Bombay High Court: पायलट ने बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर की याचिका
सिंह के वकील साहिल श्याम देवानी ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में संशोधन की आवश्यकता है क्योंकि 12 मार्च, 2022 को सरकार ने सिख यात्रियों को एक विशेष आकार की कृपाण ले जाने की अनुमति देने वाले दिशानिर्देश जारी किए थे. हालांकि, दिशानिर्देशों में कहा गया है कि हवाई अड्डों या एयरलाइंस में काम करने वाले कर्मचारियों (सिख धर्म से संबंधित लोगों सहित) को कृपाण ले जाने की अनुमति नहीं है.
Carry Kirpan in Flight: निजी एयरलाइन ‘इंडिगो’ में काम करने वाले एक पायलट ने बंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र सरकार को यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया है कि वह उड़ान के दौरान उसे कृपाण साथ ले जाने की अनुमति प्रदान करे. इंडिगो का संचालन करने वाली ‘इंटरग्लोब एविएशन’ के पायलट अंगद सिंह ने हाई कोर्ट की नागपुर पीठ के समक्ष दायर याचिका में दावा किया कि उन्हें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के रूप में कृपाण ले जाने का अधिकार है. न्यायमूर्ति नितिन एस. और न्यायमूर्ति अभय मंत्री की खंडपीठ ने सोमवार को केंद्र सरकार और एयरलाइन को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी, 2024 के लिए तय की.
वकील ने कही ये बात
सिंह के वकील साहिल श्याम देवानी ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में संशोधन की आवश्यकता है क्योंकि 12 मार्च, 2022 को सरकार ने सिख यात्रियों को एक विशेष आकार की कृपाण ले जाने की अनुमति देने वाले दिशानिर्देश जारी किए थे. हालांकि, दिशानिर्देशों में कहा गया है कि हवाई अड्डों या एयरलाइंस में काम करने वाले कर्मचारियों (सिख धर्म से संबंधित लोगों सहित) को कृपाण ले जाने की अनुमति नहीं है. याचिका में दावा किया गया कि यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. इसके अलावा, यात्रियों को विमान में कृपाण ले जाने की अनुमति देना, लेकिन एयरलाइन कर्मचारियों को यही अधिकार न देना तर्क के विपरीत है.
किसे कहते हैं कृपाण?
कृपाण पंज कक्कड़ (5 केएस) का हिस्सा है जिसे सभी आरंभिक सिखों को पहनना आवश्यक है. 'कृपाण' शब्द का अनुवाद 'दया (कृपा) और सम्मान (आन)' है. यह सभी आरंभिक सिखों द्वारा किया जाता है और मानव जाति की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए एक गंभीर दायित्व का प्रतिनिधित्व करता है.