांग्लादेश' के विवादित नक्शे में भारत के पूर्वोत्तर इलाकों को बांग्लादेश का हिस्सा बताया है.

सवाल 3- तो अब क्या भारत को बांग्लादेश से बड़ा खतरा है, जो सैन्य चौकियां बनाईं?
जवाब- भारत ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर यानी चिकन नेक को सुरक्षित करने के लिए 3 नई सैन्य चौकियां बनाईं. ये ऑपरेशनली रेडी हैं और चीन-पाक-बांग्लादेश गठजोड़ से खतरे का जवाब है. इसके अलावा भारत ने त्रिपुरा में कैलाशहर एयरबेस को रिएक्टिवेट किया, ताकि नॉर्थ-ईस्ट पर नजर रखी जा सके.

दरअसल, चिकन नेक भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है, जो 22 किलोमीटर चौड़ा है. चिकन नेक भारत की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खास है, क्योंकि यह पूर्वोत्तर भारत को पश्चिमी राज्यों से जोड़ता है. अगर इस रास्ते को किसी तरह से रोका गया तो भारत के पूर्वोत्तर राज्य अलग हो जाएंगे और देश दो हिस्सों में बंट जाएगा. इस रास्ते से होकर ही भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट किया जाता है.

सवाल 4- तो फिर बांग्लादेश को भारत कैसे सबक सिखा सकता है?
जवाब- विदेश मामलों के जानकार और NEHU के प्रोफेसर प्रसेनजीत बिस्वास के मुताबिक, भारत 3 तरीकों से बांग्लादेश को सबक सिखा सकता है...

  1. आर्थिक दबाव बनाना: अप्रैल 2025 में भारत ने बांग्लादेश पर जवाबी कार्रवाई करते हुए ट्रांस शिपमेंट सुविधा तो बंद कर दी थी, जिससे बांग्लादेश को सालाना करीब 6,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. मई 2025 में भारत ने बांग्लादेशी यार्न, चावल और गारमेंट्स पर इंपोर्ट रेस्ट्रिक्शंस लगाए. जवाब में बांग्लादेश ने भारतीय प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया, लेकिन भारत का ट्रेड सरप्लस ($11 बिलियन) से ज्यादा होने से बांग्लादेश को ज्यादा नुकसान हुआ. बजट 2025 में भारत ने अपनी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बूस्ट देने का प्लान बनाया, ताकि बांग्लादेश की गारमेंट मार्केट शेयर छीनी जाए. इसी तरह भारत को बांग्लादेश पर दबाव बनाना चाहिए.
  2. कृषि प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाना: भारत ने बांग्लादेश के जूट, मछली और तंबाकू जैसे कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी. टैरिफ बढ़ने से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि बांग्लादेश की GDP का 16% निर्यात से आता है और भारत दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार है.
  3. बिजली आपूर्ति पर कंट्रोल: भारत बांग्लादेश को 2 मेगावाट बिजली सप्लाई करता है, जो बांग्लादेश की ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा है. भारत आपूर्ति कम कर सकता है या भुगतान की शर्तें कड़ी कर सकता है. इससे बांग्लादेश की इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज और जनजीवन प्रभावित हो सकते हैं.

सवाल 5- भारत और बांग्लादेश के रिश्ते आगे चलकर सुधरेंगे या और बिगड़ जाएंगे?
जवाब- 4 अप्रैल 2025 को थाईलैंड के बैंकॉक में BIMSTEC समिट के दौरान पहली बार PM मोदी और मोहम्मद यूनुस मिले. मोदी ने कहा, 'हम पॉजिटिव रिलेशनशिप चाहते हैं, लेकिन हिंदुओं की सेफ्टी और एक्सट्रीमिज्म पर ध्यान दो.' यूनुस ने जवाब दिया, 'हसीना को वापस भेजो, वो झूठी बातें फैला रही हैं.' ये मीटिंग सिर्फ फोटो तक सीमित रही, कोई समझौता नहीं हुआ.

प्रसेनजीत बिस्वास कहते हैं, '2026 में भारत और बांग्लादेश के रिश्ते सुधरना बेहद मुश्किल है, क्योंकि बांग्लादेश भारत के दुश्मन देशों के करीब आता जा रहा है. वहीं, अप्रैल 2026 में बांग्लादेश में चुनाव हो सकते हैं. इसमें अगर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी जीती, तो भारत के साथ रिश्ते ज्यादा खराब हो जाएंगे. बांग्लादेश भारत से सारा ट्रेड बंद कर देगा, चिकन नेक पर ब्लॉकेज शुरू हो जाएगा, भारत नॉर्थ-ईस्ट को पूरी तरह बायपास कर देगा और माल की आवाजाही कलादान पोर्ट (म्यांमार) से होगी. इसका सबसे ज्यादा नुकसान बांग्लादेश को ही होगा, क्योंकि करीब 2 करोड़ बांग्लादेशी बेरोजगार होंगे और GDP 3.8% तक गिर जाएगी. लेकिन अगर आवामी लीग सत्ता में आ गई तो रिश्ते सुधरने की उम्मीद है.'