Maharashtra News: शिंदे गुट ने संजय राउत को दिया बड़ा 'ऑफर', कहा- 'कागज लेकर आइए और...'
महाराष्ट्र की सियासत में ठाकरे बंधुओं के साथ आने की अटकलों के बीच एखनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के शिवसैनिकों का साथ छूट गया. अब उद्धव, मनसे की बैसाखी का सहारा लेकर चलना चाहते हैं. उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी खड़ी नहीं कर सकते. राज ठाकरे को साथ लेने पर भी कोई चमत्कार नहीं होने वाला है. वहीं, बिहार में एसआईआर को लेकर भी संजय निरुपम का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा, "बिहार में 40 लाख फर्जी वोटर थे, जिनका नाम हटाया गया. महाराष्ट्र के भी फर्जी वोटर हटाने के लिए SIR प्रक्रिया होनी चाहिए. फर्जी, बांग्लादेशी वोटर हटाने चाहिए. UBT के उम्मीदवार ऐसे ही फर्जी मतदाताओं के नाम पर चुनकर आए." 'एकनाथ शिंदे की आधी संपत्ति ले जाइए' संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाया था कि उनके पास 5 लाख करोड़ को संपत्ति है. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए संजय निरुपम ने बाल ठाकरे की कहानी याद की. उन्होंने कहा, "एक व्यक्ति ने बालासाहेब ठाकरे पर 100 करोड़ की संपत्ति का आरोप लगाया था. उन्होंने उससे कहा कागज पत्र लेकर आओ और आधी संपत्ति लेकर जाओ." संजय निरुपम ने कहा कि उद्धव ठाकरे को भी यही कहना चाहते हैं. कागज लेकर आइए और आधी संपत्ति लेकर जाइए. जैसी हालत विधानसभा चुनाव में हुई, वैसी ही हालत स्थानीय निकाय में भी होगी. एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम नहीं मानते उद्धव ठाकरे? इस सवाल के जवाब में संजय निरुपम ने कहा, "संविधान के अनुसार एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम हैं. जब संविधान पर भरोसा नहीं है तो 'संविधान बचाओ' रैली क्यों निकालते हैं?" संजय निरुपम ने आगे कहा, "उद्धव ठाकरे बालासाहेब ठाकरे के रक्त के वारिस हो सकते हैं पर विचारों के वारिस नहीं हैं. एकनाथ शिंदे सहित शिवसैनिक बालासाहेब ठाकरे के शिष्य हैं." उद्धव ठाकरे की दशहरा रैली पर भी आरोप संजय निरुपम ने कहा, "पिछले चार साल से रोने वाले उद्दव ठाकरे ने पुणे में जाकर एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाया कि उन्होंने पक्ष, चिन्ह और बाप चुरा लिया. उद्धव ठाकरे का ये कुविचार है. पार्टी चुराई नहीं, पार्टी बचाई गई है. बालासाहेब ठाकरे के विचार को बचाया गया है." संजय निरुपम ने आगे कहा, "उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और शरद पवार NCP साथ अनैतिक गठबंधन किया. विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे 109 सीट पर लड़े और 20 विधायक जीते. एकनाथ शिंदे ने 80 सीट पर उम्मीदवार खड़ा किया जिसमें से 60 विधायक जीतकर आए. जनादेश का सीधा जवाब है कि एकनाथ शिंदे ने सही निर्णय लिया था."

महाराष्ट्र की सियासत में ठाकरे बंधुओं के साथ आने की अटकलों के बीच एखनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के शिवसैनिकों का साथ छूट गया. अब उद्धव, मनसे की बैसाखी का सहारा लेकर चलना चाहते हैं. उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी खड़ी नहीं कर सकते. राज ठाकरे को साथ लेने पर भी कोई चमत्कार नहीं होने वाला है.
वहीं, बिहार में एसआईआर को लेकर भी संजय निरुपम का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा, "बिहार में 40 लाख फर्जी वोटर थे, जिनका नाम हटाया गया. महाराष्ट्र के भी फर्जी वोटर हटाने के लिए SIR प्रक्रिया होनी चाहिए. फर्जी, बांग्लादेशी वोटर हटाने चाहिए. UBT के उम्मीदवार ऐसे ही फर्जी मतदाताओं के नाम पर चुनकर आए."
'एकनाथ शिंदे की आधी संपत्ति ले जाइए'
संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाया था कि उनके पास 5 लाख करोड़ को संपत्ति है. इसपर प्रतिक्रिया देते हुए संजय निरुपम ने बाल ठाकरे की कहानी याद की. उन्होंने कहा, "एक व्यक्ति ने बालासाहेब ठाकरे पर 100 करोड़ की संपत्ति का आरोप लगाया था. उन्होंने उससे कहा कागज पत्र लेकर आओ और आधी संपत्ति लेकर जाओ."
संजय निरुपम ने कहा कि उद्धव ठाकरे को भी यही कहना चाहते हैं. कागज लेकर आइए और आधी संपत्ति लेकर जाइए. जैसी हालत विधानसभा चुनाव में हुई, वैसी ही हालत स्थानीय निकाय में भी होगी.
एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम नहीं मानते उद्धव ठाकरे?
इस सवाल के जवाब में संजय निरुपम ने कहा, "संविधान के अनुसार एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम हैं. जब संविधान पर भरोसा नहीं है तो 'संविधान बचाओ' रैली क्यों निकालते हैं?" संजय निरुपम ने आगे कहा, "उद्धव ठाकरे बालासाहेब ठाकरे के रक्त के वारिस हो सकते हैं पर विचारों के वारिस नहीं हैं. एकनाथ शिंदे सहित शिवसैनिक बालासाहेब ठाकरे के शिष्य हैं."
उद्धव ठाकरे की दशहरा रैली पर भी आरोप
संजय निरुपम ने कहा, "पिछले चार साल से रोने वाले उद्दव ठाकरे ने पुणे में जाकर एकनाथ शिंदे पर आरोप लगाया कि उन्होंने पक्ष, चिन्ह और बाप चुरा लिया. उद्धव ठाकरे का ये कुविचार है. पार्टी चुराई नहीं, पार्टी बचाई गई है. बालासाहेब ठाकरे के विचार को बचाया गया है."
संजय निरुपम ने आगे कहा, "उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और शरद पवार NCP साथ अनैतिक गठबंधन किया. विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे 109 सीट पर लड़े और 20 विधायक जीते. एकनाथ शिंदे ने 80 सीट पर उम्मीदवार खड़ा किया जिसमें से 60 विधायक जीतकर आए. जनादेश का सीधा जवाब है कि एकनाथ शिंदे ने सही निर्णय लिया था."