मुंबई: जय श्री राम बोलने पर नाबालिग का किया पिटाई, जबरन से लगवाए गए दूसरे धर्म के नारे
यह घटना 25 मार्च की रात के 9 बजे की है। पिता की शिकायत से अब पांच लोगों के खिलाफ से यह मामला दर्ज कराया गया है। इनपर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने एक 11 साल के बच्चे को जय श्री राम बोलने पर पीटाई कि।
मुंबई: मुंबई से सटे मीरा रोड के इलाके में अब फिर से धार्मिक कट्टरता की घटना सामने आई हुई है। जय श्री राम का उद्घोष करने पर अब दूसरे समुदाय के युवकों ने एक नाबालिग की करी पिटाई आरोप यह है कि इसके बाद से नाबालिग को अल्लाहु अकबर बोलने के लिए विवश भी किया। उस पीड़ित की शिकायत होने पर ठाणे जिला के पुलिस ने इस मामले को दर्ज किया है। पुलिस ने उस घटना वाले स्थान की सीसीटीवी फुटेज भी है। यह पूरा घटना एक सोसाइटी में हुई है। फुटेज में यह सामने आया हुआ है कि एक नाबालिग लड़के का कुछ लोग पीछा कर रहे हैं। पुलिस ने यह शिकायत दर्ज करने के बाद से यह मामले की जांच शुरू किया
25 मार्च की रात में हुई थीं घटना
यह घटना 25 मार्च की रात के 9 बजे की है। पिता की शिकायत से अब पांच लोगों के खिलाफ से यह मामला दर्ज कराया गया है। इनपर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने एक 11 साल के बच्चे को जय श्री राम बोलने पर पीटाई कि। इतना ही नहीं बल्कि उसका पीछा भी किया उससे अल्लाहु अकबर भी बोलवाया गया। पुलिस के अनुसार यह घटना मुंबई के बाहरी इलाके में हुआ है मीरा रोड में सोमवार की रात में हुई हैं। उस दौरान किशोर दुकान से आपने घर की ओर लौट रहा था। वह दूध लेने के लिए घर से बाहर निकला था। मीरा रोड पर इससे पहले ही अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही दो समुदायों के बीच में हिंसक झड़प भी हुई थी। इसके बाद से काफी दिनों तक इलाके में तनाव बना रहा। इसके बाद से स्थानीय प्रशासन ने कुछ अवैध निर्माणों पर बुलडोजर एक्शन भी किया गया था।
क्या हैं पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार नाबालिग ने जय श्री राम कहकर अपनी ही बिल्डिंग के सिक्योरिटी गार्ड को अभिवादन भी किया। जैसे ही वो लिफ्ट की ओर जा रहा था तो पांच लड़के वहां पर आए और उन्होंने उससे अन्य धर्म से जुड़े हुए शब्दों का उच्चारण करने के लिए भी कहा। सामने यह आया है कि कुछ देर के बाद वे वहां से भाग भी गए। किशोर के परिवार की शिकायत के आधार पर अब मीरा रोड पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ से भारतीय दंड संहिता की धारा से 448 (घर में अतिक्रमण), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस भी पहुंचाना), 153ए (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा भी देना) और अब 143 (गैरकानूनी जमावड़ा) और पुलिस के अधिनियम 1951 के तहत से अब मामला दर्ज किया गया है।