मुंबई: love you mumbai उत्तर भारतीयों की नाराजगी क्या मोल लेगी BJP? लेकिन महाराष्ट्र की सियासत में क्या चल रहा है अब।

मनसे के स्थापना दिवस पर अब राज ठाकरे ने यह कहा था कि मराठियों का सम्मान करो वरना थप्पड़ के लिए तैयार हो जाओ।

मुंबई: love you mumbai उत्तर भारतीयों की नाराजगी क्या मोल लेगी BJP? लेकिन महाराष्ट्र की सियासत में क्या चल रहा है अब।

मुंबई: चुनावों से पहले महाराष्ट्र में बड़ी हलचल सामने आई है। बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के राज ठाकरे की एंट्री तय मानी जा गई है। लेकिन तो महायुति के चौथे पार्टनर के तौर पर अब मनसे का नाम घोषित किया जा सकता हैं। महाराष्ट्र में राज ठाकरे को साथ लेने के कारण यह कहा जा रहा है कि 

बीजेपी और उद्धव ठाकरे के फैक्टर को काटकर अब महाविकास के अघाड़ी को फिर से कमजोर किया जाएगा, लेकिन सवाल के साथ सवाल भी खड़ा हो रहा है कि उत्तर भारतीयों के नजर में अब खलनायक भी थे। राज ठाकरे को साथ में लेकर बीजेपी और यूपी-बिहार की तरह हिंदी पट्‌टी वाले राज्य में नुकसान करना चाहेगी। लेकिन राज ठाकरे ने हिंदी भाषा को लेकर भी सवाल खड़े करते हुए आए हैं। लेकिन उन्होंने यह कहा था कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं है।

मोर्चा खोला था मनसे ने ही

2006 में राज ठाकरे ने नव निर्माण सेना (मनसे) की स्थापना भी की थी। मुंबई में निशाना बनाए जाने के कारण से प्रसिद्धि भी हासिल हुई थी। 2009 के विधानसभा के चुनावों में से 13 सीटों पर जीत भी मिली थी। लेकिन इसके बाद के सालों में से पार्टी ने बीएमसी में सीटें भी जीती थी, लेकिन 2019 के चुनावों में से पार्टी कोई भी सीट नहीं जीत पाई थीं इसलिए पार्टी का वोट 2.25% रह भी गया था। क्या अब बीजेपी राज ठाकरे को शामिल करके उत्तर भारतीयों को साथ की अब उस नाराजगी का मोल लेना चाहती हैं 

 अगर एनडीए में राज ठाकरे की एंट्री होगी तो बिहार में I.N.D.I.A की पार्टियों इसे मुद्दा भी बना सकती है, लेकिन तो झारखंड के जमशेदपुर में बिहारियों और हिंदी भाषियों के खिलाफ अब इस मामले का पिछले ही साल सब खत्म हो चुका है। इसलिए राज ठाकरे ने माफी भी मांगी थी इसके बाद से कोर्ट में मामला खत्म हो गया था। और यह मामला 9 मार्च 2007 का है। मुंबई के सायन मनसे के स्थापना दिवस पर अब राज ठाकरे ने यह कहा था कि मराठियों का सम्मान करो वरना थप्पड़ के लिए तैयार हो जाओ। वरना कान पकड़कर खदेड़ दिए भी जाएंगे। लेकिन तब मनसे ने 2014 और 2019 का चुनाव भी नहीं लड़ा था।