Mumbai लोकल ट्रेन में रात को हुड़दंग मचाया, RPF को क्यों पड़ी स्पेशल टीम की ज़रूरत?
इस मध्य रेलवे के पुलिस बल के अधिकारियों ने पूरे मुंबई डिविजन की स्थिति को परखने के लिए अब 4 स्पेशल टीमें भी बनाई हुई हैं। सीएसएमटी से घाटकोपर, घाटकोपर से कल्याण और सीएसएमटी से मानखुर्द और मानखुर्द से पनवेल। 4 लोगों की एक टीम को दो शिफ्ट में भी लगाया गया है । और इन्हें पीक आवर्स में फोकस भी करने को कहा गया। 26 अप्रैल से अब 2 मई तक स्पेशल टीम की ड्राइव में अलग-अलग मामलों में भी क़रीब से 2 हज़ार केस बनाए गए हैं, जिससे इस रेलवे को अब 3.66 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त भी हुआ है।
मुंबई : मध्य रेलवे पर अब इन दिनों से रात की ट्रेनों में अपराध बढ़ता जा रहा है। 28 अप्रैल को कुछ लड़कों ने छोटी-सी बात को लेकर एक बुज़ुर्ग को चाकू भी घोंप दिया, तो कहीं चलती हुई लोकल से धक्का देकर युवक को गिरा भी दिया गया। रेलवे का यह कहना है कि इस चुनावों के कारण आरपीएफ जवानों की दो कंपनियां भी इलेक्शन ड्यूटी पर हैं। एक कंपनी में करीब से करीब100 जवान होते हैं। हालाकि, इस अपराध पर काबू पाने के लिए इस मध्य रेलवे ने स्पेशल टीम भी बनाई है, जिसमें से आरपीएफ के जवान अब दिन-रात, ट्रेन में और प्लैटफॉर्म पर, भीड़ में या तो स्टेशनों के सुनसान कोनों में ही पेट्रोलिंग कर रही है। आरपीएफ की इस स्पेशल टीम ने ही कुछ स्टेशनों पर मोबाइल चोरों को रंगे हाथों भी पकड़ा हुआ है।
आरपीएफ क्यों बनवा रही है अब बायोमैट्रिक रेकॉर्ड
एक अधिकारी ने यह बताया है की स्पेशल टीम पेट्रोलिंग के दौरान में से संदेह के आधार पर लोगों को फॉलो भी करती है। ऐसे में, कुछ केसेज में उस आरोपियों को यात्रियों के बैग और जेब से मोबाइल भी निकालते हुए लाइव पकड़ा गया है। कई स्टेशनों पर तो अब रात में नशेड़ियों को भी पकड़ा हुआ है। अधिकारी ने यह बताया है कि इस तरह के लोगों से बायोमैट्रिक रेकॉर्ड भी चेक किया रहा है, तब कुछ भी मिलता ही नहीं। ये लोग बिना आधार कार्ड बनवाए ही घूमते फिरते रहते हैं। इस तरह के लोगों का बायोमैट्रिक रेकॉर्ड रखने के लिए अब आरपीएफ ने इनके आधार कार्ड भी बनवाए गए हैं।
स्पेशल टीम की अब स्पेशल ड्राइव
इस मध्य रेलवे के पुलिस बल के अधिकारियों ने पूरे मुंबई डिविजन की स्थिति को परखने के लिए अब 4 स्पेशल टीमें भी बनाई हुई हैं। सीएसएमटी से घाटकोपर, घाटकोपर से कल्याण और सीएसएमटी से मानखुर्द और मानखुर्द से पनवेल। 4 लोगों की एक टीम को दो शिफ्ट में भी लगाया गया है । और इन्हें पीक आवर्स में फोकस भी करने को कहा गया। 26 अप्रैल से अब 2 मई तक स्पेशल टीम की ड्राइव में अलग-अलग मामलों में भी क़रीब से 2 हज़ार केस बनाए गए हैं, जिससे इस रेलवे को अब 3.66 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त भी हुआ है।
RPF को पड़ी स्पेशल टीम की ज़रूरत?
अब मुंबई में यात्रियों की संख्या के हिसाब में से जवानों की संख्या भी बहुत कम ही है। इस रेलवे को यात्री सुरक्षा के लिए भी अब एमएसएफ और होमगार्ड जैसी एजेंसियों की सेवा लेनी पड़ रही है। दूसरी ओर से स्टेशनों या प्लैटफॉर्म पर लगे हुए सीसीटीवी के एक्सेस भी आरपीएफ के पास ही होते हैं। नए कैमरे में एआई तकनीक भी है, जिससे इस अपराधियों के रिकॉर्ड से चेहरे को भी पहचाने जा सकते हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल कर के स्पेशल टीम को टारगेट एरिया में काम करती है। ऐसे में ही,इस गंभीर अपराध को भी कम किया जा सकता है। इसके साथ में ही रेलवे के परिसरों में भी घूमने वाले बेटिकट लोग या दिव्यांग कोच में अतिक्रमण करने वाले लोगों पर भी नकेल कसी जा भी सकती है। ऐसे में, रेलवे के लिए अब SALE आरपीएफ की स्पेशल टीमें को कारगर साबित हो रही हैं।