शिंदे गुट के नेता ने PM मोदी को लिखा पत्र, केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल के इस्तीफे की मांग

पुणे में जैन बोर्डिंग जमीन विवाद को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है. शिवसेना (शिंदे गुट) नेता और पूर्व विधायक रवींद्र धांगेकर ने इस विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इस जमीन बिक्री के सौदे को तत्काल रद्द करने और पूरे प्रकरण की सख्त जांच कराने की मांग की है. शिवसेना (शिंदे गुट) नेता और पूर्व विधायक रवींद्र धांगेकर ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा कि वे 27 अक्टूबर 2025 से जैन बोर्डिंग परिसर में अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक यह सौदा रद्द नहीं होता, तब तक वे और समस्त पुणेकर आंदोलन जारी रखेंगे. धंगेकर ने बताया कि पिछले 18 दिनों से इस सौदे के खिलाफ चल रहे संघर्ष में उन्हें कई लोगों से ठोस सबूत मिले हैं, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि इस सौदे से जुड़ी कंपनियां और व्यक्ति केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री मुरलीधर मोहोल से संबंधित हैं. तमाम पुणेकरांना मी एका गोष्टीची माहिती देऊ इच्छितो, आज आपल्या सर्वांच्या वतीने मी जैन बोर्डिंगचा व्यवहार रद्द व्हावा व प्रकरणाची कठोर चौकशी व्हावी, यासाठी देशाचे पंतप्रधान माननीय नरेंद्र मोदी यांना पत्राद्वारे विनंती करत आहे.तसेच २७ ऑक्टोबर २०२५ पासून हा व्यवहार रद्द होईपर्यंत… pic.twitter.com/VtUIDSPPrr — Ravindra Dhangekar Official (@DhangekarRavii) October 25, 2025 प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं को भेजा पत्र- रविंद्र धंगेकर रविंद्र धंगेकर ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ केंद्रीय गृह एवं सहकार मंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भी इस पत्र की प्रतियां भेजी हैं. उन्होंने सभी से अपील की है कि वे इस प्रकरण में हस्तक्षेप करें और अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए जैन बोर्डिंग की जमीन बिक्री का सौदा तुरंत रद्द करें. निष्पक्ष जांच और मंत्री के इस्तीफे की मांग धंगेकर ने आरोप लगाया कि यह पूरा सौदा केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल के पद के प्रभाव में हुआ है. उन्होंने कहा कि जब तक मोहोल अपने पद पर बने रहेंगे, तब तक निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. इसलिए उन्होंने मांग की है कि मुरलीधर मोहोल को अपने मंत्री पद से तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. मंदिरों की जमीनों पर कब्जा करने वाले गिरोह पर सख्त कार्रवाई हो धंगेकर ने अपने बयान में यह भी कहा कि यह केवल एक सौदे का मामला नहीं है, बल्कि समाज की मंदिरों और देवस्थान की जमीनों पर कब्जा करने वाले गिरोह की गतिविधियों का हिस्सा है. उन्होंने मांग की कि ऐसे गिरोहों पर सख्त कार्रवाई हो और दोषियों को बेनकाब किया जाए. उन्होंने अंत में कहा कि यह आंदोलन केवल जैन बोर्डिंग के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज की आस्था और पारदर्शिता के लिए है. जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा. ये भी पढ़िए- पुणे: शिंदे गुट के नेता ने बीजेपी के मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप, 3000 करोड़ की जमीन से जुड़ा है मामला

शिंदे गुट के नेता ने PM मोदी को लिखा पत्र, केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल के इस्तीफे की मांग

पुणे में जैन बोर्डिंग जमीन विवाद को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है. शिवसेना (शिंदे गुट) नेता और पूर्व विधायक रवींद्र धांगेकर ने इस विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने इस जमीन बिक्री के सौदे को तत्काल रद्द करने और पूरे प्रकरण की सख्त जांच कराने की मांग की है.

शिवसेना (शिंदे गुट) नेता और पूर्व विधायक रवींद्र धांगेकर ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर लिखा कि वे 27 अक्टूबर 2025 से जैन बोर्डिंग परिसर में अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक यह सौदा रद्द नहीं होता, तब तक वे और समस्त पुणेकर आंदोलन जारी रखेंगे. धंगेकर ने बताया कि पिछले 18 दिनों से इस सौदे के खिलाफ चल रहे संघर्ष में उन्हें कई लोगों से ठोस सबूत मिले हैं, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि इस सौदे से जुड़ी कंपनियां और व्यक्ति केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री मुरलीधर मोहोल से संबंधित हैं.

प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं को भेजा पत्र- रविंद्र धंगेकर

रविंद्र धंगेकर ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ केंद्रीय गृह एवं सहकार मंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भी इस पत्र की प्रतियां भेजी हैं. उन्होंने सभी से अपील की है कि वे इस प्रकरण में हस्तक्षेप करें और अपने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए जैन बोर्डिंग की जमीन बिक्री का सौदा तुरंत रद्द करें.

निष्पक्ष जांच और मंत्री के इस्तीफे की मांग

धंगेकर ने आरोप लगाया कि यह पूरा सौदा केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल के पद के प्रभाव में हुआ है. उन्होंने कहा कि जब तक मोहोल अपने पद पर बने रहेंगे, तब तक निष्पक्ष जांच संभव नहीं है. इसलिए उन्होंने मांग की है कि मुरलीधर मोहोल को अपने मंत्री पद से तत्काल इस्तीफा देना चाहिए.

मंदिरों की जमीनों पर कब्जा करने वाले गिरोह पर सख्त कार्रवाई हो

धंगेकर ने अपने बयान में यह भी कहा कि यह केवल एक सौदे का मामला नहीं है, बल्कि समाज की मंदिरों और देवस्थान की जमीनों पर कब्जा करने वाले गिरोह की गतिविधियों का हिस्सा है. उन्होंने मांग की कि ऐसे गिरोहों पर सख्त कार्रवाई हो और दोषियों को बेनकाब किया जाए.

उन्होंने अंत में कहा कि यह आंदोलन केवल जैन बोर्डिंग के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज की आस्था और पारदर्शिता के लिए है. जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा.

ये भी पढ़िए- पुणे: शिंदे गुट के नेता ने बीजेपी के मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप, 3000 करोड़ की जमीन से जुड़ा है मामला