महाराष्ट्र में निकाय चुनाव से पहले नहीं हुआ SIR का ऐलान, क्या ये है वजह?
चुनाव आयोग ने सोमवार (27 अक्टूबर) को देश में दूसरे चरण में होने वाले विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) का ऐलान कर दिया है. दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों को एसआईआर के अंदर कवर किया जाएगा. हालांकि इन राज्यों में महाराष्ट्र को शामिल नहीं किया गया है, जबकि महाराष्ट्र में आने वाले दिनों में निकाय चुनाव होने हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक दूसरे चरण के अंतर्गत पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार में एसआईआर प्रस्तावित हैं. इन 12 राज्यों में एसआईआर होने की घोषणा भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. उन्होंने यह भी साफ किया कि सोमवार रात इन राज्यों की मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा. इस लिए उठ रहे सवाल दरअसल, महाराष्ट्र को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्योंकि पहले माना जा रहा था कि बीएमसी चुनाव से पहले महाराष्ट्र में भी एसआईआर करवाया जा सकता है. हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग और सियासी दलों की तरफ से कहा गया था फिलहाल महाराष्ट्र में एसआईआर नहीं करवाया जाना चाहिए. SIR की आवश्यकता पर दिया जोर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर कराने की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि पिछली बार 2000 से 2004 के बीच एसआईआर हुई थी, ऐसे में करीब दो दशक बाद मतदाता सूची में अशुद्धियों को दूर करने के लिए स्पेशल इंटेसिंव रिवीजन जरूरी है. 'चरणबद्ध तरीके से होगा SIR' उन्होंने कहा, ''हर चुनाव से पहले इलेक्ट्रोरल रोल का रिवीजन जरूरी है. पिछले कुछ सालों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध न होने पर आपत्ति जताई है. इससे पहले आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच में एसआईआर हुई. इतने लंबे समय के बाद अब एसआईआर और भी जरूरी हो जाता है. चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर करवाई जाएगी, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई."
चुनाव आयोग ने सोमवार (27 अक्टूबर) को देश में दूसरे चरण में होने वाले विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) का ऐलान कर दिया है. दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों को एसआईआर के अंदर कवर किया जाएगा. हालांकि इन राज्यों में महाराष्ट्र को शामिल नहीं किया गया है, जबकि महाराष्ट्र में आने वाले दिनों में निकाय चुनाव होने हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक दूसरे चरण के अंतर्गत पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ के अलावा अंडमान और निकोबार में एसआईआर प्रस्तावित हैं. इन 12 राज्यों में एसआईआर होने की घोषणा भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. उन्होंने यह भी साफ किया कि सोमवार रात इन राज्यों की मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा.
इस लिए उठ रहे सवाल
दरअसल, महाराष्ट्र को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्योंकि पहले माना जा रहा था कि बीएमसी चुनाव से पहले महाराष्ट्र में भी एसआईआर करवाया जा सकता है. हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग और सियासी दलों की तरफ से कहा गया था फिलहाल महाराष्ट्र में एसआईआर नहीं करवाया जाना चाहिए.
SIR की आवश्यकता पर दिया जोर
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर कराने की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि पिछली बार 2000 से 2004 के बीच एसआईआर हुई थी, ऐसे में करीब दो दशक बाद मतदाता सूची में अशुद्धियों को दूर करने के लिए स्पेशल इंटेसिंव रिवीजन जरूरी है.
'चरणबद्ध तरीके से होगा SIR'
उन्होंने कहा, ''हर चुनाव से पहले इलेक्ट्रोरल रोल का रिवीजन जरूरी है. पिछले कुछ सालों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध न होने पर आपत्ति जताई है. इससे पहले आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच में एसआईआर हुई. इतने लंबे समय के बाद अब एसआईआर और भी जरूरी हो जाता है. चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर करवाई जाएगी, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई."