आप बिना कोडिंग सीखे AI की मदद से ऐप बना सकते हैं और उससे पैसे कमा सकते हैं

जानिए कैसे बिना कोडिंग सीखे आप AI और नो-कोड टूल्स की मदद से अपना ऐप बना सकते हैं और उससे पैसे कमा सकते हैं। Vibe Coding के इस गाइड में रोहन की कहानी और AI डेवलपमेंट की पूरी प्रक्रिया पढ़ें।

आप बिना कोडिंग सीखे AI की मदद से ऐप बना सकते हैं और उससे पैसे कमा सकते हैं
Vibe Coding

स्नेहा डावरे : (Vibe Coding) के बारे में शायद अब तक आपने सुन रखा होगा। अगर नहीं सुना तो बता दें कि यह एक प्रोसेस है जिससे बिना प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी के आप एक वर्किंग ऐप तैयार कर सकते हैं और पैसे भी कमा सकते हैं। नोएडा की एक छोटी सी गली में रहने वाले 22 साल के रोहन का एक सपना था — एक ऐसा ऐप बनाने का सपना जो उसके शहर के छोटे-छोटे स्ट्रीट फूड वेंडर्स को ऑनलाइन ला सके। आइडिया शानदार था, लेकिन जब उसने इस बारे में पता किया तो उसके होश उड़ गए।

ऐप डेवलपर्स लाखों रुपये मांग रहे थे और कोडिंग सीखने में सालों लग जाते। रोहन जैसे लाखों युवा हर दिन अपने सपने को सिर्फ इसलिए दफन कर देते हैं क्योंकि उनके पास इंजीनियरिंग की डिग्री या लाखों का बजट नहीं होता। लेकिन अब, टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक ऐसी सुनामी आई है जो इस पूरी तस्वीर को हमेशा के लिए बदलने वाली है।

अब (APP) बनाना पहले जितना मुश्किल नहीं रहा

यह सुनामी है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और 'नो-कोड' (No-Code) डेवलपमेंट की। यह कोई मामूली अपडेट नहीं, यह एक क्रांति की तरह है। सोचिए, अब आपको अपना ऐप बनाने के लिए (Java), (Python) या (Swift) जैसी डरावनी लगने वाली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के जाल में फंसने की कोई जरूरत नहीं है। AI आपका पर्सनल इंजीनियर, आपका डिजाइनर और आपका डेवलपर, सब कुछ बनने के लिए तैयार है। बस आपको थोड़ा सब्र चाहिए और बढ़िया AI टूल्स की बेसिक सब्सक्रिप्शन।

इस कड़ी में हम आपको नो कोड और लो कोड ऐप डेवलपमेंट के बारे में बता रहे हैं। अगली कड़ी में फुल स्केल ऐप बनाने के ट्रेडिशनल तरीकों के बारे में बताएंगे। क्योंकि ट्रेडिशनल तरीकों में आम तौर पर (Android Studio), (Xcode) और (Flutter) जैसे टूल्स का इस्तेमाल होता है। हालांकि (Cursor) और (Cloud Code) जैसे AI कोड एडिटर की वजह से आप बिना प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जाने ट्रेडिशनल तरीके से भी ऐप बना सकते हैं।

ट्रेडिशनल ऐप डेवलपमेंट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनके जरिए बनाए गए ऐप स्केलेबल होते हैं यानी ऐप पर करोड़ों यूजर्स आ रहे हैं तो भी कोई मुश्किल नहीं होती। लेकिन आज बता करेंगे लो कोड और नो कोड को जिसे वाइब कोडिंग भी कहा जाता है।

बिना कोड लिखे ऐप या सॉफ्टवेयर बना सकते हैं

आइए, इस जादुई दुनिया की हर परत को खोलते हैं और समझते हैं कि कैसे आप भी एक ऐप डेवलपर बन सकते हैं। आखिर क्या है यह 'नो-कोड' की जादुई दुनिया — कुछ लोग इसे 'Vibe Coding' जैसा नया नाम दे रहे हैं, लेकिन इंडस्ट्री में इसे नो-कोड (No-Code) और लो-कोड (Low-Code) के नाम से जाना जाता है।