मुंबई में पहला समुद्र के अंदर मछलियां देखने का एहसास, मुंबई में बनने वाला यह पहला अंडरग्राउंड एक्वेरियम
डॉ. त्रिपाठी ने यह बताया है कि यह एक्वेरियम ऐसा बनाया जा रहा है कि इसमें से प्रवेश करते के समय ही आपको ऐसा लगेगा कि जैसे आप समुद्र में उतर रहे हैं। इसमें ऊपर टनल में मछलियां भी तैरती हुई नजर भी आएंगी। यह पर्यटकों को मछलियों के साथ ही साथ उनके जलीय जीवन का अनुभव भी होने लगेगा। यह एक्वेरियम के गोलाकार में दो भागों में ही बनेगा। यह एक भाग 14 मीटर का लंबा होगा और इसमें कोरल फिश ही रखी जाएंगी।
मुंबई: में अब पहला अंडरग्राउंड एक्वेरियम भायखला के रानीबाग में बने जा रहा है। बीएमसी ने पिछले ही दिनों में इसके लिए टेंडर जारी भी किया था। इसके लिए दो कंपनियों ने भी रुचि दिखाई है। यह बीएमसी के एक अधिकारी ने यह बताया है कि लोकसभा के चुनाव की प्रक्रिया को समाप्त होने के बाद से टेंडर ओपन भी किया जाएगा। इस बीएमसी ने मुंबई में ही अंडरग्राउंड के एक्वेरियम के निर्माण पर ही 60 करोड़ के रूपये खर्च करने की योजना भी बनाई हुई है। अब रानीबाग के निदेशक डॉ. संजय त्रिपाठी ने यह बताया हुआ है कि इसके लिए टेंडर का भी जारी कर दिया जाएगा। वर्क ऑर्डर के जारी होने के बाद से ही एक साल के अंदर ही एक्वेरियम को बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है। अब रानीबाग में आने वाले पर्यटक को भी खासकर छोटे बच्चे को पेंग्विन के साथ ही साथ विश्व स्तरीय एक्वेरियम भी देख सकेंगे। डॉ. त्रिपाठी ने यह बताया है कि एक्वेरियम में देशी-विदेशी को मिलाकर कुल 50 प्रजातियों की फिश उसमे रहेगी।
अब सत्ता परिवर्तन होते ही एक्वेरियम की जगह भी बदली जायेगी
पहले से ही एक्वेरियम वर्ली में ही बनने वाला था लेकिन अब इसे रानीबाग में ही बनाया जाएगा। उद्धव ठाकरे के सरकार में पर्यावरण मंत्री रहते हुए आदित्य ठाकरे ने भी रानीबाग की जगह वर्ली में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक्वेरियम बनाने की योजना भी बनाई थी। लेकिन इस राज्य में अब सत्ता परिवर्तन के बाद से ही एकनाथ शिंदे के सरकार ने अब वर्ली में बनने वाले एक्वेरियम प्रॉजेक्ट को रद्द भी कर दिया था। इसके बाद में से एक्वेरियम प्रॉजेक्ट को अब रानीबाग में शिफ्ट कर दिया गया है। यह डॉक्टर त्रिपाठी ने यह बताया है कि यह एक्वेरियम पेंग्विन कक्ष के सामने ही 5000 वर्ग मीटर में बनाया जा रहा है। इसमें से देशी के साथ ही साथ विदेशी फिश की 50 प्रजातियों को भी पर्यटकों को देखने को अब मिलेंगी। इसमें एक्वेरियम में बच्चों के लिए भी पॉप ऑफ विंडो भी बनाया जाएगा।
इस समुद्र में उतरने से होगा एहसास
डॉ. त्रिपाठी ने यह बताया है कि यह एक्वेरियम ऐसा बनाया जा रहा है कि इसमें से प्रवेश करते के समय ही आपको ऐसा लगेगा कि जैसे आप समुद्र में उतर रहे हैं। इसमें ऊपर टनल में मछलियां भी तैरती हुई नजर भी आएंगी। यह पर्यटकों को मछलियों के साथ ही साथ उनके जलीय जीवन का अनुभव भी होने लगेगा। यह एक्वेरियम के गोलाकार में दो भागों में ही बनेगा। यह एक भाग 14 मीटर का लंबा होगा और इसमें कोरल फिश ही रखी जाएंगी।
अब दूसरा भाग में 36 मीटर की दुरी पर ही बनेगा जिसमें में से विभिन्न प्रकार की फिश और गहरे समुद्र में से जलीय जीवन को देखने को भी मिलेंगे। यह इन दोनों टनल को जोड़ने में ही एक और घुमावदार प्रवेश मार्ग भी बनेगा। इस विशेष रूप से बच्चों को भी 360 डिग्री घूमने को और मछली को करीब से देखने के लिए भी एक 'पॉप अप विंडो' भी उपलब्ध कराई जा रही है। इस एक्वेरियम की क्षमता को भी करीब से 10 लाख लीटर की पानी होगी।