27 वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद कांदिवली स्टेशन के पास कब्ज़ा की गईं जमीन दोबारा मिली।
27 वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद कांदिवली स्टेशन के पास कब्ज़ा की गईं जमीन दोबारा मिली।
27 साल, पहले की कहानी
यह कहानी मुंबई के कांदिवली स्टेशन के पास की जहाँ नेमी कृष्णा सोसाइटी के पास एक बगीचा था। लेकिन 1998 से उस जमीन पर हॉकर्स (फेरीवाले/थड़ीवाले) ने धीरे-धीरे कब्ज़ा करना शुरू कर दिया । इसके कारण उस जमीन से सोसाइटी वालों का अधिकार खत्म हो गया । जमीन पर होने वाले अवैध कब्जे को लेकर सोसाइटी ने 1998 में केस किया, यह मामला धीरे- धीरे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा I 27 साल की कानूनी लड़ाई के बाद आखिर कार सर्वोच्च न्यायालय ने आज यह फैसला सोसाइटी के हित मे सुनाया, और सोसाइटी वालों का उनका अधिकार वापस दिलवा गया Iयह फैसला इस बात को पुष्ट करता है कि रास्ते का अधिकार पूर्ण नहीं है और भूस्वामी अवैध अतिक्रमणों से कानूनी रूप से संपत्ति वापस ले सकते हैं।
27 अतिक्रमणकारियों 3.5 लाख का जुर्माना ,
सोसाइटी का लगभग 15 प्रतिशत भूमि जिसे, आरजी ( मनोरंजन मैदान) के रूप में दिया गया था I और एक बगीचे के लिए आरक्षित किया गया था I परंतु 1998 से फेरीवालों ने उस जमीन पर अतिक्रमण कर लिया था, आज वों सभी अतिक्रमणकारियों पर 3.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया I
अब वापस सोसाइटी वालों ने उस जमीन पर बगीचा लगाने का परियोजना बना रहे हैं I
इस सड़क का यात्रियों द्वारा उपयोग
कृष्णा सोसाइटी में कुल 117 फ्लैट हैं, जिनमें 39 कारोबार/धंधा करने वाली जगहें भी शामिल हैं। जिसमे 1998 में माफिया और फेरीवालों ने बगीचे के लिए आरक्षित जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया I पिछले कुछ सालों से आम यात्रियों ने भी इस निजी सड़क का उपयोग करना शुरू कर दिया था । क्योंकि उस रास्ते से निकलने पर सामने ही बस स्टॉप, रिक्सा स्टैंड सभी थे इसलिए यात्रियों को यह सड़क से गुजरना आसान होता था। बीएमसी ने अब अवैध दुकानों को हटा दिया है और उस जमीन को वापस सोसाइटी वालों को दे दी I
26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सोसाइटी को जमीन लौटाने का आदेश दिया। सोसाइटी के सदस्यों के अनुसार , उन्होंने इस लड़ाई के लिए सालों से मेहनत व पैसे दोनों खर्च किए हैं। अंत मे जित सोसाइटी के हित में ही हुआ I नमी कृष्णा सोसाइटी ने अपनी जमीन वापस पाने के बाद वो रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दिए I
पिछले साल, बीएमसी ने 19 अवैध ढांचों को हटा दिया था, और अंतिम आदेश के बाद कुछ दिन पहले शेष दुकानें हटा दी गईं। इस रास्ते का बंद होने से लोगों आने- जाने मे दिक्कतें हो रही हैं। पहले वो स्टेशन से सीधा बस स्टैंड पर पहुँच जाते थे ,परंतु अब उन्हे काफी चलना पड़ता है I