Jitendra Awhad Controversy News : जितेंद्र आव्हाड की इस बयान से गरमाई महाराष्ट्र की सियासत !
महाराष्ट्र में सनातन धर्म को लेकर नेताओं के बीच बहस छिड़ी हुई नज़र आ रही है आपको बता दे कि एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड इस समय सनातन धर्म को लेकर कहीं कुछ ऐसी बातें जिसे सुनकर बाक़ी के नेताओं का गुस्सा आसमान छूने जैसा हो गया है.

Maharashtra : महाराष्ट्र में सनातन धर्म को लेकर नेताओं के बीच बहस छिड़ी हुई नज़र आ रही है आपको बता दे कि एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता और विधायक जितेंद्र आव्हाड इस समय सनातन धर्म को लेकर कहीं कुछ ऐसी बातें जिसे सुनकर बाक़ी के नेताओं का गुस्सा आसमान छूने जैसा हो गया है.
आपको बता दें कि आव्हाड ने एक सभा में कहा कि सनातन धर्म नाम की कोई चीज़ थी ही नहीं , बस यह सब कहीं सुनी बातें है जो सनातन धर्म के नाम पर भारत को बर्बाद कर दिया है. जितेंद्र की इसी बात पर राजनीतिक में उनके खिलाफ बहुत से सवाल खड़े हो गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक शिवसेना की नेता मनीषा कायंदे ने आरोप लगाते हुए कहा कि जितेंद्र आव्हाड का एजेंडा सिर्फ हिंदू धर्म को बदनाम करना और मुस्लिम को ख़ुश रखना है. यही नहीं उनका यह भी कहना है कि आव्हाड अकसर देश की व्यवस्था और पुलिस प्रक्रिया पर सवाल उठाकर अपनी राजनीति चमकाते हैं.
दूसरी तरफ़ एक और नेता यानी कि भाजपा विधायक नितेश राणे ने भी जितेंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि ,“सिर्फ अपने एक विधानसभा क्षेत्र को खुश करने के लिए पूरे महाराष्ट्र की शांति को दांव पर मत लगाइए”. इसी बात को लेकर संजय निरुपम ने भी अपनी बात रखी और कहा कि आव्हाड अगर सनातन धर्म न होता, तो आज जितेंद्र आव्हाड का नाम 'जित्तुद्दीन' होता. और यह भी कहा कि "सनातन धर्म ने हजारों सालों से इस देश की संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों को जिंदा रखा है. ऐसे धर्म को आतंकवादी कहना सरासर नासमझी और कृतघ्नता है."
सभी लोगो को जितेंद्र आव्हाड के सनातन धर्म के ख़िलाफ़ जाता देख इसपर आव्हाड ने भी अपनी बात कही कि खुद हिंदू धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं, लेकिन जिस 'सनातन धर्म' के नाम पर भेदभाव की बात हो रही है, उसी ने शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक रोकने की कोशिश की, संतों को सताया, और सामाजिक न्याय के खिलाफ भी काम किया.
हालाकि , जितेंद्र आव्हाड के इस बयान ने एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है, जहां धर्म, राजनीति और इतिहास तीनों का टकराव साफ तौर पर नजर आ रहा है. इसी सब को देखते हुए अब यह देखना होगा कि इस बवाल पर शरद पवार खुद क्या स्टैंड लेते है . और बाक़ी लोगों का भी क्या कहना होता है , सनातन धर्म को लेकर.