Maharashtra Politics: ‘अदृश्य शक्ति’ ने घटाया महाराष्ट्र के BJP नेताओं का कद, सुप्रिया सुले ने किसके लिए कही ये बात

Supriya Sule on Nitin Gadkari and Devendra Fadnavis: एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को दावा किया कि दिल्ली में एक “अदृश्य शक्ति” महाराष्ट्र के महत्व को कम करने की कोशिश कर रही है और उसने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जैसे राज्य के प्रमुख बीजेपी नेताओं का भी “कद घटा” दिया है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कई औद्योगिक परियोजनाओं को राज्य से बाहर ले जाया गया, लेकिन एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार मूकदर्शक बनी रही. अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा उनके पिता शरद पवार के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी एनसीपी गुट के चार सांसदों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दाखिल किये जाने के बारे में पूछे जाने पर, सुले ने आरोप लगाया कि यह दिल्ली में “अदृश्य शक्ति” के निर्देश पर किया जा रहा है. क्या बोलीं सुप्रिया सुले?उन्होंने कहा, “एनसीपी और शिवसेना के ये दो समूह (अजित पवार और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही समूह) ‘मराठा माणूस’ के समूह हैं. यह दिल्ली की अदृश्य शक्ति है, जो महाराष्ट्र को नीचा दिखाने के लिए ये सब कर रही है और यही कारण है कि उन्होंने इन दोनों पार्टियों में फूट डाल दी.” उन्होंने कहा, ‘फॉक्सकॉन-वेदांता सेमीकंडक्टर’ परियोजना को राज्य से बाहर ले जाया गया, मुंबई से हीरे का कारोबार भी ले जाया गया और किसी ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि बीजेपी, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की “ट्रिपल इंजन सरकार” ने विरोध नहीं किया, वह “अदृश्य शक्ति और आईसीई” (आयकर, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय) के सामने असहाय थी. सुले ने कहा, “आईसीई का उपयोग करके पार्टियां तोड़ी जा रही हैं, परिवार तोड़े जा रहे हैं. महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के नेताओं के महत्व को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. यह केवल एनसीपी या शिवसेना तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बीजेपी (महाराष्ट्र में) के शीर्ष नेतृत्व का भी कद घटाया जा रहा है. गडकरी के साथ हुए अन्याय को देखिए. पांच साल तक एक सफल मुख्यमंत्री रहे फडणवीस को उप मुख्यमंत्री बना दिया गया.” बारामती से लोकसभा सदस्य ने पूछा, राज्य में बीजेपी के 105 विधायकों में से कितने को सत्ता या सम्मान का कोई पद मिला? उन्होंने कहा, “वे पीछे रह गए और अन्य लोग सत्ता का आनंद ले रहे हैं.” जहां एकनाथ शिंदे ने 2022 में शिवसेना को तोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बना ली, वहीं सुले के चचेरे भाई अजित पवार ने एनसीपी को तोड़ दिया और इस साल जुलाई में सरकार में शामिल हो गए. पुणे में पानी की कमी के बारे में बात करते हुए सुले ने कहा कि समस्या को कम करने के लिए नागरिक प्रशासन और सरकार को शहर में चल रही निर्माण परियोजनाओं को रोक देना चाहिए. ये भी पढ़ें: Maharashtra Politics: शिवसेना के 'हिंदू हृदय सम्राट' वाले पोस्टर पर छिड़ा विवाद, उद्धव गुट ने CM शिंदे पर साधा निशाना

Maharashtra Politics: ‘अदृश्य शक्ति’ ने घटाया महाराष्ट्र के BJP नेताओं का कद, सुप्रिया सुले ने किसके लिए कही ये बात

Supriya Sule on Nitin Gadkari and Devendra Fadnavis: एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को दावा किया कि दिल्ली में एक “अदृश्य शक्ति” महाराष्ट्र के महत्व को कम करने की कोशिश कर रही है और उसने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जैसे राज्य के प्रमुख बीजेपी नेताओं का भी “कद घटा” दिया है. उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कई औद्योगिक परियोजनाओं को राज्य से बाहर ले जाया गया, लेकिन एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार मूकदर्शक बनी रही. अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्वारा उनके पिता शरद पवार के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी एनसीपी गुट के चार सांसदों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दाखिल किये जाने के बारे में पूछे जाने पर, सुले ने आरोप लगाया कि यह दिल्ली में “अदृश्य शक्ति” के निर्देश पर किया जा रहा है.

क्या बोलीं सुप्रिया सुले?
उन्होंने कहा, “एनसीपी और शिवसेना के ये दो समूह (अजित पवार और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही समूह) ‘मराठा माणूस’ के समूह हैं. यह दिल्ली की अदृश्य शक्ति है, जो महाराष्ट्र को नीचा दिखाने के लिए ये सब कर रही है और यही कारण है कि उन्होंने इन दोनों पार्टियों में फूट डाल दी.” उन्होंने कहा, ‘फॉक्सकॉन-वेदांता सेमीकंडक्टर’ परियोजना को राज्य से बाहर ले जाया गया, मुंबई से हीरे का कारोबार भी ले जाया गया और किसी ने इसे रोकने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि बीजेपी, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की “ट्रिपल इंजन सरकार” ने विरोध नहीं किया, वह “अदृश्य शक्ति और आईसीई” (आयकर, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय) के सामने असहाय थी.

सुले ने कहा, “आईसीई का उपयोग करके पार्टियां तोड़ी जा रही हैं, परिवार तोड़े जा रहे हैं. महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के नेताओं के महत्व को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. यह केवल एनसीपी या शिवसेना तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बीजेपी (महाराष्ट्र में) के शीर्ष नेतृत्व का भी कद घटाया जा रहा है. गडकरी के साथ हुए अन्याय को देखिए. पांच साल तक एक सफल मुख्यमंत्री रहे फडणवीस को उप मुख्यमंत्री बना दिया गया.” बारामती से लोकसभा सदस्य ने पूछा, राज्य में बीजेपी के 105 विधायकों में से कितने को सत्ता या सम्मान का कोई पद मिला?

उन्होंने कहा, “वे पीछे रह गए और अन्य लोग सत्ता का आनंद ले रहे हैं.” जहां एकनाथ शिंदे ने 2022 में शिवसेना को तोड़कर भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बना ली, वहीं सुले के चचेरे भाई अजित पवार ने एनसीपी को तोड़ दिया और इस साल जुलाई में सरकार में शामिल हो गए. पुणे में पानी की कमी के बारे में बात करते हुए सुले ने कहा कि समस्या को कम करने के लिए नागरिक प्रशासन और सरकार को शहर में चल रही निर्माण परियोजनाओं को रोक देना चाहिए.

ये भी पढ़ें: Maharashtra Politics: शिवसेना के 'हिंदू हृदय सम्राट' वाले पोस्टर पर छिड़ा विवाद, उद्धव गुट ने CM शिंदे पर साधा निशाना