सिपाही विशाल पवार को आरोपियों ने लाल रंग का कोई द्रव्य पिला दिया, मौत, हैरान कर रही मुंबई की यह घटना

एक अधिकारी ने यह बताया हैं। कि 28 अप्रैल की रात को विशाल पवार ने धीमी लोकल ट्रेन से ठाणे से वरली स्थित अपने ऑफिस में जा रहे थे। वह लोकल के दरवाजे के पास में ही खड़े हुए थे, तभी माटुंगा और सायन स्टेशनों के बीच में किसी ने विशाल पवार के हाथ पर जोरदार से फटका मार दिया। इस वजह से उनके हाथ में से मोबाइल लोकल के बाहर ही गिर गया था

सिपाही विशाल पवार को आरोपियों ने लाल रंग का कोई द्रव्य पिला दिया, मौत, हैरान कर रही मुंबई की यह घटना
Constable Vishal Pawar

मुंबई: विशाल पवार 30 वर्षीय सिपाही ने इलाज के दौरान से अस्पताल में ही दम तोड़ दिया हैं। और दादर जीआरपी के अनुसार से, 28 अप्रैल को माटुंगा और सायन के बीच में झपटमारों और उन नशेड़ियों के एक गिरोह ने विशाल पवार को लाल रंग का कोई द्रव्य पिला दिया था और फिर से उन आरोपियों ने उन्हें कथित तौर पर कोई जहरीला द्रव्य वाली सुई भी चुभा दी। प्रथम दृष्टया इसी जहरीले द्रव्य के कारण से विशाल पवार की मौत होने की बात यह पुलिस ने कही हुई है। अब बता दें कि विशाल पवार वरली लोकल आर्म्स के डिवीजन-3 से जुड़े हुए थे और वो ठाणे में रहा करते थे। विशाल पवार की नियुक्ति 2015 में पुलिस विभाग में हुई थी। और उनके परिवार में पत्नी और माता-पिता हैं। यह सभी लोग जलगांव जिले के चालीस गांव में रह रहें हैं। उस विशाल की तीन साल पहले ही शादी हुई थी। उन्हें कोई बच्चा भी नहीं है। अब बताया जाता है कि विशाल की पत्नी भी पिछले एक सप्ताह से नासिक स्थित मायके में ही थी।

एक अधिकारी ने यह बताया हैं। कि 28 अप्रैल की रात को विशाल पवार ने धीमी लोकल ट्रेन से ठाणे से वरली स्थित अपने ऑफिस में जा रहे थे। वह लोकल के दरवाजे के पास में ही खड़े हुए थे, तभी माटुंगा और सायन स्टेशनों के बीच में किसी ने विशाल पवार के हाथ पर जोरदार से फटका मार दिया। इस वजह से उनके हाथ में से मोबाइल लोकल के बाहर ही गिर गया था 

 इसलिए सिपाही ने किया पीछा

जांच में यह पता चला कि फटका मारने के दौरान लोकल की रफ्तार थोड़ी सी कम थी। इसलिए विशाल पवार ने रिस्क लिया और वो चोर का पीछा करने के लिए उस ट्रेन से उतर कर पटरियों पर दौड़ने लगे। हालांकि, विशाल पवार को सिविल ड्रेस में होने की वजह से बदमाशों ने विशाल पवार को आम आदमी ही समझा और कथित लुटेरों और नशेड़ियों के एक गिरोह ने उन्हें पूरे तरह से घेर लिया। इसमें आधा दर्जन के लोग शामिल थे। आरोप यह है कि इस गिरोह के एक सदस्य ने कथित तौर पर विशाल पवार के मुंह में लाल रंग का द्रव्य उड़ेल भी दिया, जबकि उनमें में से एक ने उनकी पीठ पर जहरीला पदार्थ वाला कोई सुई भी चुभा दी। इसके बाद से वह बेहोश भी हो गए।

बताया यह जाता है कि करीब 12 घंटे के बाद अगली सुबह को विशाल को होश जब आया तो वह जैसे-तैसे अपने घर पर लौटने में सफल रहा। विशाल का सूजा हुआ चेहरा और अर्धबेहोशी की इस हालत को देखकर परिवार वाले ने अचंभित रह गए। उन्होंने विशाल को तुरत ठाणे के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती भी कराया, और वहा पर दो दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद से बुधवार के दिन को विशाल पवार की मौत हो गई।