मुंबई: NCP एमएलसी अमोल मिटकरी ने IPS अंजना कृष्णा पर दिया बयान लिया वापस, मांगी माफी

एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार और आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के बीच फोन पर हुई बहस से जुड़ा विवाद अब थमता दिखाई दे रहा है. एनसीपी (अजित पवार गुट) के एमएलसी अमोल मिटकरी, जिन्होंने अंजना कृष्णा के शैक्षिक और जाति प्रमाणपत्रों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने शनिवार (6 सितंबर) को अपना बयान वापस ले लिया और माफी मांग ली. एमएलसी अमोल मिटकरी ने हाल ही में यूपीएससी को एक पत्र लिखकर अंजना कृष्णा के दस्तावेजों की जांच की मांग की थी. उनका कहना था कि एक आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति से पहले यह सुनिश्चित होना चाहिए कि उसके सभी प्रमाणपत्र और शैक्षिक योग्यता पूरी तरह वैध हों. हालांकि, शनिवार को उन्होंने अपने ट्वीट को वापस लेते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी की छवि को ठेस पहुंचाना नहीं था और अगर उनके बयान से किसी को दुख पहुंचा है तो वे माफी मांगते हैं. अंजना पर पवार ने कार्रवाई न करने का बनाया था दवाब जानकारी के अनुसार बता दें कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र के करमाला उप-विभागीय पुलिस अधिकारी अंजना कृष्णा ने सोलापुर जिले में अवैध मिट्टी उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई की. इस कार्रवाई से नाराज एनसीपी कार्यकर्ता बाबा जगताप ने अजित पवार को फोन लगाया और उनसे अधिकारी से बात करने को कहा. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में अजित पवार को कथित तौर पर अधिकारी को फटकार लगाते और कहते सुना गया कि कार्रवाई रोक दी जाए. वीडियो में वे यह भी कहते सुनाई दिए- "मैं आपको आदेश देता हूं कि वो रुकवाओ" और "मैं तेरे पर एक्शन लूंगा." वीडियो वायरल के बाद पवार पर बढ़ा दबाव वीडियो सामने आते ही अजित पवार पर दबाव बढ़ गया और विपक्षी दलों ने उन पर प्रशासनिक मामलों में अनुचित हस्तक्षेप का आरोप लगाया. आलोचनाओं का सामना करने के बाद पवार ने शुक्रवार को सफाई दी कि उनका मकसद अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देना नहीं था, बल्कि उस समय की तनावपूर्ण स्थिति को कम करना था. उन्होंने कहा कि वे नियम-कानून के खिलाफ कोई आदेश देने का इरादा नहीं रखते थे. अवैध खनन के मामलों पर अंजना की कार्रवाई तेज अब अमोल मिटकरी की माफी के बाद इस विवाद पर विराम लगता दिख रहा है. अंजना कृष्णा की सख्त कार्यशैली को लेकर जहां उन्हें जनता का समर्थन मिला है, वहीं नेताओं की भूमिका पर सवाल उठे हैं. फिलहाल, अंजना कृष्णा अपनी जिम्मेदारियों के साथ कार्य कर रही हैं और जिला प्रशासन अवैध खनन के मामलों पर कार्रवाई जारी रखे हुए है.

मुंबई: NCP एमएलसी अमोल मिटकरी ने IPS अंजना कृष्णा पर दिया बयान लिया वापस, मांगी माफी

एनसीपी अध्यक्ष अजित पवार और आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के बीच फोन पर हुई बहस से जुड़ा विवाद अब थमता दिखाई दे रहा है. एनसीपी (अजित पवार गुट) के एमएलसी अमोल मिटकरी, जिन्होंने अंजना कृष्णा के शैक्षिक और जाति प्रमाणपत्रों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने शनिवार (6 सितंबर) को अपना बयान वापस ले लिया और माफ मांग ली.

एमएलसी अमोल मिटकरी ने हाल ही में यूपीएससी को एक पत्र लिखकर अंजना कृष्णा के दस्तावेजों की जांच की मांग की थी. उनका कहना था कि एक आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति से पहले यह सुनिश्चित होना चाहिए कि उसके सभी प्रमाणपत्र और शैक्षिक योग्यता पूरी तरह वैध हों. हालांकि, शनिवार को उन्होंने अपने ट्वीट को वापस लेते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी की छवि को ठेस पहुंचाना नहीं था और अगर उनके बयान से किसी को दुख पहुंचा है तो वे माफी मांगते हैं.

अंजना पर पवार ने कार्रवाई न करने का बनाया था दवाब

जानकारी के अनुसार बता दें कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र के करमाला उप-विभागीय पुलिस अधिकारी अंजना कृष्णा ने सोलापुर जिले में अवैध मिट्टी उत्खनन के खिलाफ कार्रवाई की. इस कार्रवाई से नाराज एनसीपी कार्यकर्ता बाबा जगताप ने अजित पवार को फोन लगाया और उनसे अधिकारी से बात करने को कहा. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में अजित पवार को कथित तौर पर अधिकारी को फटकार लगाते और कहते सुना गया कि कार्रवाई रोक दी जाए. वीडियो में वे यह भी कहते सुनाई दिए- "मैं आपको आदेश देता हूं कि वो रुकवाओ" और "मैं तेरे पर एक्शन लूंगा."

वीडियो वायरल के बाद पवार पर बढ़ा दबाव

वीडियो सामने आते ही अजित पवार पर दबाव बढ़ गया और विपक्षी दलों ने उन पर प्रशासनिक मामलों में अनुचित हस्तक्षेप का आरोप लगाया. आलोचनाओं का सामना करने के बाद पवार ने शुक्रवार को सफाई दी कि उनका मकसद अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देना नहीं था, बल्कि उस समय की तनावपूर्ण स्थिति को कम करना था. उन्होंने कहा कि वे नियम-कानून के खिलाफ कोई आदेश देने का इरादा नहीं रखते थे.

अवैध खनन के मामलों पर अंजना की कार्रवाई तेज

अब अमोल मिटकरी की माफ के बाद इस विवाद पर विराम लगता दिख रहा है. अंजना कृष्णा की सख्त कार्यशैली को लेकर जहां उन्हें जनता का समर्थन मिला है, वहीं नेताओं की भूमिका पर सवाल उठे हैं. फिलहाल, अंजना कृष्णा अपनी जिम्मेदारियों के साथ कार्य कर रही हैं और जिला प्रशासन अवैध खनन के मामलों पर कार्रवाई जारी रखे हुए है.