Maharashtra: 'मराठाओं को न मिले OBC के हिस्से का आरक्षण', पंकजा मुंडे बोलीं- मुझे नींद नहीं आती

महाराष्ट्र में एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा उठने लगा है. मंत्री पंकजा मुंडे ने दशहरा रैली में स्पष्ट कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन यह आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की हिस्सेदारी से नहीं होना चाहिए.  उन्होंने कहा कि ओबीसी पहले से ही संघर्ष और भूख से जूझ रहे हैं, इसलिए उनकी थाली से आरक्षण देना उचित नहीं होगा. मुंडे ने बीड जिले के सावरगांव घाट में रैली को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की कि जातिवाद के दानव को समाज से नष्ट किया जाना चाहिए. OBC की हिस्सेदारी से कटौती नहीं होनी चाहिए- पंकजा मुंडे पंकजा मुंडे ने अपने भाषण में कहा कि उनके पिता गोपीनाथ मुंडे भी मराठा आरक्षण के समर्थक थे और वे स्वयं भी इसके पक्ष में हैं. उन्होंने दोहराया कि “हमारा उद्देश्य मराठा आरक्षण दिलाना है, लेकिन ओबीसी की हिस्सेदारी से किसी प्रकार की कटौती नहीं होनी चाहिए. मेरा समुदाय आज भूखा मर रहा है और संघर्ष देखकर मुझे नींद नहीं आती.” पीटीआई के अनुसार, उन्होंने रैली में उपस्थित लोगों को भी जागरूक किया कि मराठा आरक्षण सिर्फ उनका हक है, किसी और समुदाय की हिस्सेदारी से यह लिया नहीं जाना चाहिए. महाराष्ट्र सरकार ने 2 सितंबर को हैदराबाद गजेटियर को लागू करने के लिए शासनादेश (जीआर) जारी किया था, जिसके तहत मराठा समुदाय के पात्र सदस्य कुनबी जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकेंगे. प्रमाण पत्र जारी होने के बाद मराठा ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण का दावा कर सकते हैं. इस फैसले पर मुंडे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ओबीसी समाज पहले ही संघर्ष कर रहा है और उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि समाज में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है और आरक्षण का लाभ सभी योग्य समुदायों तक पहुंचना चाहिए. जातिवाद को समाज का सबसे बड़ा खतरा- पंकजा मुंडे अपने भाषण में मुंडे ने जातिवाद को समाज का सबसे बड़ा खतरा बताया. उन्होंने देवी दुर्गा के रक्तबीज राक्षस का उदाहरण देते हुए कहा कि आज जातिवाद का राक्षस लोगों के दिमाग में उत्पन्न हो रहा है. उन्होंने प्रार्थना की कि देवी दुर्गा उन्हें शक्ति दें ताकि जातिवाद के इस दानव का अंत किया जा सके और समाज में समानता और न्याय का मार्ग स्थापित हो. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने विचारों और कार्यों से जातिवाद को समाप्त करें और सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करें.

Maharashtra: 'मराठाओं को न मिले OBC के हिस्से का आरक्षण', पंकजा मुंडे बोलीं- मुझे नींद नहीं आती

महाराष्ट्र में एक बार फिर आरक्षण का मुद्दा उठने लगा है. मंत्री पंकजा मुंडे ने दशहरा रैली में स्पष्ट कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन यह आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की हिस्सेदारी से नहीं होना चाहिए. 

उन्होंने कहा कि ओबीसी पहले से ही संघर्ष और भूख से जूझ रहे हैं, इसलिए उनकी थाली से आरक्षण देना उचित नहीं होगा. मुंडे ने बीड जिले के सावरगांव घाट में रैली को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की कि जातिवाद के दानव को समाज से नष्ट किया जाना चाहिए.

OBC की हिस्सेदारी से कटौती नहीं होनी चाहिए- पंकजा मुंडे

पंकजा मुंडे ने अपने भाषण में कहा कि उनके पिता गोपीनाथ मुंडे भी मराठा आरक्षण के समर्थक थे और वे स्वयं भी इसके पक्ष में हैं. उन्होंने दोहराया कि “हमारा उद्देश्य मराठा आरक्षण दिलाना है, लेकिन ओबीसी की हिस्सेदारी से किसी प्रकार की कटौती नहीं होनी चाहिए. मेरा समुदाय आज भूखा मर रहा है और संघर्ष देखकर मुझे नींद नहीं आती.” पीटीआई के अनुसार, उन्होंने रैली में उपस्थित लोगों को भी जागरूक किया कि मराठा आरक्षण सिर्फ उनका हक है, किसी और समुदाय की हिस्सेदारी से यह लिया नहीं जाना चाहिए.

महाराष्ट्र सरकार ने 2 सितंबर को हैदराबाद गजेटियर को लागू करने के लिए शासनादेश (जीआर) जारी किया था, जिसके तहत मराठा समुदाय के पात्र सदस्य कुनबी जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकेंगे. प्रमाण पत्र जारी होने के बाद मराठा ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण का दावा कर सकते हैं. इस फैसले पर मुंडे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ओबीसी समाज पहले ही संघर्ष कर रहा है और उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि समाज में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है और आरक्षण का लाभ सभी योग्य समुदायों तक पहुंचना चाहिए.

जातिवाद को समाज का सबसे बड़ा खतरा- पंकजा मुंडे

अपने भाषण में मुंडे ने जातिवाद को समाज का सबसे बड़ा खतरा बताया. उन्होंने देवी दुर्गा के रक्तबीज राक्षस का उदाहरण देते हुए कहा कि आज जातिवाद का राक्षस लोगों के दिमाग में उत्पन्न हो रहा है. उन्होंने प्रार्थना की कि देवी दुर्गा उन्हें शक्ति दें ताकि जातिवाद के इस दानव का अंत किया जा सके और समाज में समानता और न्याय का मार्ग स्थापित हो. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने विचारों और कार्यों से जातिवाद को समाप्त करें और सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करें.