बढ़ते प्रदूषण पर बॉम्बे हाईकोर्ट की कड़ी नाराज़गी, स्थिति सुधारने के लिए उठाए अहम कदम
बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए, निर्माण कार्य को नियंत्रित करने का आदेश दिया I वायु प्रदूषण के कारण मुंबई के निर्माण स्थलों की निगरानी के लिए पांच सदस्य समिति का गठन किया है। जिसमें विभिन्न सरकारी निकायों के कर्मचारी शामिल हैं I प्रदूषण-नियंत्रण निर्देश पुष्टि करेगी, और 15 दिसंबर तक रिपोर्ट देगी। मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंकलदा की खंडपीठ ने कहा कि हालांकि मुंबई की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार लंबी अवधि में होगा , परंतु निर्माण गतिविधियों को थोड़ा नियंत्रित करे तो ये बहुत जल्द सुधार हो सकता है, अगर हम मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा डिएं गए निर्देशों का सही तरीके से पालन करे तो प्रदूषण काफी हद तक नियंत्रित कर पाएंगे I
शामिल होने वाले अधिकार
1 बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC)
2 महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB)
3 राज्य सरकार का सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग
निर्माण स्थल पर रखे जाने वाले ध्यान
1 सभी स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा होना आवश्यक ।
2 धूल नियंत्रित हेतु पानी का छिराव जरूरी ।
2 वायु-गुणवत्ता सेंसर लगाए होने चाहिए I
3 सुरक्षा और स्वच्छता दिशा निर्देशों का पालन होना आवश्यक ।
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बीएमसी और एमपीसीबी को पिछले साल सभी किए गए कार्यों का और प्राप्त परिणामों के लिए एक कार्यवाही दस्ताबेज प्रस्तुत करने को कहा I उन सभी की जांच पड़ताल करवाईं जाएंगी , उन सभी कार्यों के समय सीसीटीवी कैमरे का होना आवश्यक है I वाहनों से जो धुआँ निकलती है, उसको भी प्रदूषण का एक स्त्रोत बताया गया है, परंतु बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बताया कि पहले निर्माण कार्य को नियंत्रित किया जाना चाहिए उसके बाद हम वाहन प्रदूषण नियंत्रित पर चर्चा करेंगे I