Maharashtra: स्वतंत्रता दिवस पर मांस बंदी पर डिप्टी CM अजित पवार ने जताई नाराजगी, बोले- 'धार्मिक भावनाओं...'
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कुछ नगरपालिकाओं द्वारा 15 अगस्त को कसाईखानों और मांस की दुकानों को बंद करने के आदेश पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतिबंध लगाना गलत है. पवार ने कहा कि आमतौर पर धार्मिक अवसरों जैसे अशाढ़ी एकादशी, महाशिवरात्रि या महावीर जयंती पर ही इस तरह के आदेश दिए जाते हैं. महाराष्ट्र में लोग शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार का भोजन करते हैं, इसलिए स्वतंत्रता दिवस पर मांस की दुकानों को बंद करना उचित नहीं है. बड़े शहरों की विविधता का जिक्र पवार ने आगे कहा कि बड़े शहरों में विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग रहते हैं. अगर यह किसी धार्मिक भावनाओं का मुद्दा है तो लोग एक दिन के लिए इसे स्वीकार कर सकते हैं. लेकिन महाराष्ट्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर ऐसा आदेश देना मुश्किल है और इससे लोगों में असंतोष पैदा हो सकता है. नगरपालिका ने लगाई बंदी छत्रपति संभाजीनगर नगर निगम ने त्यौहारों के मद्देनजर शहर में कसाईखानों, मांस आउटलेट्स और दुकानों को दो दिनों 15 और 20 अगस्त के लिए बंद करने की घोषणा की. 15 अगस्त को यह बंदी 'गोवुल अष्टमी' के कारण लगाई गई है, जो भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का अवसर है. वहीं, 20 अगस्त को यह बंदी 'पर्युषण पर्व' के शुरू होने के कारण रखी गई है, जो जैन समुदाय का प्रमुख पर्व है. नगर निगम ने कहा कि इन दोनों दिनों में जानवरों की हत्या और मांस की बिक्री पर रोक रहेगी और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मुंबई के पास भी आदेश लागू यह आदेश मुंबई के पास कल्याण डोंबिवली नगर निगम द्वारा 15 अगस्त को मांस की दुकानों को बंद करने के निर्देश जारी करने के बाद आया है. इसके अलावा, मालिकगाँव नगर निगम ने भी ऐसा ही आदेश जारी किया हैं. विपक्षी नेताओं ने भी दी प्रतिक्रिया शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि केडीएमसी आयुक्त को निलंबित किया जाना चाहिए. उनका कहना था कि शाकाहारी या मांसाहारी खाने का फैसला हर व्यक्ति की अपनी इच्छा है. उन्होंने कहा, "यह हमारी इच्छा है कि हम स्वतंत्रता दिवस पर क्या खाएं और क्या न खाएं. हम निश्चित रूप से मांसाहारी भोजन करेंगे. आयुक्त को इसके बजाय सड़कों पर गड्ढों की समस्या हल करनी चाहिए." एनसीपी (एसपी) नेता जितेंद्र अवस्थाद ने भी कहा कि वे केडीएमसी के इस प्रतिबंध के विरोध में स्वतंत्रता दिवस पर मांसाहारी भोजन करेंगे.

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कुछ नगरपालिकाओं द्वारा 15 अगस्त को कसाईखानों और मांस की दुकानों को बंद करने के आदेश पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतिबंध लगाना गलत है.
पवार ने कहा कि आमतौर पर धार्मिक अवसरों जैसे अशाढ़ी एकादशी, महाशिवरात्रि या महावीर जयंती पर ही इस तरह के आदेश दिए जाते हैं. महाराष्ट्र में लोग शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार का भोजन करते हैं, इसलिए स्वतंत्रता दिवस पर मांस की दुकानों को बंद करना उचित नहीं है.
बड़े शहरों की विविधता का जिक्र
पवार ने आगे कहा कि बड़े शहरों में विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग रहते हैं. अगर यह किसी धार्मिक भावनाओं का मुद्दा है तो लोग एक दिन के लिए इसे स्वीकार कर सकते हैं. लेकिन महाराष्ट्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर ऐसा आदेश देना मुश्किल है और इससे लोगों में असंतोष पैदा हो सकता है.
नगरपालिका ने लगाई बंदी
छत्रपति संभाजीनगर नगर निगम ने त्यौहारों के मद्देनजर शहर में कसाईखानों, मांस आउटलेट्स और दुकानों को दो दिनों 15 और 20 अगस्त के लिए बंद करने की घोषणा की.
15 अगस्त को यह बंदी 'गोवुल अष्टमी' के कारण लगाई गई है, जो भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का अवसर है. वहीं, 20 अगस्त को यह बंदी 'पर्युषण पर्व' के शुरू होने के कारण रखी गई है, जो जैन समुदाय का प्रमुख पर्व है.
नगर निगम ने कहा कि इन दोनों दिनों में जानवरों की हत्या और मांस की बिक्री पर रोक रहेगी और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मुंबई के पास भी आदेश लागू
यह आदेश मुंबई के पास कल्याण डोंबिवली नगर निगम द्वारा 15 अगस्त को मांस की दुकानों को बंद करने के निर्देश जारी करने के बाद आया है. इसके अलावा, मालिकगाँव नगर निगम ने भी ऐसा ही आदेश जारी किया हैं.
विपक्षी नेताओं ने भी दी प्रतिक्रिया
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि केडीएमसी आयुक्त को निलंबित किया जाना चाहिए. उनका कहना था कि शाकाहारी या मांसाहारी खाने का फैसला हर व्यक्ति की अपनी इच्छा है.
उन्होंने कहा, "यह हमारी इच्छा है कि हम स्वतंत्रता दिवस पर क्या खाएं और क्या न खाएं. हम निश्चित रूप से मांसाहारी भोजन करेंगे. आयुक्त को इसके बजाय सड़कों पर गड्ढों की समस्या हल करनी चाहिए."
एनसीपी (एसपी) नेता जितेंद्र अवस्थाद ने भी कहा कि वे केडीएमसी के इस प्रतिबंध के विरोध में स्वतंत्रता दिवस पर मांसाहारी भोजन करेंगे.