मुम्बईकर हो जाये सावधान, मानसून के बाद तेजी से फैल रही है ये बीमारी
1 से 15 सितंबर के बीच मुंबई में चार बच्चों के संक्रमित मल और मूत्र के संपर्क में आने वाले बीमारी लेप्टोस्पयारोसिस के 35 मामले सामने आए हैं डॉक्टर दक्षा शाह ने बताया कि पहले की तुलना में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या कम हुई है.
मुंबई के मानसून के बाद मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप और भी बढ़ रहा है मुंबई के लोग मच्छर जनित बीमारियों का शिकार हो रहे हैं सितंबर में महानगर में हर घंटे औसतन दो लोगों की मौत डेंगू से वजह से हो रही है. एक दिन में औसतन 43 मेलेरिया के मरीज भी पाए गए हैं.
बीएमसी स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर के पहले 15 दिनों में अधिकतम 705 लोगों में डेंगू का पता लगाया गया है 662 लोग मलेरिया से संक्रमित हुए हैं.
चिकनगुनिया के मरीज बड़े लीलावती हॉस्पिटल के आंतरिक चिकित्सा विकास विशेषज्ञ डॉक्टर सी. सी. नायर ने कहा कि हमारे अस्पताल में मानसून के समय डेंगू और चिकनगुनिया के कई मरीज मिले हैं जिनमें से 50 से 60 फ़ीसदी मजदूरों को भर्ती किया जा चुका है क्योंकि कभी-कभी उनका प्लेटलेट काउंट अचानक से कम होने लगता है अस्पताल में वही 6 से 7 दिन में वह लोग ठीक हो जाते हैं पिछले 15 दिनों में मुंबई में चिकनगुनिया के 78 मामले सामने आए हैं
कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी के सलाहकार संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शालमली इमानदार ने कहा कि हमारे पास चिकनगुनिया और डेंगू के मामले लगातार आ रहे हैं. चिकनगुनिया के मरीज बुखार और जोड़ों के दर्द से शिकायत लेकर आते हैं और यह बीमारी कुछ मरीजों के हृदय की मांसपेशियों को भी प्रभावित करती है. जिनसे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है ओपीडी में आने वाले 30% मरीजों को प्रवेश की जरूरत पड़ी जिसमें से 10% लोगों को मरीजों को आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है. बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दक्षा शाह ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर में अक्सर रुक-रुक कर बारिश होती रहती है जिसके कारण बोतल प्लास्टिक या थर्माकोल के बर्तनों नारियल के छिलकों और अन्य कचरो में पानी जमा हो जाता है जिस पर लोगों का ध्यान नहीं जाता है इसमें थोड़ा सा पानी भी मच्छरों को पनपना के लिए काफी है इसलिए इन दो महीना में मच्छरों से होने वाली बीमारियों की संख्या सबसे ज्यादा सबसे अधिक होती है. लोगों को अपने घर सोसाइटी के छतों और आसपास में साफ सफाई का महत्वपूर्ण ध्यान देना चाहिए.
1 से 15 सितंबर के बीच मुंबई में चार बच्चों के संक्रमित मल और मूत्र के संपर्क में आने वाले बीमारी लेप्टोस्पयारोसिस के 35 मामले सामने आए हैं डॉक्टर दक्षा शाह ने बताया कि पहले की तुलना में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या कम हुई है कम बारिश के कारण लेप्टो के मरीज भी काम हो रहे हैं