Maharashtra: राहुल नार्वेकर पर दोहरा संकट, शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में ओवरटाइम करेंगे विधानसभा अध्यक्ष?

Shiv Sena MLA Disqualification Case: शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को ओवरटाइम काम करना होगा. शीतकालीन सत्र (महाराष्ट्र शीतकालीन सत्र) में राष्ट्रपति के सामने अपनी बात रखने की चुनौती है. उन्हें शाम को सुनवाई करनी होगी क्योंकि पूरे दिन सत्र चलेगा. शीतकालीन सत्र 7 से 20 दिसंबर तक नागपुर में होगा. चूंकि शीतकालीन सत्र की कार्यवाही सुबह के सत्र में आयोजित की जाएगी, इसलिए विधायक अयोग्यता मामले की सुनवाई शाम 4 बजे से 7 बजे के बीच की जा सकती है.  सुप्रीम कोर्ट ने दे रखा है डेडलाइनABP माझा में छपी एक खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को 31 दिसंबर तक अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया है. इसलिए इस मामले में सुनवाई के अंत में राहुल नार्वेकर को कड़ी मेहनत करनी होगी. सारी गवाही पूरी होने के बाद फैसला आने में 20-25 दिन लगने की संभावना है. इसलिए विधानसभा अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट से समय बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं. फिलहाल, शिंदे समूह के वकीलों के पास अपनी जवाबी गवाही लेने के लिए कल तक का समय है. 1 से 11 दिसंबर तक ठाकरे गुट के वकील विपक्ष में गवाही देंगे.  शिंदे गुट के विधायकों से जिरहविधायक सुनील प्रभु और कार्यालय सचिव विजय जोशी से कल जिरह होगी. शिंदे गुट के पांच विधायक और एक सांसद जवाबी गवाही देंगे. विधायक भरतशेठ गोगवले, दीपक केसरकर, उदय सामंत, योगेश कदम, दिलीप लांडे और सांसद राहुल शेवाले की जवाबी गवाही दर्ज की जाएगी. सुनील प्रभु से जिरहठाकरे गुट के विधायक और प्रतोद सुनील प्रभु से जिरह चल रही है. एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के वकील महेश जेठमलानी सुनील प्रभु पर सवाल दाग रहे हैं. प्रभु से 21 जून 2022 के संकल्प के बारे में पूछा गया. शिंदे समूह के वकील जेठमलानी ने दावा किया कि 21 जून का प्रस्ताव कभी तैयार ही नहीं किया गया था. इस दावे को सुनील प्रभु ने खारिज कर दिया था.  ये भी पढ़ें: Mumbai Gas Cylinder Blast: बड़ा हादसा! मुंबई में सिलेंडर फटने से पांच घर गिरे, चार घायल, 11 लोगों को निकाला गया बाहर

Maharashtra: राहुल नार्वेकर पर दोहरा संकट, शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में ओवरटाइम करेंगे विधानसभा अध्यक्ष?

Shiv Sena MLA Disqualification Case: शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को ओवरटाइम काम करना होगा. शीतकालीन सत्र (महाराष्ट्र शीतकालीन सत्र) में राष्ट्रपति के सामने अपनी बात रखने की चुनौती है. उन्हें शाम को सुनवाई करनी होगी क्योंकि पूरे दिन सत्र चलेगा. शीतकालीन सत्र 7 से 20 दिसंबर तक नागपुर में होगा. चूंकि शीतकालीन सत्र की कार्यवाही सुबह के सत्र में आयोजित की जाएगी, इसलिए विधायक अयोग्यता मामले की सुनवाई शाम 4 बजे से 7 बजे के बीच की जा सकती है. 

सुप्रीम कोर्ट ने दे रखा है डेडलाइन
ABP माझा में छपी एक खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को 31 दिसंबर तक अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया है. इसलिए इस मामले में सुनवाई के अंत में राहुल नार्वेकर को कड़ी मेहनत करनी होगी. सारी गवाही पूरी होने के बाद फैसला आने में 20-25 दिन लगने की संभावना है. इसलिए विधानसभा अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट से समय बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं. फिलहाल, शिंदे समूह के वकीलों के पास अपनी जवाबी गवाही लेने के लिए कल तक का समय है. 1 से 11 दिसंबर तक ठाकरे गुट के वकील विपक्ष में गवाही देंगे. 

शिंदे गुट के विधायकों से जिरह
विधायक सुनील प्रभु और कार्यालय सचिव विजय जोशी से कल जिरह होगी. शिंदे गुट के पांच विधायक और एक सांसद जवाबी गवाही देंगे. विधायक भरतशेठ गोगवले, दीपक केसरकर, उदय सामंत, योगेश कदम, दिलीप लांडे और सांसद राहुल शेवाले की जवाबी गवाही दर्ज की जाएगी.

सुनील प्रभु से जिरह
ठाकरे गुट के विधायक और प्रतोद सुनील प्रभु से जिरह चल रही है. एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के वकील महेश जेठमलानी सुनील प्रभु पर सवाल दाग रहे हैं. प्रभु से 21 जून 2022 के संकल्प के बारे में पूछा गया. शिंदे समूह के वकील जेठमलानी ने दावा किया कि 21 जून का प्रस्ताव कभी तैयार ही नहीं किया गया था. इस दावे को सुनील प्रभु ने खारिज कर दिया था.