मुरादाबाद के मदरसों में मांगे गए 'वर्जिनिटी सर्टिफिकेट', महाराष्ट्र में प्यारे खान ने रख दी यह बड़ी मांग
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक मदरसे द्वारा छात्राओं से 'वर्जिनिटी सर्टिफिकेट' मांगने की घटना के बाद महाराष्ट्र में हड़कंप मच गया है. महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य के सभी जिलों में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और मदरसों की जांच के आदेश जारी किए हैं. प्यारे खान ने कहा कि मैंने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की घटना देखी है, जो बेहद शर्मनाक है. इसके बाद मैंने महाराष्ट्र के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र भेजा है. इसमें निर्देश दिया गया है कि हर जिले में एक विशेष टीम गठित की जाए, जो सभी अल्पसंख्यक स्कूलों और मदरसों का दौरा करें. #WATCH | Nagpur: Maharashtra State Minority Commission Chairman Pyare Khan says, "..I have seen the Uttar Pradesh case (Moradabad Madrasa asking for a virginity certificate from girls)....I am issuing a letter to all the District Collectors in Maharashtra, urging them to form a… pic.twitter.com/y30a6NojjZ — ANI (@ANI) October 27, 2025 मदरसों की जांच करेगा ये बड़ा दल महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि मुरादाबाद मदरसे घटना की जांच दल में बाल कल्याण विभाग (Child Department) के अधिक से अधिक अधिकारियों को शामिल किया जाएगा ताकि बच्चों से बातचीत कर उनकी स्थिति को समझा जा सके. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बच्चों से काउंसलिंग के माध्यम से जाना जाए कि कहीं ऐसा कोई मामला महाराष्ट्र में भी तो नहीं हो रहा है. दोषी पाए जाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई अल्पसंख्यक आयोग प्रमुख प्यारे खान ने कहा कि अगर जांच में किसी संस्था या व्यक्ति के खिलाफ ऐसे कृत्य की पुष्टि होती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जो भी संस्था या व्यक्ति इस तरह की शर्मनाक हरकत में शामिल पाया जाएगा, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. हम सीधे उन संस्थानों के संचालकों को जेल भेजेंगे. बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि- प्यारे खान प्यारे खान ने स्पष्ट किया कि आयोग का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करना है. मदरसे और अल्पसंख्यक संस्थान शिक्षा और संस्कार देने के केंद्र हैं, वहां इस तरह के अमानवीय कृत्य अस्वीकार्य हैं. बच्चों की गरिमा और सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. राज्यभर में जांच अभियान की तैयारी महाराष्ट्र में अब जिला प्रशासन और बाल विकास विभाग मिलकर एक राज्यव्यापी जांच अभियान शुरू करने जा रहे हैं. आने वाले दिनों में सभी मदरसों और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण किया जाएगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. प्यारे खान के इस कदम का सामाजिक संगठनों और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि इस जांच से न केवल जवाबदेही तय होगी बल्कि अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों में पारदर्शिता भी बढ़ेगी.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक मदरसे द्वारा छात्राओं से 'वर्जिनिटी सर्टिफिकेट' मांगने की घटना के बाद महाराष्ट्र में हड़कंप मच गया है. महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य के सभी जिलों में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और मदरसों की जांच के आदेश जारी किए हैं.
प्यारे खान ने कहा कि मैंने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की घटना देखी है, जो बेहद शर्मनाक है. इसके बाद मैंने महाराष्ट्र के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र भेजा है. इसमें निर्देश दिया गया है कि हर जिले में एक विशेष टीम गठित की जाए, जो सभी अल्पसंख्यक स्कूलों और मदरसों का दौरा करें.
#WATCH | Nagpur: Maharashtra State Minority Commission Chairman Pyare Khan says, "..I have seen the Uttar Pradesh case (Moradabad Madrasa asking for a virginity certificate from girls)....I am issuing a letter to all the District Collectors in Maharashtra, urging them to form a… pic.twitter.com/y30a6NojjZ — ANI (@ANI) October 27, 2025
मदरसों की जांच करेगा ये बड़ा दल
महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने कहा कि मुरादाबाद मदरसे घटना की जांच दल में बाल कल्याण विभाग (Child Department) के अधिक से अधिक अधिकारियों को शामिल किया जाएगा ताकि बच्चों से बातचीत कर उनकी स्थिति को समझा जा सके. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि बच्चों से काउंसलिंग के माध्यम से जाना जाए कि कहीं ऐसा कोई मामला महाराष्ट्र में भी तो नहीं हो रहा है.
दोषी पाए जाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
अल्पसंख्यक आयोग प्रमुख प्यारे खान ने कहा कि अगर जांच में किसी संस्था या व्यक्ति के खिलाफ ऐसे कृत्य की पुष्टि होती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जो भी संस्था या व्यक्ति इस तरह की शर्मनाक हरकत में शामिल पाया जाएगा, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. हम सीधे उन संस्थानों के संचालकों को जेल भेजेंगे.
बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि- प्यारे खान
प्यारे खान ने स्पष्ट किया कि आयोग का मुख्य उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करना है. मदरसे और अल्पसंख्यक संस्थान शिक्षा और संस्कार देने के केंद्र हैं, वहां इस तरह के अमानवीय कृत्य अस्वीकार्य हैं. बच्चों की गरिमा और सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
राज्यभर में जांच अभियान की तैयारी
महाराष्ट्र में अब जिला प्रशासन और बाल विकास विभाग मिलकर एक राज्यव्यापी जांच अभियान शुरू करने जा रहे हैं. आने वाले दिनों में सभी मदरसों और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण किया जाएगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
प्यारे खान के इस कदम का सामाजिक संगठनों और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है. उनका कहना है कि इस जांच से न केवल जवाबदेही तय होगी बल्कि अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों में पारदर्शिता भी बढ़ेगी.